भारतीय कुश्ती संघ के निलम्बन से पहलवान निराश

सरकार ने नहीं दिखायी गम्भीरता: बजरंग पूनिया 
राजनीति की भेंट चढ़ गए पहलवानों के हितः विनेश फोगाट
खेलपथ संवाद
सोनीपत।
विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू से भारतीय कुश्ती संघ के निलम्बन के बाद पहलवानों में निराशा है। विश्व कुश्ती ओलम्पिक मेडलिस्ट पहलवान बजरंग पूनिया ने बताया कि अपने देश के ध्वज के नीचे ही नहीं खेल सकेंगे तो खेलना या न खेलना बराबर ही है। यह बेहद निराशाजनक है। 
दरअसल, इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय कुश्ती की छवि धूमिल हुई है। पहलवानों की तैयारियों को भी धक्का पहुंचेगा। तिरंगे को लहरा नहीं पाएंगे। भारतीय किट तक नहीं पहन सकेंगे। मेडल की गिनती भारतीयों में नहीं होगी, तो समझा जा सकता है, हालात कितने गंभीर हो गए हैं। ऐसा लगेगा कि किसी स्थानीय प्रतियोगिता में जा रहे हैं। जिसके परिणाम कुश्ती के लिए सकारात्मक नहीं होंगे।
मुंबई के एक अस्पताल में उपाचाराधीन महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि इससे दु:खद क्या हो सकता है कि अगर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप और एशियन गेम्स में भारतीय पहलवान पदक जीतते हैं तो उनके पदक को भारत का पदक ही नहीं माना जाएगा। खिलाड़ी अपने तिरंगे के नीचे भी नहीं खेल पाएंगे। पहलवानों के लिए यह बेहद चुनौतीपूर्ण समय होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को निर्धारित समय में चुनाव करवाने चाहिए थे, लेकिन चुनाव को लटकाया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि अब भारतीय कुश्ती संघ को निलम्बित कर दिया गया है। विनेश ने कहा कि पहलवानों के हित राजनीति की भेंट चढ़ गए। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि पहलवानों का मनोबल टूटेगा। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सम्भावना है कि भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव होने तक यूडब्ल्यूडब्ल्यू के प्रतिनिधि की देखरेख में आगे की गतिविधियां चलेंगी।

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