द बूडल्स में लगा टेनिस सितारों का मेला
नीता अम्बानी ने पहला रिलायंस फाउंडेशन ईएसए कप प्रदान किया
खेलपथ संवाद
स्टोक पार्क/मुंबई। रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर और चेयरपर्सन नीता अम्बानी ने बकिंघमशायर के स्टोक पार्क में आयोजित, द बूडल्स टेनिस इवेंट में डिएगो श्वार्ट्जमैन को रिलायंस फाउंडेशन ईएसए कप प्रदान किया। द बूडल्स टेनिस इवेंट को विम्बलडन चैम्पियनशिप से पहले एक बेहतरीन अभ्यास टेनिस इवेंट माना जाता है। स्टोक पार्क में खेला जाने वाला यह टेनिस इवेंट अपनी 19वीं वर्षगांठ मना रहा है। यह 27 जून से 1 जुलाई 2023 के बीच खेला जाएगा। पूरे पांच दिन चलने वाले इस टेनिस इवेंट में हर दिन रिलायंस फाउंडेशन ईएसए कप पुरस्कार दिए जाएंगे।
टेनिस इवेंट के पहले दिन रिलायंस फाउंडेशन की नीता अंबानी ने विजेता डिएगो श्वार्टजमैन को पहला रिलायंस फाउंडेशन ईएसए कप प्रदान किया उन्होंने यूके के बकिंघमशायर में स्थित एक्शन4यूथ के लिए सहायता राशि भी दी। एक्शन4यूथ आज के विजेता डिएगो श्वार्टजमैन के दिल के करीब है। इस मौके पर रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर और चेयरपर्सन नीता अम्बानी ने कहा, “यहां का माहौल अद्भुत है। हमें कुछ बेहतरीन टेनिस देखने को मिला। खेल के साथ धर्मार्थ सेवा करने के अवसर ने इसे और भी सार्थक बना दिया है। मैं सभी युवाओं को शुभकामनाएं देती हूं और उम्मीद करती हूं कि वे अपनी पसंद का कोई भी खेल अपनाएंगे और अपने और अपने आस-पास के लोगों के लिए उत्साह, दृढ़ विश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण लेकर आएंगे।"
द बूडल्स 2023 में टेनिस के सुपरस्टार्स का मेला लगा हुआ है। दुनिया के शीर्ष 20 पुरुष टेनिस खिलाड़ियों में से सात इस साल द बूडल्स टेनिस में खेल रहे हैं, जिनमें टेनिस स्टार स्टेफानोस सितसिपास (विश्व नंबर 5), होल्गर रूण (विश्व नंबर 6) और एंड्री रुबलेव (विश्व नंबर 7) शामिल हैं। महामारी के बाद द बूडल्स के मैदान पर फिर से टेनिस की वापसी हुई है। लंबे अंतराल के बाद खेल जा रहे इवेंट को लेकर टेनिस दीवानों के बीच काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।
भारत की स्पोर्ट्स लीडर नीता अंबानी विभिन्न खेलों से सीधी जुड़ी हैं। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदस्य के रूप में चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। जिन्होंने भारत में खेल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही विभिन्न एथलेटिक्स संगठनों और ओलंपिक खेलों में विभिन्न एथलीटों का समर्थन करके भारत में ओलम्पिक आंदोलन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।