एशिया की सर्वश्रेष्ठ एथलीट बनी तीरंदाज शीतल देवी

एशिया पैरालम्पिक समिति ने किया सम्मानित
एशियाई तीरंदाजी में दो स्वर्ण समेत जीते कुल तीन पदक
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
देश ही नहीं होनहार बिना बाजुओं की तीरंदाज शीतल देवी दुनिया की आंखों का नूर बन गई है। एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पूरी दुनिया को अपने जज्बे का कायल बनाने वाली शीतल देवी को एशिया की सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट चुना गया है। एशियाई पैरालम्पिक समिति ने रियाद (सऊदी अरब) में उन्हें एशिया के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया। शीतल ने तिरंगे को लपेटकर कोच अभिलाषा के साथ इस पुरस्कार को ग्रहण किया।
वर्ल्ड आर्चरी (तीरंदाजी की सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय संस्था) के अनुसार बिना बाजुओं के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी करने वाली शीतल दुनिया की पहली महिला तीरंदाज हैं। शीतल पहली बार सुर्खियों में तब आईं जब उन्होंने इस वर्ष विश्व पैरा तीरंदाजी चैम्पियनशिप में पदक जीता, लेकिन दुनिया की नजरों में वह हांगझोऊ पैरा एशियाई खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतकर छाईं। उनका स्वर्ण पदक पर निशाना साधते हुए वीडियो जमकर वायरल हुआ। जन्म से हाथ नहीं होने के बावजूद शीतल पैर, कंधे और मुंह के सहारे धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाकर निशाना लगाती हैं।
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ क्षेत्र की रहने वाली 16 शीतल को सेना की ओर से कटरा स्थित माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड तीरंदाजी अकादमी में लाया गया था। यहां आने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। एशियाई पैरा खेलों के बाद उन्होंने 23 नवम्बर को बैंकॉक में समाप्त हुए एशियाई पैरा तीरंदाजी में स्वर्णिम प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता। 
शीतल का कहना है कि वह यह अवॉर्ड जीतकर गौरवान्वित महसूस कर रही हैं और इसे देशवासियों को समर्पित करती हैं। शीतल का एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह पानी की बोतल को अपने पैर की उंगलियों से उठाकर उसे उछाल रही हैं, जो वापस जमीन पर पहले की तरह स्थापित हो जाती है। वहीं, उनकी साथी हाथ से भी बोतल को उछाल कर ऐसा नहीं कर पा रही है।

 

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