आरएन जयप्रकाश फिर बने भारतीय तैराकी महासंघ के अध्यक्ष

युवा तैराकों को वैश्विक अनुभव मिले और जमीनी स्तर पर खेल का ढांचा मजबूत हो
खेलपथ संवाद
चेन्नई। भारतीय तैराकी महासंघ (एसएफआई) ने रविवार को यहां आमसभा की बैठक के दौरान आरएन जयप्रकाश के दोबारा सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की। जयप्रकाश ने कहा, ‘लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए भारतीय तैराकी महासंघ का अध्यक्ष चुना जाना सम्मान की बात है।
मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरे पहले कार्यकाल के दौरान भारतीय तैराकी ने शानदार प्रगति की।’ उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान एसएफआई की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। जयप्रकाश ने कहा, ‘हमने इतिहास बनते हुए देखा जब हमारे दो तैराकों (साजन प्रकाश और श्रीहरि नटराज) ने 2021 में ओलंपिक खेलों का ए क्वालीफाइंग स्तर हासिल किया।'
उन्होंने कहा, ‘कोविड महामारी के बावजूद एसएफआई ने सुनिश्चित किया कि भारत में पूरे तैराकी जगत को शीर्ष बुनियादी ढांचा, सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग सुविधा, विश्व स्तरीय कोचिंग, उभरते हुए जूनियर स्तर के युवा तैराकों को वैश्विक अनुभव मिले और जमीनी स्तर पर खेल का ढांचा मजबूत हो।’
द स्वीमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की वार्षिक आम बैठक और चुनाव रविवार को आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य नए पदाधिकारियों का चुनाव करना था जो भारत में तैराकी के भविष्य को आगे बढ़ाएंगे। वार्षिक आम सभा बैठक एक महत्वपूर्ण अवसर है जहां भारतीय तैराकी संघ के सदस्य पिछले वर्ष की प्रगति और उपलब्धियों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होते हैं। नए पदाधिकारी देश भर में तैराकी को विकसित करने और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बैठक में आर एन जयप्रकाश अध्यक्ष और मोनल चोकसी सचिव, सुदेश नागवेंकर कोषाध्यक्ष चुने गए। एनुअल जनरल बॉडी मीटिंग में आरएन जयप्रकाश ने कहा एसएफआई ने सुनिश्चित किया है कि संपूर्ण भारत में तैराकी बिरादरी के पास बुनियादी ढांचे, सर्वोत्तम प्रशिक्षण सुविधा, विश्व स्तर की कोचिंग हो। इस खेल के जमीनी स्तर के ढांचे को मजबूत करने के लिए आवश्यक इष्टतम समर्थन था। हमें और भी बहुत कुछ करना है और मैं आशान्वित हूं कि भारत कुछ वर्षों में तैराकी में एक प्रमुख वैश्विक शक्ति बन जाएगा।
मिशन 2028 के लिए प्रमुख फोकस क्षेत्र
स्वीमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने देश में तैराकी के विकास को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अपने मिशन 2028 के लिए प्रमुख फोकस क्षेत्रों की पहचान की है। इन फोकस क्षेत्रों में तैराकों, प्रशिक्षकों और अकादमियों के एक राष्ट्रीय डेटाबेस की स्थापना, एक स्वदेशी कोच शिक्षा और प्रमाणन का कार्यान्वयन, एक व्यवस्थित प्रतिभा खोज संरचना और प्रोटोकॉल का निर्माण, प्रतियोगिता संरचना की समीक्षा और विकास शामिल हैं।