43 साल की उम्र में रोहन बोपन्ना ने जीता स्वर्ण पदक

मिश्रित युगल में रूतुजा के साथ बने चैम्पियन
खेलपथ संवाद
हांगझोऊ।
भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने एशियाई खेलों में कमाल कर दिया। उन्होंने 42 साल की उम्र में स्वर्ण पदक जीत लिया। बोपन्ना शनिवार (30 सितम्बर) को रूतुजा भोसले के साथ मिलकर मिश्रित युगल स्पर्धा में चैम्पियन बने। उन्होंने फाइनल मुकाबले में चीनी ताइपे के सुंग हाओ और एन शुओ की जोड़ी को 2-6, 6-3 (10-4) से हराकर जीत हासिल की। इससे पहले पुरुष युगल में रामकुमार रामनाथन और साकेत माइनेनी की जोड़ी ने रजत पदक जीता था।
बोपन्ना और रूतुजा ने मैच में धीमी शुरुआत की। दोनों पहला सेट 2-6 से हार गए। पहला सेट हारने के बाद बोपन्ना और रूतुजा ने जोरदार वापसी की। दोनों ने दूसरे सेट को 6-3 से अपने नाम किया। इसके बाद दूसरे सेट में सुपर टाई-ब्रेक हुआ। इसमें बोपन्ना और रूतुजा ने 10-4 से बाजी मारी। रोहन बोपन्ना अब दो बार के एशियाई खेल चैंपियन बन गए हैं। उन्होंने 2018 में दिविज शरण के साथ पुरुष युगल में जीत हासिल की थी। 43 साल के इस खिलाड़ी ने उम्र को बस एक नंबर साबित कर दिया। उनके अनुभव का लाभ रूतुजा को भी मिला। दोनों ने मिलकर चीनी ताइपे की जोड़ी को चौंका दिया।

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