गोवा राष्ट्रीय खेलों के 25 खिलाड़ियों पर डोपिंग का डंक

अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ ज्यादातर पदक विजेता शामिल
उत्तर प्रदेश की वंदना गुप्ता समेत कई बड़े नाम शामिल
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय खिलाड़ी कामयाबी के लिए गलत रास्ते पर चल निकले हैं। गोवा में हुए 37वें राष्ट्रीय खेलों में 25 खिलाड़ियों का डोपिंग में पकड़ा जाना इसका जीता जागता उदाहरण है। पकड़े गए खिलाड़ियों में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ कई पदक विजेता भी शामिल हैं। नाडा ने सभी खिलाड़ियों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें दूसरा सेम्पल देने को कहा है।
साल के अंत में वर्ष 2023 का सबसे बड़ा डोपिंग स्कैंडल सामने आया है। गोवा में 25 अक्टूबर से 9 नवंबर तक हुए राष्ट्रीय खेलों में रिकॉर्ड 25 खिलाड़ी डोप में फंसे हैं। इनमें नौ एथलीट समेत ज्यादातर पदक विजेता हैं। वेटलिफ्टिंग के भी सात खिलाड़ी टेस्ट में फेल मिले हैं। इनमें कुछ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी हैं। नाडा ने सभी को बी सेम्पल कराने को कहा है।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने स्टेरॉयड के लिए डोप में फंसने वाले खिलाड़ियों को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि राष्ट्रीय डोप टेस्ट लैबोरेटरी की ओर से टेस्टिंग जारी है। इसमें चार से पांच और खिलाड़ी फंस सकते हैं। इतनी बड़ी संख्या में खिलाड़ियों के डोप में पकड़े जाने से आयोजकों और भारतीय ओलम्पिक संघ की नींद उड़ी हुई है।
डोप टेस्ट में पॉजिटिव खिलाड़ियों में वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण जीतने वाली यूपी की वंदना गुप्ता, 200 मीटर का रजत जीतने वाली कमलजीत कौर, 5000 मीटर का कांस्य जीतने वाले अजय कुमार के अलावा एथलीट फरमान अली, प्रवीण कुमार, वी नेहा, हरजोधवीर सिंह, मुक्केबाज भावना, रजत पदक जीतने वालीं साइक्लिस्ट अनीता देवी भी शामिल हैं। यह पहली बार है बिलियर्ड्स का एक खिलाड़ी भी डोप में पकड़ा गया है। एथलेटिक्स व वेटलिफ्टिंग के अलावा मुक्केबाजी के दो, साइकलिंग, कुश्ती, ट्रायथलन, नेटबाल, कबड्डी व तैराकी के एक-एक खिलाड़ी फंसे हैं।
पहले भी मामले सामने आए, प्रतिबंध तक लगा
2015 में केरल राष्ट्रीय खेलों में 16 खिलाड़ी डोप में पकड़े गए थे। बीते वर्ष गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों में 10 खिलाड़ी डोप पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता संजीता चानू भी थी। उन पर 4 वर्ष का प्रतिबंध भी लगा।

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