नई मुसीबत में घिर सकते हैं बृजभूषण शरण सिंह

गिरफ्तारी न होने पर 14 को हरियाणा बंद 
कुश्ती कोच जगबीर सिंह की गवाही पड़ेगी भारी
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
बृजभूषण शरण सिंह लाख अपनी सफाई में कसीदे गढ़ रहे हों लेकिन उनकी परेशानी कम होती नहीं दिख रहीं। जब नाबालिग कुश्ती खिलाड़ी ने बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर से यौन दुराचार का आरोप वापस ले लिया था, तब ऐसा लगा था कि कुश्ती के इस धुरंधर को अब इस मामले में राहत मिल सकती है। इससे उनके उन दावों को मजबूती भी मिली थी जिसमें उन्होंने कहा था कि इस पूरे विवाद के पीछे राजनीतिक साजिश काम कर रही है, लेकिन जैसे ही कुश्ती कोच जगबीर सिंह ने अपने सामने महिला खिलाड़ियों के साथ यौन दुर्व्यवहार होने की बात की, बृजभूषण की परेशानी एक बार फिर बढ़ गई है। 
कानून के जानकार मानते हैं कि यदि कोर्ट ने कुश्ती कोच के इस बयान को संज्ञान में लिया तो बृजभूषण गहरी परेशानी में फंस सकते हैं। इसी बीच हरियाणा की एक किसान पंचायत में किसानों और खापों ने उनकी गिरफ्तारी न होने पर 14 जून को हरियाणा बंद करने का ऐलान कर दिया है। इससे पूर्वांचल के इस कद्दावर नेता के साथ-साथ भाजपा की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। 
हालांकि, इस बीच बृजभूषण शरण सिंह अपने पुराने अंदाज में दिखाई पड़ रहे हैं। रविवार को वे भाजपा द्वारा केंद्र सरकार में नौ साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित गोंडा की एक रैली में शामिल हुए। महिला खिलाड़ियों के विवाद के मुद्दे पर कुछ बोलने से बचते हुए उन्होंने केंद्र के कामों की जमकर प्रशंसा की। भगवा वस्त्र पहने बृजभूषण सिंह ने कहा कि उनके कार्यक्रमों में इसी तरह जनता का भारी जमावड़ा होता है। इस कार्यक्रम के जरिए उन्होंने अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है। ध्यान देने वाली बात है कि इस रैली में उन्होंने तब भागीदारी की है जब ठीक एक सप्ताह पहले 5 जून को अयोध्या में होने वाली उनकी रैली प्रशासनिक कारणों से रद्द कर दी गई थी।
वहीं, बृजभूषण शरण सिंह के मामले में किसानों ने नई रणनीति के साथ मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। किसानों ने कहा है कि केंद्र ने 15 जून तक बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर करने की बात कही है। यदि उनकी गिरफ्तारी नहीं होती है तो वे 14 जून को हरियाणा बंद करेंगे। किसानों की इस अपील को कई खापों और किसान संगठनों का समर्थन प्राप्त है।
हरियाणा के बहादुरगढ़ में रविवार को आयोजित एक किसान पंचायत में जनता संसद का आयोजन किया गया। इसके लिए दलाल खाप और भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति ने संयुक्त रूप से  निमंत्रण दिया था। जनता संसद की अध्यक्षता दलाल खाप 84 के प्रधान भूप सिंह दलाल ने की। जनता संसद के आयोजक और भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल ने कहा कि किसानों ने यह तय किया है कि वे बेटियों के साथ खड़े रहेंगे। यदि मामले का हल नहीं निकलता है तो वे बंद का रास्ता अपनाने के लिए बाध्य होंगे। 
मैं कुश्ती की तरफ हूं और कुश्ती का साथ दूंगा
मैं किसी भी कीमत पर पहलवानों का नुकसान नहीं होने दूंगा। हमारा मुख्य प्रायोजक टाटा है जो 2024 पेरिस ओलम्पिक तक पहलवानों की मदद करेगा और साथ में करीब 30 पहलवानों को गोद भी लेगा। प्राइवेट एनजीओ किसी एक शीर्ष पहलवान की मदद करेंगे, लेकिन बाकी के पहलवानों की मदद कौन करेगा? जूनियर पहलवानों की मदद कौन करेगा? मुझे पता चला है कि किसी प्राइवेट एनजीओ ने 70 पहलवानों की मदद का दावा किया और उसका पूरा प्रचार भी हो गया, लेकिन हमें भी तो पता चले कि कौन वो 70 पहलवान हैं जिनकी मदद हुई, क्या मदद दी है। हम किसी को मदद करने से नहीं रोक रहे। अगर कोई पहलवानों की मदद करता है तो उसके करार की एक कापी महासंघ को भी भेजी जाए। प्रचार एनजीओ का हो जाता है और बिल किसी और के नाम पर कट जाते हैं।

 

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