हॉकी का सचिन तेंदुलकर कहे जाते थे राजीव मिश्रा
मौत बनी रहस्य, अंतिम संस्कार देर रात हरिश्चंद्र घाट वाराणसी में हुआ
खेलपथ संवाद
वाराणसी। हॉकी की एक शख्सियत का असमय काल कवलित होना खेलजगत के लिए जहां बहुत बड़ा आघात है वहीं उनकी मौत क्यों और कैसे हुई यह हर खेलप्रेमी जानना चाहता है। हॉकी के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राजीव मिश्रा का घर में सड़ा-गला शव मिला है। दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। राजीव रेलवे में टीटीई के पद पर तैनात थे और वह वाराणसी तथा उनकी पत्नी और बच्चे आलमबाग लखनऊ में रहते थे।
हॉकी के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और लखनऊ रेलवे में टीटीई के पद पर तैनात राजीव मिश्रा (46) का सड़ा-गला शव वाराणसी के शिवपुर थाना इलाके में नरायनपुर स्थित उनके घर में मिला। दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस घर के अंदर घुसी तो देखा कि राजीव का सड़ा-गला शव जमीन पर पड़ा है। मौत की वजह स्पष्ट नहीं है। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। अंतिम संस्कार देर रात हरिश्चंद्र घाट पर किया गया। फोरेंसिक टीम ने चार से पांच दिन पहले मौत होने की बात कही है। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे राजीव मिश्रा अपनी पत्नी चंचल मिश्रा उर्फ मेघा, बेटी शौर्या और बेटे राम के साथ आलमबाग क्षेत्र में रहते थे।
बीते 10 जून को राजीव पड़ोसी के यहां आयोजित वैवाहिक समारोह में शामिल होने बेटी शौर्या के साथ नरायनपुर आए थे। शौर्या की परीक्षा थी, इस कारण वह 14 जून को लखनऊ लौट गई। बृहस्पतिवार रात राजीव के पड़ोसियों ने शिवपुर थाने की पुलिस को सूचना दी और बताया कि हॉकी खिलाड़ी के घर से दुर्गंध आ रही है। उन्हें तीन-चार दिन से देखा भी नहीं गया है।
पुलिस ने आकर दरवाजा खटखटाया तो नहीं खुला। इस पर पुलिस ने धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। पुलिस अंदर घुसी तो राजीव का सड़ा-गला शव उनके बेड के पास जमीन पर पड़ा मिला और उसके बगल में फर्श पर खून जैसा जमा हुआ था। शव में कीड़े पड़ गए थे। राजीव की मौत की सूचना उनकी पत्नी चंचल मिश्रा को दी गई। शुक्रवार की सुबह दोनों बच्चों के साथ चंचल घर पहुंचीं तब शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया।
जिस टैबलेट पर घंटी जा रही थी, वह मिल नहीं रहा
शौर्या ने बताया कि पापा से आखिरी बार बात फादर्स-डे पर 18 जून को हुई थी। उस दिन उन्होंने कहा था कि तबीयत थोड़ी खराब है। कमजोरी महसूस हो रही है। इसके बाद पापा से बात नहीं हुई। उनका एक मोबाइल स्विच ऑफ था। एक टैबलेट के नम्बर पर घंटी जा रही थी, लेकिन वह मिल नहीं रहा है। उधर, सदमे के चलते राजीव की पत्नी चंचल की हालत खराब हो गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
अत्यधिक शराब पीने के आदी थे राजीव
राजीव मिश्रा के मकान के एक कमरे से शराब की छह खाली बोतलें बरामद की गई हैं। पुलिस के मुताबिक, पड़ोसियों ने बताया कि वह अत्यधिक शराब पीते थे। आशंका जताई गई है कि नशे की हालत में राजीव गिरे होंगे। चोट लगने से उनकी मौत हो गई। उधर, पुलिस के साथ आई फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम का कहना था कि शव की जो स्थिति है, उसके अनुसार राजीव मिश्रा की मौत चार से पांच दिन पहले हुई है।
हॉकी के तेंदुलकर कहे जाते थे राजीव
घुंघराले बाल और तेजतर्रार सेंटर फॉरवर्ड राजीव मिश्रा को हॉकी का सचिन तेंदुलकर कहा जाता था। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राजीव मिश्रा मूलरूप से बिहार के पटना के रहने वाले थे। राजीव 1991 में कोलकाता से यूपी कॉलेज वाराणसी स्थित साई सेंटर आए थे। तब उनकी उम्र 14 वर्ष थी। अच्छे प्रदर्शन की बदौलत ही वह एयर इंडिया की टीम का हिस्सा बन गए।
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 1997 में भारतीय टीम को जूनियर हॉकी विश्व कप के फाइनल में पहुंचाने में उनका अहम रोल था। सीनियर खिलाड़ी ललित मोहन बताते हैं कि राजीव भारतीय हाॅकी टीम के सबसे तेज सेंटर फॉरवर्ड थे। 1998 में उन्हें घुटने में चोट लग गई थी। तब उनकी उम्र 19 वर्ष थी। चोट लगने बाद भी वह खेलते रहे। वह जर्मनी और पाकिस्तान जाकर हॉकी मैच खेले थे।
साई सेंटर के प्रभारी ने की थी प्रतिभा की पहचान
मृत राजीव से जूनियर खिलाड़ी रहे सतीश नारायण सिंह बताते हैं कि साई सेंटर के प्रभारी प्रेमशंकर शुक्ला कोलकाता गए थे। वहां राजीव की प्रतिभा की पहचान कर उनको साई सेंटर ले आए। यूपी कॉलेज में रहकर दो साल अभ्यास करने के बाद राजीव भारतीय टीम शामिल हो गए। खेल की बदौलत रेलवे में नौकरी मिली। उन्होंने विश्व कप में देश लिए पदक जीता था। वह कैंट स्टेशन पर बतौर मुख्य टिकट निरीक्षक सबसे युवा टीसी थे।