विनेश बोलीं- डर के माहौल में क्या इंसाफ मिलेगा?

नाबालिग पहलवान के बयान बदलने पर बवाल शुरू
टिकैत बोले-बृजभूषण को क्लीन चिट दी जाएगी
खेलपथ संवाद
पानीपत।
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ नाबालिग पहलवान के बयान बदलने पर बवाल शुरू हो गया है। सबसे पहले विनेश फोगाट ने इस पर चुप्पी तोड़ी। विनेश ने कहा- ''डर और भय के माहौल में क्या बेटियों को इंसाफ मिल पाएगा? ये बेटियाँ एक-एक करके हिम्मत न हार जाएं इंसाफ की इस लड़ाई में हो रही देरी के कारण? परमात्मा सबको हिम्मत दे।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा-'' पॉक्सो एक्ट में केस वापस नहीं हो सकता, कोर्ट में बयानों में हेराफेरी की जा सकती है। 2 महीने से भारत सरकार इस मुद्दे में लगी रही, पूरी मीडिया लगी रही। लगातार पहलवानों को बदनाम करते रहे। एक नाबालिग बच्ची क्या भारत सरकार का मुकाबला कर लेगी? इनको शर्म नहीं आई। अगर बृजभूषण पर उसी वक्त कार्रवाई हो जाती तो क्या पीड़िता अपने बयान बदलती? धीरे-धीरे पहलवानों को ही गलत साबित कर दिया जाएगा। 
नाबालिग पहलवान ने बृजभूषण पर लगाए यौन शोषण के आरोप वापस ले लिए हैं। अब सिर्फ भेदभाव की शिकायत रखी है। इससे बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को झटका लगा है। नाबालिग पहलवान के बयान बदलने से बृजभूषण के ऊपर लगा पॉक्सो एक्ट हट जाएगा। ऐसे में अब कानूनन बृजभूषण की तुरंत गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं होगी।
बृजभूषण पर अब बालिग महिला पहलवानों के छेड़छाड़ के आरोप रह गए हैं, जिनमें कानूनी तौर पर तुरंत गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है। उधर, आरोप वापस लेने वाली नाबालिग पहलवान के पिता ने कहा है कि उन्होंने यौन शोषण की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अपनी बेटी के साथ हुए कथित अन्याय का बदला लेने के लिए उन्होंने ऐसा किया। नाबालिग पहलवान के पिता ने कहा- अच्छा यही है कि सच कोर्ट की बजाय अभी सामने आ जाए। सरकार ने मेरी बेटी के मामले में निष्पक्ष जांच करने का वादा किया है। इसलिए मैं अपनी गलती सुधार रहा हूं।
वहीं केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मीटिंग के बाद पहलवान 15 जून तक का इंतजार कर रहे हैं। ठाकुर ने भरोसा दिया कि 15 जून तक दिल्ली पुलिस इस केस की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर देगी। पहलवान भले ही बृजभूषण की गिरफ्तारी पर अड़े हों लेकिन ये अब दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर निर्भर करेगा। उधर, अयोध्या में जनचेतना रैली के रद्द होने के बाद अब बृजभूषण 11 जून को कैसरगंज में एक बड़ी जनसभा करेंगे। मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के अवसर पर बृजभूषण शरण सिंह ये विशाल रैली कर रहे हैं। जिसमें 11 लाख लोगों की भीड़ जुटने की उम्मीद लगाई जा रहा है।
नाबालिग पहलवान के पहले और अब के बयान...
पहले कहा- जबरन बाहों में जकड़ा, संबंध बनाने की कोशिश की

दिल्ली पुलिस के पास दर्ज एफआईआर में नाबालिग पहलवान व उनके पिता ने कहा- 16 साल की उम्र में झारखंड के रांची में नेशनल गेम्स में जूनियर रेसलिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड जीता। यहीं पर फोटो लेने के बहाने बृजभूषण ने जबरन बेटी को अपने करीब खींचा। उसे बाहों में इतना कसकर जकड़ लिया कि वह खुद को छुड़ाने के लिए हिल तक नहीं पाई। बृजभूषण हाथ उसके कंधे से नीचे ले गया। बृजभूषण ने उनकी बेटी से कहा कि तुम मुझे सपोर्ट करो और मैं तुम्हें सपोर्ट करूंगा। पहलवान बोली कि मैं अपने बलबूते यहां तक आई हूं और मेहनत करके आगे तक जाऊंगी।
बृजभूषण ने कहा कि एशियन चैम्पियनशिप के ट्रायल जल्द होने वाले हैं। कोऑपरेट नहीं किया तो खामियाजा ट्रायल्स में भुगतना पड़ेगा। बृजभूषण ने नाबालिग पहलवान को कमरे में बुलाया। नाबालिग पहलवान प्रेशर में थी कि उसका करियर बृजभूषण बर्बाद न कर दे इसलिए वह मिलने चली गई। वहां पहुंचते ही बृजभूषण ने उसे अपनी तरफ खींचा और जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की। नाबालिग पहलवान इससे पूरी तरह सहम गई। उसने किसी तरह खुद को छुड़ाया और कमरे से बाहर भाग निकली।
अब कहा- ट्रायल में भेदभाव किया गया
2022 के मई महीने में एशियन चैम्पियनशिप के ट्रायल हुए जिसमें बृजभूषण के कहने पर नाबालिग पहलवान के साथ भेदभाव किया। इसी ट्रायल में एक और बात हुई। ट्रायल में एथलीट के स्टेट से ही रेफरी और मैट चेयरमैन, दोनों नहीं हो सकते। नाबालिग पहलवान के ट्रायल के दौरान उसे दिल्ली के पहलवान के साथ लड़ाया गया जिसमें रेफरी और मैट चेयरमैन दोनों दिल्ली से थे। यह नियमों का उल्लंघन था। नाबालिग पहलवान ने वहीं पर इसका विरोध किया तो उससे दो-टूक कहा गया कि उसे खेलना होगा, वरना दूसरे एथलीट को वॉकओवर यानी विजेता घोषित कर दिया जाएगा। नाबालिग पहलवान के मैच के वक्त रिकॉर्डिंग को स्विच ऑफ और ऑन किया जाता रहा ताकि वीडियो में गड़बड़ी कर सकें।
नाबालिग का अंतिम बयान कौन सा, सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर
नाबालिग पहलवान व उसके पिता ने पहले दिल्ली पुलिस को बयान दिए। फिर 5 जून को सुप्रीम कोर्ट में जाकर बयान बदल दिए। हालांकि पहले यौन शोषण और अब भेदभाव में से कौन सा बयान अंतिम रहेगा, यह सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने यौन शोषण के बयान सही माने तो फिर बृजभूषण की मुश्किलें बढ़ सकती है।
खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से हुई थी 6 घंटे मीटिंग
इससे पहले बुधवार को रेसलर बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की दिल्ली में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ 6 घंटे की मैराथन मीटिंग हुई। जिसमें पहलवानों ने केंद्र को कार्रवाई के लिए 15 जून तक का टाइम दिया। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा-'' अच्छे माहौल में संवेदनशील मुद्दे पर सकारात्मक बातचीत हुई। मीटिंग में आरोपों की जांच कर 15 जून तक चार्जशीट दायर करने, WFI का चुनाव 30 जून तक करने, WFI में महिला अध्यक्ष की अगुआई में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी बनाने, WFI के चुनाव होने तक IOA की एडहॉक कमेटी पर 2 कोच का नाम प्रस्तावित करने और फेडरेशन के चुनाव में खिलाड़ियों से रायशुमारी पर सहमति बनी। निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह व उनसे संबंधित लोग चुनकर न आएं, ये रेसलर्स की मांग की थी। महिला खिलाड़ियों को जरूरत के अनुसार सिक्योरिटी मिले। जिन खिलाड़ियों, अखाड़ों या कोचों के खिलाफ केस हैं, उन्हें वापस लेने की मांग की गई''।
रेसलर्स के धरने में अब तक क्या हुआ?
18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि बृजभूषण की गिरफ्तारी तक धरना जारी रहेगा।
28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की।
3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव व विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत और 5 पुलिस वाले घायल हुए।
7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
21 मई को फिर महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरना स्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे।
28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
29 मई को सारा दिन पहलवान घर पर रहे और मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला किया।
30 मई को पहलवान हरिद्वार हर की पौड़ी में मेडल बहाने गए। जहां किसान नेता नरेश टिकैत के मनाने पर सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देकर उन्होंने फैसला टाल दिया।
31 मई को न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि दिल्ली पुलिस के पास बृजभूषण की गिरफ्तारी लायक सबूत नहीं है। इस पर दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके इसका खंडन किया और कहा- जांच जारी है। बाद में दिल्ली पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
2 जून को कुरुक्षेत्र में महापंचायत हुई। इसमें 9 जून तक बृजभूषण को गिरफ्तार करने लिए अल्टीमेटम दिया गया।
3 जून को दिल्ली पुलिस को इस मामले में 4 गवाह मिले हैं, जिन्होंने बृजभूषण पर लगे आरोपों की पुष्टि की है। इनमें एक-एक ओलिंपियन, कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट, इंटरनेशनल रेफरी और स्टेट लेवल कोच शामिल है।
4 जून को पता चला कि पहलवानों की गृह मंत्री अमित शाह से मीटिंग हुई।
5 जून को विनेश, साक्षी और बजरंग ने रेलवे में ड्यूटी जॉइन कर ली। हालांकि साक्षी ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।
6 जून को अमित शाह से मीटिंग का पता चलने पर किसानों और खाप ने 9 जून को जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया।
7 जून को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया की 6 घंटे तक उनके आवास पर मीटिंग हुई।

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