हॉकी बेटियों ने जीती एशियन चैम्पियनशिप ट्रॉफी

खिताबी मुकाबले में जापान को 4-0 से हराया
प्रत्येक खिलाड़ी को हॉकी इंडिया देगा तीन लाख रुपये
खेलपथ संवाद
रांची।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने एशियन चैम्पियनशिप ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया है। झारखंड के रांची में मारंग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में खिताबी मुकाबले में रविवार को भारतीय बेटियों ने जापान को 4-0 से हराकर अपना दूसरा महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी खिताब हासिल किया।
भारत की तरफ से 17वें मिनट में संगीता कुमारी ने पहला तो 46वें मिनट में नेहा ने दूसरा गोल दागा। वहीं सियामी लरेम ने 57वें मिनट में तीसरा गोल, 60वें मिनट में वंदना कटारिया ने चौथा गोल मारा और भारत को अविश्वसनीय जीत दिलाई और 2016 के बाद अपना पहला महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी खिताब जीता।
जीत के बाद, हॉकी इंडिया ने प्रत्येक खिलाड़ी के लिए तीन लाख रुपये और प्रत्येक सहयोगी स्टाफ सदस्य को 1.5 लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की। हॉकी इंडिया ने ट्वीट किया- “हॉकी इंडिया ने झारखंड महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी रांची 2023 की विजेता टीम के सभी खिलाड़ियों के लिए 3-3 लाख रुपये और सभी सहयोगी स्टाफ के लिए 1.5 लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की है। टीम इंडिया को बधाई।”
45 मिनट की देरी से शुरू होने के बाद, शुरुआती क्वार्टर में कड़ा मुकाबला हुआ और भारत ने गेंद पर अधिकांश कब्ज़ा बनाए रखा। जापान जवाबी हमला करना चाहता था, यूरी नागाई के पास अपनी टीम को शुरुआती बढ़त दिलाने का अच्छा मौका था, लेकिन भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया ने उनके प्रयास को विफल कर दिया। दीपिका भारत के लिए गोल करने के करीब थीं, लेकिन उन्होंने थोड़ा ज्यादा शॉट लगाया और लक्ष्य से चूक गईं। वर्ल्ड नंबर 11 जापान शुरुआती क्वार्टर में रक्षात्मक रूप से मजबूत था, लेकिन दूसरा क्वार्टर शुरू होने के तुरंत बाद, संगीता कुमारी ने भारत के लिए गोल कर उन्हें बढ़त दिला दी।
पहले हाफ की समाप्ति पर जापान को कई पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन सविता पूनिया ने बाकी डिफेंडरों के साथ मिलकर गोल की अच्छी तरह से रक्षा की। तीसरा क्वार्टर गोलरहित निकलने के बाद अंतिम क्वार्टर की शुरुआत में पेनल्टी कॉर्नर के जरिए नेहा ने भारत को अपना दूसरा गोल दिलाया। जापान पेनल्टी कॉर्नर के जरिए गोल कर सकता था लेकिन सविता ने अच्छा बचाव किया। भारत को आखिरकार तीसरे क्वार्टर में अपना दूसरा गोल मिल गया। एक बेहतरीन पेनल्टी कॉर्नर को नेहा ने गोल में बदला। इसके बाद लालरेम्सियामी और वंदना कटारिया ने अंतिम क्षणों में दो गोल करके भारत की जीत पक्की कर दी।
भारत की इस संस्करण में सात मैचों में यह लगातार सातवीं जीत थी। भारतीय टीम के लिए संगीता कुमारी ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा छह गोल किए जबकि चीन की जियाकी झोंग सात गोल के साथ टॉप स्कोरर रहीं। इससे पहले, कांस्य पदक मुकाबले में चीन के लिए यी चेन ने तीसरे और तियांतियन लोउ ने 47वें मिनट में गोल किए। वहीं, कोरिया के लिए एकमात्र गोल सुजिन एन ने 38वें मिनट में दागा। कोरिया को चौथे, मलेशिया को पांचवें और थाईलैंड को छठे स्थान से संतोष करना पड़ा।
भारत ने 2016 में हासिल किया था खिताब
राउंड रॉबिन लीग चरण के आधार पर खेले गए इस टूर्नामेंट में कुल छह टीमें भाग ले रही थीं। जिसमें मेजबान भारत के अलावा चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया और थाईलैंड की टीमें शामिल थीं। लीग चरण के बाद अंकतालिका की टॉप-4 टीमों ने सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। भारतीय महिला टीम ने इससे पहले 2016 में यह खिताब अपने नाम किया था जबकि भारतीय टीम 2013 और 2018 में रजत पदक जीत चुकी है।
खिताबी जीत के बाद, भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता पूनिया ने कहा, ”बहुत अच्छा लग रहा है। जापानी टीम बहुत अच्छा खेली। हाफ टाइम के बाद हमने तय किया कि हमें आक्रामक खेलना है।” वहीं भारतीय कोच जेनेके शोपमैन ने कहा, “आप फाइनल में 4-0 के स्कोर की उम्मीद नहीं करते हैं। यह कठिन था, यह 2-0 था और उन्हें पेनल्टी स्ट्रोक मिला और उन्होंने एक गोल किया, खेल खुला हुआ होता। मुझे उम्मीद थी कि हम पहले हाफ में गेंद पर बेहतर खेलेंगे, हम थोड़ा झिझक रहे थे। सविता एक महान गोलकीपर हैं और उन्होंने आज अच्छा प्रदर्शन किया। यहां प्रशंसकों का समर्थन अद्भुत है और लड़कियों को इससे बहुत ऊर्जा मिलती है।”

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