खेल रत्न न मिलने से अदालत गईं तीरंदाज ज्योति सुरेखा

अदालत ने खेल मंत्रालय को जारी किया अंतरिम आदेश
खिलाड़ियों को नौ जनवरी को वितरित होने हैं अवॉर्ड
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों को लेकर एक बार फिर विवाद छिड़ गया है। हांगझोऊ एशियाई खेलों में तीन स्वर्ण पदक जीतने वाली तीरंदाज ज्योति सुरेखा ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड नहीं दिए जाने पर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट की शरण ले ली। अदालत ने शुक्रवार को ज्योति की याचिका को स्वीकार करते हुए खेल मंत्रालय को अंतरिम आदेश भी जारी कर दिया। आदेश में मंत्रालय से 8 जनवरी से पहले ज्योति की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर विचार करते हुए इस पर यथाशीघ्र कार्रवाई करने को कहा है।
जस्टिस एएम खानविल्कर की अगुवाई वाली अवॉर्ड कमेटी ने सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड के लिए चुना था, जिस पर खेल मंत्रालय ने भी अपनी मुहर लगा दी थी। ज्योति ने उन्हें खेल रत्न केलिए नहीं चुनने पर खेल मंत्रालय से 14 दिसंबर को एक प्रार्थना पत्र में गुहार लगाई थी कि उन्हें यह अवॉर्ड दिया जाना चाहिए। उनकी उपलब्धियों के हिसाब से उनके 148.74 अंक बनते हैं, जबकि सात्विक और चिराग के 58 अंक ही बनते हैं। बावजूद इसके उन्हें अवॉर्ड के लिए नहीं चुना गया। मंत्रालय ने ज्योति के इस पत्र का जवाब नहीं दिया, जिसके चलते उन्होंने अदालत की शरण ले ली।
अदालत ने ज्योति की याचिका को न सिर्फ स्वीकार किया बल्कि इस पर अंतरिम आदेश भी जारी कर दिया। ज्योति की याचिका पर अदालत ने खेल मंत्रालय, अवॉर्ड कमेटी के सभी सदस्यों और सात्विक-चिराग को इस संबंध में साक्ष्य पेश करने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि नौ जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू की ओर से राष्ट्रपति भवन में खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए अदालत ने 8 जनवरी से पहले ज्योति की याचिका पर विचार करने के लिए खेल मंत्रालय को आदेश दिया है।

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