भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराया

सूर्या फॉर्म में लौटे, शमी-गिल और ऋतुराज चमके
खेलपथ संवाद
मोहाली।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को तीन मैचों की वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में पांच विकेट से हरा दिया है। मोहाली में खेले गए वनडे में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवर में सभी 10 विकेट गंवाकर 276 रन बनाए। डेविड वॉर्नर ने 52, जोश इंग्लिस ने 45 और स्टीव स्मिथ ने 41 रन की पारी खेली। भारत के लिए मोहम्मद शमी ने पांच विकेट लिए।
जवाब में ऋतुराज गायकवाड़ और शुभमन गिल ने टीम इंडिया को बेहतरीन शुरुआत दिलाई और पहले विकेट के लिए 142 रन जोड़े। ऋतुराज ने 71 रन और शुभमन गिल ने 74 रन की पारी खेली।  वहीं, सूर्यकुमार यादव 50 रन बनाकर आउट हुए। कप्तान केएल राहुल ने 58 रन की नाबाद पारी खेली। उन्होंने 49वें ओवर में शॉन एबॉट की गेंद पर छक्का लगाकर टीम इंडिया को जीत दिलाई।
भारत ने मोहाली में 1996 के बाद पहली बार यानी 27 साल बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में जीत हासिल की है। यह दोनों के बीच इस मैदान पर छठा मैच था। इसमें से भारत ने दो और ऑस्ट्रेलिया ने चार मुकाबले जीते हैं। 1996 के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 2006, 2009, 2013 और 2019 में खेले गए वनडे मैचों में हराया। यानी इस मैदान पर पिछले चार वनडे ऑस्ट्रेलिया ने जीते थे।
सीरीज का दूसरा वनडे 24 सितंबर को इंदौर में खेला जाएगा। वहीं, तीसरा वनडे 27 सितंबर को राजकोट में खेला जाएगा। यह दोनों टीमों के लिए विश्व कप से पहले आखिरी सीरीज है। इस सीरीज के लिए दोनों टीमें अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनाना चाहेगी। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने पाकिस्तान को पीछे छोड़ते हुए वनडे रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। टीम इंडिया तीनों फॉर्मेट में नंबर वन टीम हो गई है।
पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। शमी ने पहले ही ओवर में मिचेल मार्श को पवेलियन भेजा। वह चार रन बना सके। इसके बाद डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ के बीच दूसरे विकेट के लिए 106 गेंदों में 94 रन की साझेदारी हुई। इस साझेदारी को जडेजा ने तोड़ा। उन्होंने वॉर्नर को शुभमन के हाथों कैच कराया। वॉर्नर ने 53 गेंदों में छह चौके और दो छक्के की मदद से 52 रन की पारी खेली।
इसके बाद शमी ने स्मिथ को क्लीन बोल्ड किया। वह 60 गेंदोम में तीन चौके और एक छक्के की मदद से 41 रन बना सके। मार्नस लाबुशेन 49 गेंदों में 39 रन, कैमरन ग्रीन 31 रन और मार्कस स्टोइनिस 29 रन बनाकर आउट हुए। जोश इंग्लिस ने 45 गेंदों में तीन चौके और दो छक्के की मदद से 45 रन की पारी खेली। मैथ्यू शॉर्ट, शॉन एबॉट और एडम जम्पा दो-दो रन बनाकर आउट हुए। कप्तान पैट कमिंस नौ गेंदों में दो चौके और एक छक्के की मदद से 21 रन बनाकर नाबाद रहे। भारत की ओर से शमी ने पांच विकेट लिए। वहीं, बुमराह, अश्विन और जडेजा को एक-एक विकेट मिला।
277 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया को शुभमन और ऋतुराज की जोड़ी ने बेहतरीन शुरुआत दिलाई। दोनों ने 130 गेंदों में 142 रन जोड़े। इस दौरान शुभमन ने वनडे करियर का नौवां अर्धशतक और ऋतुराज ने वनडे करियर का पहला अर्धशतक लगाया।
142 के स्कोर पर टीम इंडिया को पहला झटका लगा। जम्पा ने ऋतुराज को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 77 गेंदों में 10 चौके की मदद से 71 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद नौ रन बनाने में भारतीय टीम ने तीन विकेट गंवा दिए। श्रेयस अय्यर तीन रन बनाकर रन आउट हुए, जबकि जम्पा ने शुभमन को क्लीन बोल्ड किया। शुभमन ने 63 गेंदों में छह चौके और दो छक्के की मदद से 74 रन की पारी खेली।
ईशान किशन ने 26 गेंदों में 18 रन की पारी खेली। इसके बाद कप्तान केएल राहुल और सूर्यकुमार यादव ने पांचवें विकेट के लिए 85 गेंदों में 80 रन की साझेदारी की। सूर्या ने वनडे करियर का तीसरा अर्धशतक लगाया। वह 49 गेंदों में पांच चौके और एक छक्के की मदद से 50 रन बनाकर आउट हुए। राहुल ने वनडे करियर का 14वां अर्धशतक लगाया। वह 63 गेंदों में चार चौके और एक छक्के की मदद से 58 रन बनाकर नाबाद रहे। वहीं, जडेजा तीन रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलिया की ओर से जम्पा ने सबसे ज्यादा दो विकेट लिए। वहीं, कमिंस और एबॉट को एक-एक विकेट मिला।
मैच में बने कुछ रिकॉर्ड्स
इस मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया ने मोहाली में खेले गए सात वनडे मैचों में से छह में जीत हासिल की थी, जिसमें वेस्टइंडीज के खिलाफ 1996 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल और न्यूजीलैंड के खिलाफ 2006 चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल मैच शामिल थे। 2011 वर्ल्ड कप के बाद मोहाली में लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों ने सात वनडे मैचों में से छह में जीत हासिल की है। भारत के चार बल्लेबाजों ने इस मैच में 50 या इससे ज्यादा का स्कोर किया। इस मामले में टीम इंडिया ने अपने रिकॉर्ड की बराबरी की। भारत के लिए अब तक तीन बार रन चेज करते हुए चार बल्लेबाजों ने पचास या इससे ज्यादा का स्कोर किया है। इससे पहले 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ इंदौर और 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ ही कटक में भारत के चार बल्लेबाजों ने पचास या इससे ज्यादा का स्कोर बनाया था। 

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