एशियाड टीम में जगह नहीं मिलने से दीपा कर्माकर निराश

कोच बीएस नंदी और अध्यक्ष सुधीर मित्तल भी निर्णय से असहमत
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय ओलम्पिक संघ ने एशियन गेम्स जा रही जिम्नास्टिक टीम से ओलम्पियन दीपा कर्माकर का नाम काट दिया। तर्क दिया कि दीपा ने पिछले कुछ साल से इंटरनेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। एशियन गेम्स अगले महीने चीन में होंगे। 
कॉमनवेल्थ और वर्ल्ड कप की मेडलिस्ट दीपा कर्माकर ने कहा कि वो ट्रायल में नम्बर वन थीं। कोच ने कहा कि सिलेक्शन में मौजूदा फॉर्म नहीं, बल्कि दो साल पुराना रिकॉर्ड देखा गया। इस मामले में दीपा ने कहा- सुनने में आया है कि मेरा नाम नहीं भेजा है, साई का कुछ क्राइटेरिया है, जिसके कारण मुझे नहीं भेजा है। उनका क्राइटेरिया क्या है, यह मुझे नहीं पता है। देखते हैं आगे क्या होता है क्या नहीं। फिलहाल मैंने अपनी ट्रेनिंग जारी रखी है। पिछले दो-तीन साल से मैं चोट के कारण कुछ टूर्नामेंट नहीं खेल सकी। बताया जा रहा है कि साई ने इसी कारण से मेरा नाम काटा है, लेकिन साई ने फुटबॉल टीम को भी तो भेजा है।
उन्होंने कहा, "जिस फुटबॉल टीम को भेजा गया, उसका इंटरनेशनल लेवल पर प्रदर्शन भी खास नहीं है। मैं किसी की आलोचना नहीं कर रही हूं, लेकिन यदि फुटबॉल टीम को भेजा जा सकता है तो मुझे क्यों नहीं। मैंने तो कुछ दिन पहले ट्रायल में नम्बर-1 पोजीशन हासिल की है। मैंने साई को पत्र लिखा है। देखते हैं कि क्या होता है। मुझे इतना पता है कि मेरी तैयारियां प्रभावित हो रही हैं, लेकिन मैंने प्रैक्टिस नहीं छोड़ी है।"
दीपा के कोच बीएस नंदी ने कहा, "'जिन लोगों ने क्राइटेरिया बनाया है, बहुत ही गलत बनाया है। हम टेक्निकल पर्सन हैं, हमारे फेडरेशन में बहुत से टेक्निकल एक्सपर्ट हैं। उन्होंने फेडरेशन और एक्सपर्ट से कुछ नहीं पूछा और क्राइटेरिया बना दिया। जिम्नास्टिक मोस्टली टेक्निकल गेम है, इसमें 80% साइंस जुड़ा हुआ है। यह क्राइटेरिया बनाने वाले लोग कौन हैं यह मुझे नहीं पता। मैं 1971 से इस खेल से जुड़ा हूं कि आमतौर पर इस खेल में खिलाड़ी का करेंट परफॉर्मेंस देखा जाता है न कि पुराना रिकॉर्ड।
ये लोग 2 साल पुराना प्रदर्शन देखकर चयन कर रहे हैं यह बहुत गलत कर रहे हैं। यह बहुत ही खतरनाक है और भारतीय जिम्नास्टिक को डुबो देगा। मेरा मानना है कि जुलाई-अगस्त में भुवनेश्वर में आयोजित ट्रायल में बेस्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को भेजना चाहिए।"
11-12 जुलाई को भुवनेश्वर में भारतीय जिम्नास्टिक टीम के ट्रायल किए गए थे, जिनमें दीपा कर्माकर ने टॉप किया था। फेडरेशन ने पुरुष और महिला कैटेगरी के टॉप-5 खिलाड़ियों के नाम साई को भेजे थे, लेकिन भारतीय ओलम्पिक संघ ने दीपा कर्माकर का नाम काट दिया, जबकि दूसरे नम्बर पर रही प्रगति को टीम में चुना गया है।
जिम्नास्टिक फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुधीर मित्तल ने कहा, "दीपा का नाम फेडरेशन ने ट्रायल में टॉप रहने पर ही भेजा है। अगर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और इंडियन ओलम्पिक संघ को अपने आधार पर ही नाम भेजना है, तो फिर फेडरेशन से नाम क्यों मांगते हैं। अपने आधार पर ही भेज दें। ऐसे में फेडरेशन के ट्रायल का क्या मतलब रह गया। हमने साई और ओलम्पिक संघ से पूछा है कि हमने ट्रायल के आधार पर नाम भेजा था, तो फिर दीपा का नाम क्यों काटा गया?"
रियो ओलम्पिक में चौथे स्थान पर रहने वाली जिम्नास्ट दीपा कर्माकर का नाम एशियाड के स्क्वाड में नहीं शामिल किया गया है। हालांकि दीपा कर्माकर ने ट्रायल्स में टॉप किया था। जिम्नास्टिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने दीपा कर्माकर का नाम भेजा था। हालांकि केंद्रीय खेल मंत्रालय की आखिरी मंजूरी से पहले उनका नाम इंडियन ओलम्पिक एसोसिएशन ने काट दिया।

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