बेटे प्रगनाननंदा की उपलब्धि से नागलक्ष्मी खुश

स्टोव और बर्तन लेकर बेटे के साथ विदेश जाती हैं
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
नागलक्ष्मी ने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि प्रगनाननंदा टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंचने में सफल रहा। इस बात की और भी खुशी है कि उसने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई भी किया। उन्होंने बताया कि वह अभी बाकू से जर्मनी रवाना होगा और उसके बाद 30 अगस्त को भारत लौटेगा।
फिडे विश्व कप शतरंज के फाइनल में पहुंचने वाले करिश्माई शतरंज खिलाड़ी 18 साल के रमेशबाबू प्रगनाननंदा की मां नागलक्ष्मी ने कहा कि वह अपने को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं कि उनके लाड़ले ने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई कर लिया है। हालांकि उनका मानना है कि प्रगनाननंदा को अभी लम्बी दूरी तय करनी है। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट से चैलेंजर तय होगा जो चीन के विश्व चैम्पियन लिरेन डिंग से भिड़ेगा। 
प्रगनाननंदा की सफलता में उनकी मां का बड़ा योगदान है, जो हर टूर्नामेंट में उनके साथ रहती हैं। खुद उनके लिए खाना तैयार करती हैं और बेटे के लिए प्रतियोगिता से पहले अच्छा वातावरण बनाए रखने में मदद करती हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार वह विदेश में स्टोव और बर्तन साथ लेकर जाती हैं ताकि बेटे को मां के हाथ का बना भोजन मिलता रहे और उन्हें बाहर के खाने से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत न हो।
नागलक्ष्मी ने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि वह टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंचने में सफल रहा। इस बात की और भी खुशी है कि उसने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई भी किया। उन्होंने बताया कि वह अभी बाकू से जर्मनी रवाना होगा और उसके बाद 30 अगस्त को भारत लौटेगा।
मां की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल
बेटे की सफलता के बाद खुद नागलक्ष्मी की फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। उनका कहना है कि मुझे इस बात से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। वो तो अपने बेटे की सफलता से गदगद हैं। वह बताती हैं कि क्वार्टर फाइनल में अर्जुन एरिगेसी के खिलाफ मुकाबले के दौरान चिंतन की मुद्रा में उनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। उन्हें पता ही नहीं चला कि कब बेटे के साथ वह भी आकर्षण का केंद्र बनती जा रही हैं। वह कहती हैं कि मेरी फोटो कब खींच ली गई। मुझे तो जीत के बाद बेटे पर बड़ा फख्र महसूस हुआ था। मुझे अपनी सुर्खियों में आने से मतलब नहीं, बेटे की सफलता मेरे लिए सब कुछ है।
नागलक्ष्मी कहती हैं उनके परिवार को तब बड़ी हर्षमिश्रित खुशी हुई थी जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का फोन आया था। उनका फोन देर रात आया था। भारत और अजरबैजान में डेढ़ घंटे के समय का अंतर है। वह प्राग को बधाई देना नहीं भूले। यह जानकर खुशी हुई कि वह चेन्नई से प्रगनाननंदा की हर बाजी को देख रहे हैं।
विश्व कप फाइनल में हारे प्रगनाननंदा
18 साल के प्रगनाननंदा का फिडे विश्वकप में स्वप्निल सफर फाइनल में थम गया जब दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन के हाथों उन्हें टाईब्रेकर में 1.5-2.5 से हार का सामना करना पड़ा। दोनों के बीच दो क्लासिकल बाजियां बराबरी पर रहीं थी। प्रगनाननंदा दिग्गज विश्वनाथन आनंद के बाद विश्वकप फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय और दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी हैं। वह 30 अगस्त को वापस भारत लौट रहे हैं।

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