विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतना चाहते हैं नीरज चोपड़ा

लुसान में फिटनेस की चिंताओं से घिरा था ओलम्पिक चैम्पियन
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
लुसान डायमंड लीग के दौरान नीरज चोपड़ा मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार नहीं थे। उनके दिमाग में कहीं न कहीं यह बात चल रही थी कि वह पूरी तरह फिट हैं भी या नहीं, यही कारण है कि उन्होंने वहां अपना पूरा जोर नहीं लगाया। 25 वर्षीय नीरज साफ कहते हैं कि उनके पास सिर्फ विश्व चैम्पियनशिप का स्वर्ण नहीं है। वह अगस्त में होने वाली बुडापेस्ट (हंगरी) विश्व चैम्पियनशिप में इसे जीतने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन इससे पहले उनकी कोशिश अपने को सौ प्रतिशत फिट रखने की होगी।
बीते वर्ष डायमंड लीग का फाइनल जीतने वाले नीरज कहते हैं कि अगर आप शारीरिक रूप से फिट नहीं हैं तो मानसिक रूप से भी फिट नहीं होते हैं। यही कारण है कि वह विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेल और डायमंड लीग के फाइनल में पूरी तरह फिट होकर उतरना चाहते हैं, जिससे उनके दिमाग कहीं यह बात नहीं रहे कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं किया। वह फिटनेस के लिए और ज्यादा ट्रेनिंग करेंगे। नीरज बताते हैं कि लुसान में उनके दिमाग में यही बात चल रही थी कि कैसा प्रदर्शन रहेगा, क्योंकि वह चोट से उबर कर आए थे। ऐसे में वहां इतने बड़े एथलीटों के बीच जीतना ही बड़ी बात है, भाले की दूरी मायने नहीं रखती है। नीरज ने 30 जून को लुुसान में 87.66 मीटर की दूरी के साथ लगातार दूसरा डायमंड लीग का खिताब जीता था। नीरज का कहना है कि उन्हें अपने आपको मानसिक रूप से मजबूत करना है कि वह ठीक हो गए हैं। तभी वह अपने प्रदर्शन पर सही ध्यान दे पाएंगे।
दोहा डायमंड लीग जीतने के बाद नीरज की मांसपेशियों मेंं खिचाव आ गया था। नीरज बताते हैं कि लुसान में उनका वजन एक या दो किलो बढ़ा हुआ था। नीरज के अनुसार उन्होंने टोक्यो ओलंपिक के बाद काफी आराम किया था और काफी खाया भी था जिससे उनका वजन काफी बढ़ गया था। वह मानसिक रूप से परेशान थे, क्यों कि उनकी टे्रनिंग नहीं हो पा रही थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। वह एशियाई खेलों के बाद बिल्कुल आराम नहीं करेंगे और सीधे पेरिस ओलंपिक की तैयारियों में जुट जाएंगे। उन्हें पिछली बार यह सीख मिल चुकी है।
नीरज कहते हैं कि उन्हें मालूम है कि एशियाई खेलों में उनका मुकाबला राष्ट्रमंडल खेलों में 90 मीटर से ज्यादा दूर भाला फेंककर स्वर्ण जीतने वाले पाकिस्तान के अरशद नदीम से होगा। उनके ऊपर इसका कोई दबाव नहीं है। वह मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार हैं। नीरज कहते हैं कि अरशद ने पीछे एक कंपटीशन खेला है। वह ज्यादातर समय चोटिल रहे हैं। नीरज कहते हैं कि हांगझोऊ में उनका अरशद के साथ अच्छा मुकाबला होगा।
मोनाको में खेलने पर नहीं लिया फैसला
विश्व चैंपियनशिप से पहले 21 जुलाई को मोनाको और 31 अगस्त को ज्यूरिख में डायमंड लीग होना है। इसके बाद 16 और 17 सितंबर को यूजीन (अमेरिका) में डायमंड लीग का फाइनल होना है। नीरज बताते हैं कि उन्होंने अभी मोनाको में खेलना तय नहीं किया है। वह इस बारे एक सप्ताह के बाद कोई फैसला लेंगे। नीरज इस वक्त 16 अंकों के साथ डायमंड लीग में शीर्ष पर चल रहे हैं। इस प्रदर्शन से उनका लीग के फाइनल में खेलना पक्का है।

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