चीन में दिव्यांग खिलाड़ियों ने रचा इतिहास

हांगझोऊ एशियाई खेलों में जीते 111 पदक
खेलपथ संवाद
हांगझोऊ।
भारतीय दिव्यांग खिलाड़ियों ने शनिवार को चीन में इतिहास रच दिया। भारतीय एथलीटों ने हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों में अपना अभियान 111 पदकों के साथ समाप्त किया, जो किसी भी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल प्रतियोगिता में देश के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। पैरा एथलीटों ने 29 स्वर्ण, 31 रजत और 51 कांस्य के साथ कुल 111 पदक जीते।
भारतीय पैरा एथलीटों ने 23 सितम्बर से आठ अक्टूबर तक आयोजित हांगझोऊ एशियाई खेलों में भारत द्वारा जीते गए 107 पदकों के रिकॉर्ड से चार पदक अधिक जीते। एशियाई खेलों में भी भारत ने 100 से ज्यादा पदक जीतकर रिकॉर्ड बनाया था। भारत एशियाई खेलों में 'अबकी बार, 100 पार' के लक्ष्य के साथ उतरा था और उसे पार किया था। अब पैरा एशियाई खेलों में भी भारत ने इतिहास रचा और 100 से ज्यादा पदक जीते। पैरा एशियाई खेलों में पिछला रिकॉर्ड 72 पदकों का था।
पैरा एशियाई खेलों में पांचवें स्थान पर रहा भारत
पदक तालिका में भारत चीन (521 पदक: 214 स्वर्ण, 167 रजत, 140 कांस्य), ईरान (44 स्वर्ण, 46 रजत, 41 कांस्य), जापान (42 स्वर्ण, 49 रन, 59 कांस्य) और कोरिया (30 स्वर्ण, 33 रजत, 40 कांस्य) से नीचे पांचवें स्थान पर रहा, जो अपने आप में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। पहला पैरा एशियाई खेल 2010 में चीन के ग्वांगझू में आयोजित किया गया था, जहां भारत एक स्वर्ण सहित 14 पदकों के साथ 15वें स्थान पर रहा था। 2014 और 2018 संस्करण में भारत क्रमशः 15वें और नौवें स्थान पर रहा था।
दीपा मलिक ने की तारीफ
भारत ने 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार 100 से अधिक (101) पदक जीते थे। भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक ने पीटीआई से कहा, "हमने इतिहास रचा है, हमारे पैरा एथलीटों ने देश को गौरवान्वित किया है। हम पेरिस पैरालंपिक में टोक्यो से भी अधिक पदक जीतेंगे।"
भारत ने 2018 के रिकॉर्ड को काफी पीछे छोड़ा
उन्होंने कहा, "हालांकि, यह हमारे लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है। हमने 110 से 115 पदकों की उम्मीद की थी और हम 111 पर समाप्त हुए, जो शुभ संख्या (एंजेल नंबर) है।" गुरुवार को भारत 2018 संस्करण में हासिल किए गए पैरा एशियाड में सबसे ज्यादा 72 पदक (15 स्वर्ण, 24 रजत, 33 कांस्य) के संख्या को पार गया था। भारत ने 2018 संस्करण की तुलना में 39 अधिक पदक जीते, जिसमें एथलेटिक्स में भारत के कुल 111 में से 55 (18 स्वर्ण, 17 रजत, 20) का योगदान रहा।
भारतीय शटलरों ने चार स्वर्ण सहित 21 पदकों के साथ दूसरा सबसे बड़ा योगदान दिया। शतरंज और तीरंदाजी ने क्रमश: आठ और सात पदक जीते, जबकि निशानेबाजी ने छह पदक जीते। शनिवार को आखिरी दिन भारत ने चार स्वर्ण सहित 12 पदक अपने नाम किए। सात पदक शतरंज से, चार एथलेटिक्स से और एक रोइंग से आया।

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