खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में तनिष्का का स्वर्णिम आगाज

तलवारबाजीः पंजाब विश्वविद्यालय की जसकीरत को हराया
खेलपथ संवाद
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल में तनिष्का खत्री ने तलवारबाजी के अपने पहले ही मुकाबले में स्वर्ण जीतकर हरियाणा का नाम रोशन किया है। अभी तनिष्का के दो और मुकाबले होने हैं। तनिष्का ने पंजाब यूनिवर्सिटी की जसकीरत को 15-10 से मात देकर स्वर्ण पदक हासिल किया।
तनिष्का पटियाला स्थित एनआईएस में ट्रेनिंग ले रही है और खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल के बाद एशियाई खेल और एशियाई चैंपियनशिप में अपनी प्रतिभा दिखाएंगी। उनका लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण लेकर आना है। तनिष्का खेल के साथ-साथ अमृतसर स्थित गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी में बीए अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। तनिष्का अब तक जिलास्तर, राष्ट्रीयस्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करीब 53 पदक जीत चुकी है।
तनिष्का ने साढ़े तेरह वर्ष की उम्र में कर्ण स्टेडियम का रुख किया
मौजूदा समय में वह भारत में जूनियर और सीनियर कैटेगरी में बेहतर खिलाड़ी हैं। अपने शुरुआती दौर में उन्होंने करीब एक साल की कड़ी मेहनत के दम पर भोपाल में आयोजित सब जूनियर स्कूल नेशनल प्रतियोगिता में भाग लेते हुए एकल में स्वर्ण और टीम इवेंट में रजत पदक दिला दिया था। तनिष्का ने साढ़े तेरह वर्ष की उम्र में कर्ण स्टेडियम का रुख किया।
सत्यवीर पोसवाल के कहने पर तलवारबाजी शुरू की
जहां पर वह एथलीट बनना चाहती थी, लेकिन कोच सत्यवीर पोसवाल के कहने पर उन्होंने तलवारबाजी शुरू की। फिर इसी खेल में ही आगे बढ़ने का फैसला लिया। तीन साल की कड़ी मेहनत के दम पर उनका चयन नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान पटियाला में हुआ और करीब आठ वर्षों से वहीं अभ्यास कर रही हैं।
नेथली मोएलहाउसेन से प्रभावित
उन्होंने बताया कि तलवारबाजी में वह ब्राजील की पूर्व विश्व चैंपियन नेथली मोएलहाउसेन से काफी प्रभावित है। उनकी तरह वह भी विश्व चैंपियन बनने की चाहत रखती हैं। नेथली से तनिष्का ने पेरिस में पांच महीने की ट्रेनिंग ली। वहां से उन्होंने सीखा कि एक एथलीट के जीवन में सबसे अधिक जरूरी प्रदर्शन होता है। मूलरूप से सोनीपत के गांव चटिया औलिया के रहने वाले सोनू खत्री करनाल में हरियाणा पुलिस में बतौर एएसआई कार्यरत हैं। उनकी पत्नी नीलम रानी गृहिणी और एक बेटा अभिनव कनाडा में पढ़ाई कर रहा है। माता-पिता का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी पर नाज है।
ये हैं तनिष्का की उपलब्धियां
तनिष्का खत्री ने सबसे पहले भोपाल में आयोजित सब जूनियर स्कूल नेशनल गेम के एकल मुकाबले में स्वर्ण और समूह मुकाबले में रजत पदक जीता। उसके बाद नांदेड़ महाराष्ट्र में कांस्य, ग्वालियर में स्वर्ण, कांस्य, वरिष्ठ वर्ग में पटियाला में कांस्य, कनिष्ठ वर्ग में मणिपुर में दो स्वर्ण, तेलंगाना दो स्वर्ण व दो कांस्य, नेशनल ग्वालियर स्वर्ण, कांस्य, एशियन कैडेट ताईपाई स्वर्ण, कर्नाटक नेशनल कांस्य, स्वर्ण व रजत, दुबई एशियन चैंपियनशिप में प्रतिभाग करते हुए पांचवीं रैंक पाई। 2018 कॉमवनवेल्थ इंग्लैंड कांस्य, नेशनल चैंपियनिशप ओडिसा स्वर्ण, कांस्य, सीनियर कॉमनवेल्थ गेम्स आस्ट्रेलिया टीम रेंक 5, एकल रेंक 25, रुद्रपुर दो स्वर्ण, गुवाहाटी स्वर्ण, एशियन जूनियर चैंपियनशिप ओमान प्रतिभाग, हैदराबाद दो स्वर्ण, दिल्ली रजत, कांस्य, 2021 रुद्रपुर स्वर्ण, रजत, सोनीपत दो स्वर्ण, 2022 कतर प्रतिभाग, उज्बेकिस्तान रजत, लंदन स्वर्ण, रजत प्राप्त किया। इसके अलावा अन्य कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी भाग ले चुकी है।

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