एशियाड में भारतीय स्केटरों ने दिलाए दो अप्रत्याशित कांस्य

इस खेल के प्रति अब बढ़ सकता है लोगों का रुझान
खेलपथ संवाद
हांगझोऊ।
भारतीय रोलर स्केटर्स ने एशियाई खेलों में सोमवार को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पुरुष और महिला 3000 मीटर टीम रिले स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीते। संजना बथूला, कार्तिका जगदीश्वरन, हीरल साधू और आरती कस्तूरी राज की भारतीय चौकड़ी ने 4:34.861 मिनट का समय निकालकर कांस्य पदक हासिल किया। चीनी ताइपे को स्वर्ण और दक्षिण कोरिया को रजत पदक मिला।
पुरुष वर्ग में आर्यनपाल सिंह घुमन, आनंद कुमार वेलकुमार, सिद्धांत कांबले और विक्रम इंगले ने 4:34.861 मिनट के समय के साथ कांसे का तमगा अपने नाम किया। भारतीय रोलर स्केटर्स ने ग्वांग्झू में 2010 एशियाई खेलों में पुरुषों की फ्री स्केटिंग और पेयर्स स्केटिंग में कांस्य पदक जीते थे।
उस समय पहली बार एशियाई खेलों में रोलरस्केटिंग को शामिल किया गया था। भारतीय क्रिकेटर संदीप वारियर की पत्नी डॉक्टर आरती ने जीत के बाद कहा , ‘कांस्य जीतने के बाद हमारे लिए कई मौके खुलेंगे क्योंकि भारत में यह खेल प्राथमिकता में नहीं है। यह दुखद है कि यह ओलंपिक खेल नहीं है।’ कांबले ने कहा, ‘हम पदक की उम्मीद कर रहे थे। चीनी ताइपे और कोरिया के साथ पोडियम पर रहना बड़ी बात है। वे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमें हैं और हम अभी उस स्तर पर नहीं हैं। हम दुनिया के शीर्ष 15 खिलाड़ियों में होंगे।’
बीस वर्ष के वेलकुमार ने कहा ,‘ यह सीनियर वर्ग में मेरी पहली रेस थी और अच्छा अनुभव रहा। पदक जीतना सपना सच होने जैसा है। भारत में लोग बहुत खुश होंगे।’ वहीं, 17 वर्ष की हीरल ने कहा ,‘यह मेरे पहले एशियाई खेल है। मैं सिर्फ 17 वर्ष की हूं और मुझे खुशी है कि टीम पदक जीता।’ पंद्रह वर्ष की कार्तिका ने कहा, ‘ इससे दूसरों को इस खेल में उतरने के लिए प्रेरणा मिलेगी। इससे साबित होता है कि हम किसी़ भी खेल में पदक जीत सकते हैं। उम्मीद है कि रोलर स्केटिंग में और भी स्पर्धायें होंगी।’

 

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