वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम इंडिया का कैसा रहा टेस्ट
कप्तान रोहित ने की विराट कोहली की तारीफ
खेलपथ संवाद
पोर्ट ऑफ स्पेन। रोहित शर्मा की टीम ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के 2023-25 चक्र की शुरुआत शानदार अंदाज में की। टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज को 1-0 से अपना नाम किया। बारिश से बाधित रहा दूसरा टेस्ट भले ही ड्रॉ हो गया हो, लेकिन इस मैच में विराट कोहली ने शानदार शतकीय पारी खेली। उन्होंने इस टेस्ट की पहली पारी में 121 रन बनाए थे। अब कप्तान रोहित ने विराट की जमकर तारीफ की है। उन्होंने बाकी खिलाड़ियों को इससे सीखने को भी कहा है।
वेस्टइंडीज पर भारत की सीरीज जीत पर विचार करते हुए, कप्तान रोहित ने कोहली का विशेष उल्लेख किया, जिन्होंने मेहमान टीम की बल्लेबाजी का नेतृत्व किया। रोहित दूसरी पारी में ईशान किशन के महत्वपूर्ण कैमियो के बारे में बात कर रहे थे जब उन्होंने कोहली का नाम लिया। भारतीय कप्तान ने कहा, "टेस्ट मैचों में आपको ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है जो पारी को स्थिर करें जैसे कि विराट ने किया। उन्होंने शानदार खेला।
आपको हर चीज के मिश्रण की जरूरत है चाहे वह डिफेंस हो या अटैकिंग क्रिकेट। हमारे पास बैटिंग में गहराई है और विविधता भी है। हम फिलहाल सही स्थिति में हैं। आपको हमेशा अपने काम को सही तरीके से करने की जरूरत है। मैं हमेशा एक टीम के रूप में बेहतर होने में विश्वास करता हूं। मैंने डब्ल्यूटीसी फाइनल के बाद भी यह बात कही थी। हम लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं। हम इसी पर ध्यान दे रहे हैं। हम खेल के सभी तीन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।
भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरे टेस्ट में विराट ने भारतीय बैटिंग की अगुआई करते हुए पहली पारी में टेस्ट करियर का 29वां और अंतरराष्ट्रीय करियर का 76वां शतक लगाया था। विदेशी जमीन पर टेस्ट में विराट ने 55 महीने बाद शतक जड़ा। पिछली बार उन्होंने 2018 में पर्थ में शतक लगाया था। वहीं, दूसरी पारी में रोहित, यशस्वी और ईशान ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए भारत को अच्छे लक्ष्य तक पहुंचाया था। 34 साल के विराट अब वेस्टइंडीज के खिलाफ 27 जुलाई से शुरू हो रही वनडे सीरीज में नजर आएंगे।
वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज से टीम इंडिया को क्या मिला
भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज 1-0 से अपने नाम किया। यह सीरीज टीम इंडिया 2-0 से अपने नाम कर सकती थी, लेकिन दूसरा टेस्ट बारिश से धुल गया। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद भारतीय टीम के लिए नए चक्र की शुरुआत आसान नहीं थी। चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए कई सीनियर को ड्रॉप कर कुछ नए खिलाड़ियों को मौका दिया था। यह प्रयोग कुछ हद तक सफल रहा। भारतीय टीम को वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज से कई सकारात्मक चीजें हासिल हुईं।
1. अश्विन की टेस्ट टीम में शानदार वापसी
भारतीय टीम मैनेजमेंट ने डब्ल्यूटीसी फाइनल की प्लेइंग-11 से रविचंद्रन अश्विन को ड्रॉप कर दिया था। हालांकि, वेस्टइंडीज के खिलाफ दोनों टेस्ट में उन्हें खिलाया गया और अश्विन ने टेस्ट टीम में शानदार वापसी की। भारत के इस दिग्गज स्पिनर ने दो टेस्ट में 12 विकेट लिए। इनमें दो बार पारी में पांच विकेट शामिल हैं।
2. यशस्वी जायसवाल के रूप में एक शानदार ओपनर
यशस्वी को डेब्यू करने का मौका दिया गया और उन्होंने इस मौके को पूरी तरह से भुनाया। टेस्ट डेब्यू पारी में यशस्वी ने शतक जड़ा और कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। उन्होंने अपनी पारी के दौरान कई बेहतरीन शॉट्स लगाए। यशस्वी ने जरूरत के समय गियर भी बदला। दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने रोहित के साथ मिलकर तेज शुरुआत दिलाई। यशस्वी वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। दो मैचों की तीन पारियों में यशस्वी ने 88.67 की औसत से 266 रन बनाए। इसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल है।
3. फॉर्म में लौटे कप्तान रोहित शर्मा
पिछले कुछ समय से रोहित के फॉर्म को लेकर काफी बातें हो रही थीं। रोहित बल्ले से कुछ खास नहीं दिख रहे थे, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की। सबसे जरूरी बात यह रही कि उन्होंने जरूरत के हिसाब से बैटिंग की। रोहित के शॉट्स में सकारात्मकता दिखी और वह पूरे आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी करते दिखे। रोहित यशस्वी के बाद सीरीज में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने तीन पारियों में 80 की औसत से 240 रन बनाए। इनमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। यानी तीनों पारियों में उनका स्कोर 50+ का रहा।
4. बैटिंग के किंग कोहली की वापसी
विराट कोहली वनडे में तो खूब रन बना रहे थे, लेकिन टेस्ट में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। 2019 से लेकर इस साल मार्च तक इस फॉर्मेट में उनके बल्ले से शतक नहीं निकल रहा था। मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाने के बाद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में वह कुछ खास नहीं कर सके थे। वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कोहली ने दो मैचों की दो पारियों में 98.50 की औसत से 197 रन बनाए। एक पारी में उन्होंने अर्धशतक जड़ा तो दूसरे में 121 रन की पारी खेली।
5. भारत को टेस्ट में नया स्ट्राइक बॉलर मिला
मोहम्मद सिराज पिछले कुछ समय से भारत के नए स्ट्राइक बॉलर बन कर उभरे हैं। 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा और 2021 में इंग्लैंड के दौरे ने सिराज के टेस्ट करियर में चार चांद लगा दी। बुमराह और शमी की गैरमौजूदगी में सिराज ने स्ट्राइक बॉलर की जिम्मेदारी अच्छे से संभाली है। वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट में उन्होंने सात विकेट लिए। इनमें एक फाइव विकेट हॉल भी शामिल है। वह अश्विन के बाद रवींद्र जडेजा के साथ संयुक्त रूप से दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।
6. ईशान और मुकेश का ड्रीम डेब्यू
यशस्वी की तरह वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में विकेटकीपर ईशान किशन और तेज गेंदबाज मुकेश कुमार को भी डेब्यू का मौका मिला। इन दोनों ने अपने प्रदर्शन से लोगों का दिल जीता। ईशान विकेट के पीछे भी शानदार दिखे और अपने गेंदबाजों और फील्डर्स को लगातार मोटिवेट करते दिखे। वहीं, पहले टेस्ट में ईशान को ज्यादा बैटिंग का मौका नहीं मिला था। दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में जब टीम इंडिया को आक्रामक बल्लेबाजी करनी थी तो ईशान ने 33 गेंदों पर टेस्ट करियर का अपना पहला अर्धशतक लगाया। वहीं, मुकेश को दूसरे टेस्ट में डेब्यू का मौका मिला। उन्होंने भले ही दो विकेट लिए, लेकिन सटीक लाइन लेंथ से सभी को प्रभावित किया। मुकेश सीम के लिए जाने जाते हैं और पिच अगर मददगार हो तो वह कहर बरपा सकते हैं।
कहां रह गई कमी?
1. तीसरे नंबर पर कुछ खास नहीं दिखे शुभमन गिल
यशस्वी के डेब्यू की वजह से शुभमन गिल को अपनी बैटिंग पोजिशन बदलनी पड़ी। उन्हें तीसरे स्थान पर भेजा गया। इस बैटिंग पोजिशन पर पहले चेतेश्वर पुजारा बल्लेबाजी कर रहे थे। इस स्थान के लिए भारतीय टीम को किसी नए खिलाड़ी की तलाश थी, लेकिन शुभमन भी कुछ खास नहीं दिखे। पहले टेस्ट में जहां वो छह रन बनाकर आउट हुए, वहीं दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 10 रन बना सके। हालांकि, इतनी जल्दी किसी को जज नहीं किया जा सकता, वह भी उस खिलाड़ी को जो कि आने वाले समय में टीम इंडिया का भविष्य माना जा रहा है। दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में शुभमन ने जरूर 29 रन की नाबाद पारी खेली।
2. रहाणे का फॉर्म फिर खराब
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से पहले श्रेयस अय्यर और केएल राहुल के चोटिल होने के बाद अजिंक्य रहाणे को चुना गया। उन्होंने इस मौका का बखूबी फायदा उठाया और शानदार पारी खेली थी। इस पारी ने उन्हें वेस्टइंडीज दौरे के लिए उपकप्तान बना दिया, लेकिन दो मैचों में वह कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके। पहले टेस्ट में जहां वह तीन रन बना सके तो दूसरे टेस्ट की पहली पारी में सिर्फ आठ रन बनाए। श्रेयस और राहुल लगभग फिट हो चुके हैं। ऐसे में रहाणे अगर अच्छी बल्लेबाजी नहीं करते हैं तो टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
3. टेस्ट में कुछ खास नहीं दिखे जयदेव उनादकट
उनादकट को वेस्टइंडीज के खिलाफ दोनों टेस्ट में मौका मिला, लेकिन रेड बॉल से वह कुछ खास नहीं दिखे। पहले टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने सात ओवर में 17 रन दिए और कोई विकेट नहीं मिला। दूसरी पारी में दो ओवर में एक रन दिए, लेकिन कोई विकेट नहीं लिया। दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 16 ओवर गेंदबाजी की और 44 रन लुटाए, लेकिन कोई विकेट नहीं ले सके। वहीं, दूसरी पारी में उनादकट ने तीन ओवर गेंदबाजी की और कोई विकेट नहीं ले सके। ऐसे में उनादकट को आगे टेस्ट सीरीज में ड्रॉप किया जा सकता है।
भारत को अब दिसम्बर से पहले कोई टेस्ट नहीं खेलना है। दिसंबर में टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगी। वहां टीम दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी। तब तक बुमराह, राहुल, श्रेयस और प्रसिद्ध कृष्ण फिट हो जाएंगे। ऐसे में रहाणे और उनादकट की टीम में जगह खतरे में पड़ती दिखाई पड़ रही है। ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी में ईशान को एक बार फिर मौका मिल सकता है। हालांकि, अभी दक्षिण अफ्रीका दौरे में काफी देरी है। क्रिकेट में समीकरण काफी जल्दी बदलते रहते हैं, लेकिन अजीत अगरकर की अगुआई वाली चयन समिति के लिए आगे कुछ भी आसान नहीं रहने वाला है।