डोपिंग की गिरफ्त में राजधानी दिल्ली

दिल्ली स्टेट एथलेटिक्स चैम्पियनशिप से खिलाड़ी गायब
100 मीटर फाइनल रेस में अकेले दौड़े ललित कुमार
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
दिल्ली स्टेट एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के आखिरी दिन अजीब वाकया देखने को मिला। 23 से 26 सितम्बर तक हुए इस टूर्नामेंट के अंतिम दिन जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) का खौफ देखने को मिला। नाडा के पदाधिकारियों को देखकर कई एथलीट स्टेडियम से भाग गए। स्थिति ऐसी थी कि पुरुषों के 100 मीटर रेस में सिर्फ एक खिलाड़ी ललित कुमार ने हिस्सा लिया।
दरअसल, टूर्नामेंट के दौरान स्टेडियम के एक शौचालय में प्रदर्शन-बढ़ाने वाली दवा एरिथ्रोपोइटिन (ईपीओ) के सीरिंज और पैकेट भरे हुए दिखाई दिए थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो नाडा के पदाधिकारी अगले दिन स्टेडियम पहुंच गए। जैसे ही उनके बारे में खिलाड़ियों को पता चला तो वह भाग खड़े हुए। दिल्ली एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव संदीप मेहता ने बुधवार को बताया, "हमने प्रतियोगिता के दूसरे दिन नाडा को पत्र लिखकर परीक्षण के लिए आने के लिए कहा था।"
संदीप मेहता ने आगे कहा, ''नाडा को खिलाड़ियों का परीक्षण करने का पूरा अधिकार है। यदि एथलीट पॉजिटिव पाए जाते हैं तो हम उन पर प्रतिबंध लगा देंगे और राष्ट्रीय एथलेटिक्स निकाय को भी ऐसा करने की सिफारिश करेंगे।" ओलम्पिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान एथलीटों के कई बार डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने से भारतीय खेल जगत हिल गया है और इस वर्ष 45 एथलीटों को निलंबित कर दिया गया है।
100 मीटर फाइनल में ललित कुमार अकेले एथलीट थे, जिन्होंने सात अन्य धावकों के पीछे हटने के बाद जीत हासिल की। उन्होंने बताया कि उनकी मांसपेशियों में खिंचाव या ऐंठन थी। ललित कुमार ने बताया, "मैं वास्तव में सर्वश्रेष्ठ एथलीटों के खिलाफ दौड़ने का इंतजार कर रहा था, लेकिन कोई भी नहीं आया। हर कोई परीक्षण कराने से डरता था। एक एथलीट के रूप में मैं बहुत आहत और निराश महसूस कर रहा हूं।"

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