कृषि क्षेत्र में जॉब की अपार सम्भावनाएं- अंकित अग्रवाल

राजीव एकेडमी में एग्रीकल्चर बिजनेस  पर अतिथि व्याख्यान

मथुरा। भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि एक तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है। देश में खेती के तौर-तरीकों में आए बदलावों का नतीजा है कि कृषि क्षेत्र खूब फल-फूल रहा है। हम कह सकते हैं कि आज हमारा कृषि क्षेत्र फास्ट ग्रोइंग सेक्टर बन चुका है। इस क्षेत्र में जॉब की अपार सम्भावनाएं हैं। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के बीबीए विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में अतिथि वक्ता अंकित अग्रवाल एंटरप्रेन्योर एण्ड मोटिवेशनल स्पीकर ने छात्र-छात्राओं को बताईं।

द न्यू बूम इन एग्रीकल्चर बिजनेस पर बोलते हुए रिसोर्स परसन अंकित अग्रवाल ने कहा कि आज हमारे यहां खेती से जुड़े आर्गेनिक खेती, फार्म मैनेजमेंट, फूड प्रोसेसिंग, एग्रीकल्चरल सप्लाई चेन मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर सेल्स एण्ड मार्केटिंग, बायोफर्टिलाइजर्स डेवलपमेंट, बायोइंजीनियरिंग जैसे कई नए क्षेत्र उभरे हैं, जहां करियर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में एग्रीकल्चर उद्योग शिखर पर पहुंच रहा है। यह करियर उन्नयन की दिशा में उच्च पैकेज की सम्भावनाओं से भरा क्षेत्र है।

रिसोर्स परसन ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में अब सिर्फ खेती किसानी ही नहीं, बल्कि एक अच्छे करियर की शुरुआत भी की जा सकती है। आपको मोटे तौर पर कृषि यंत्र, खाद उत्पादन, दलहन, चावल, गेहूं, फसल साफ करने वाले उद्योग, चावल पॉलिस उद्योग, भूसा से कागज निर्माण उद्योग आदि को बिजनेस या जॉब के उद्देश्य से सर्च करना चाहिए। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि पर निर्भरता कभी समाप्त नहीं हो सकती, इसे हम कमाई के तौर पर उपयोग कर सकते हैं। कोई भी इच्छुक व्यक्ति उपलब्ध जमीन पर पारम्परिक और अपारम्परिक खेती कर आत्मनिर्भर बन सकता है।

उन्होंने कहा कि आज के युग में खेती तकनीकी तौर-तरीकों से की जा रही है। पॉलीहाउस, एरोपॉनिक्स, हाइड्रोपॉनिक्स आदि ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें कम से कम जगह पर अधिक से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। यह तकनीक सरल और भी कारगर है। श्री अग्रवाल ने कहा कि कृषि उत्पादन विधियां अपडेट हो गई हैं। भारत सरकार ने उन्नत बीज, उन्नत खेती, उन्नत फसल उत्पादन क्षेत्र को युवाओं के लिए ओपन किया है जिसमें स्वर्णिम करियर बनाया जा सकता है। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने अतिथि वक्ता का आभार माना।

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