'मेडल की कीमत तो 15 रुपए, नकद पुरस्कार लौटाओ'

बृजभूषण शरण सिंह ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से कहा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों का धरना लगातार जारी है। खापों द्वारा महापंचायत कर सरकार को दिए गए अल्टीमेटम का अब सिर्फ एक ही दिन बचा है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। ऐसे में 21 मई के बाद इस धरने व आंदोलन को बड़ा रूप दिया जा सकता है। उधर पहलवानों के बार-बार मेडल वापस करने की धमकी पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मेडल की कीमत तो 15 रुपए है लौटाना ही है तो नकद पुरस्कार लौटाओ। बृजभूषण शरण सिंह के इस बयान पर बजरंगा पूनिया भड़क गए और कहा कि उनकी दो कौड़ी की मानसिकता है।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे पहलवान पीछे हटने को तैयार नही हैं वहीं एक बार फिर पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के मेडल को लेकर दिये एक बयान की आलोचना की। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी इस पर आपत्ति जताई। दरअसल एक इंटरव्यू के दौरान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था कि जो पहलवान मेडल वापस करने की बात कर रहे हैं, उन्हें इसके बजाय अपनी पुरस्कार राशि वापस करनी चाहिए क्योंकि मेडल तो केवल 15 रुपए में बिकेंगे।
वहीं डब्लूएफआई प्रमुख पर पलटवार करते हुए पहलवान बजरंग पूनिया ने हिंदी में ट्वीट किया कि यह आदमी जिस मेडल को 15 रुपये का बता रहा है, उसको पाने के पीछे हमारी 15 साल की कड़ी मेहनत है। ये आप जैसे लोगों ने दान नहीं दिया, बल्कि खून-पसीना बहाकर देश के लिए कमाया है। बजरंग पूनिया ने लिखा कि बृजभूषण सिंह लड़कियों को खिलौना न समझते और खिलाड़ियों को इंसान मानते तो ऐसी बात न करते।
इसके अलावा पूनिया ने बुधवार को कहा था कि वह भारत में जो भी पदक जीते हैं, उन्हें लौटाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पदक उन्हें भारत सरकार ने नहीं दिए, इसलिए वह उन्हें अपने पास ही रखेंगे। साथ ही पूनिया ने यह भी कहा कि अगर उन लोगों को न्याय नहीं मिला तो वह अर्जुन और खेल रत्न सम्मान लौटाने को भी तैयार हैं। वहीं कई विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता ने यह भी कहा कि पहलवान अपने अंतरराष्ट्रीय समकक्षों के सम्पर्क में हैं और जल्द ही बड़े खेल समुदाय से समर्थन प्राप्त कर सकते हैं।
दो कौड़ी की मानसिकता: मालीवाल
वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष मालीवाल ने भी बृजभूषण के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। चैम्पियनों की मेहनत को सिक्कों में तौलने वाले ऐसे लोग महासंघ चला रहे हैं। इसलिए आज बेटियों को न्याय के लिए सड़क पर बैठना पड़ रहा है। यह मेडल 15 रुपए का नहीं है, इस आदमी की दो कौड़ी की मानसिकता है! डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने हिंदी में ट्वीट किया।
प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा कि महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए वे खेल में अपना करियर कुर्बान करने को तैयार हैं। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और उनके समर्थकों के साथ शाम को राजघाट का दौरा करने के बाद मीडिया को सम्बोधित करते हुए, बजरंग पूनिया ने कहा कि वे तब तक नहीं हिलेंगे जब तक बृजभूषण को महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार नहीं किया जाता है, जिसमें एक नाबालिग महिला पहलवान भी शामिल है।
न्याय के लिए हमारी लड़ाई जारी
पूनिया ने कहा कि न्याय के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। हमें पूरे देश से बहुत समर्थन मिल रहा है। सरकार का आदर्श वाक्य बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ है, इसलिए इसे ध्यान में रखना चाहिए कि ये देश की बेटियां हैं। यह पूछे जाने पर कि पिछले 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर चल रहे प्रदर्शन से क्या इस साल होने वाले एशियाई खेलों की तैयारियों में बाधा आ रही है, बजरंग ने कहा कि पीड़ितों को न्याय दिलाना अब उनकी प्राथमिकता है। बेटियों को न्याय मिले तो यह हमारा सबसे बड़ा मेडल है। हम कुर्बानी देने को तैयार हैं। लड़ाई डब्लूएफआई में अच्छे लोगों के लिए है न कि बृजभूषण जैसे लोगों या उनके समर्थकों के लिए जो महिला पहलवानों से छेड़छाड़ करते रहेंगे।

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