शिकायत वापस लेने को दी जा रहीं धमकियां
पहलवानों का द्रोणाचार्य अवार्डी कोच पर आरोप
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किए जाने के बाद धरने पर बैठे शीर्ष पहलवानों ने शिकायतकर्ताओं को जान से मारने की धमकियां दिए जाने के आरोप लगाए हैं। विनेश और बजरंग ने मंगलवार को कहा, सात शिकायतकर्ताओं के परिवार के सदस्यों को शिकायत वापस लेने के लिए न सिर्फ पैसे का लालच दिया जा रहा है बल्कि उन्हें धमकाया भी जा रहा है। इनमें हरियाणा कुश्ती संघ के एक पदाधिकारी और एक द्रोणाचार्य अवार्डी कोच शामिल है।
बजरंग ने कहा, उनके पास इन धमकियों के सबूत हैं और उनकी ओर से इसकी भी शिकायत पुलिस से की जाएगी। पहलवानों ने यह भी साफ किया कि सिर्फ एफआईआर दर्ज होने पर वे धरना समाप्त नहीं करेंगे बल्कि बृजभूषण की गिरफ्तारी के बाद ही धरने से उठेंगे।
सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास, मिलेगा न्याय
विनेश विनेश ने कहा कि उनका सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा। विनेश ने आरोप लगाया कि पहले दिल्ली पुलिस ने राजनीतिक दबाव में एफआईआर दर्ज नहीं की। यहां तक उनकी ओर से सातों शिकायतकर्ताओं के नाम बृजभूषण को बता दिए गए। इसके बाद तीन से चार शिकायतकर्ताओं के पास लगातार धमकियां आने लगीं। ये धमकियां हरियाणा कुश्ती के एक पदाधिकारी और द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर बिश्नोई की ओर से दी गई हैं। हालांकि महावीर का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। उन्होंने निगरानी समिति की जांच के समक्ष भी अपना पक्ष रखा था। अगर जरूरत पड़ी तो वह फिर अपने को निर्दोष साबित करेंगे।
सिब्बल ने लड़ा केस, करात, हुड्डा धरने पर पहुंचे
पहलवानों की ओर से खाप, पंचायतों और राजनीतिक पार्टियों को धरने के समर्थन का आमंत्रण देने के बाद यह धरना पूरी तरह राजनीतिक रंग में रंग गया। पहले कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में पहलवानों की याचिका पर पैरवी की। मंगलवार को धरना स्थल पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा और माक्र्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात भी धरना स्थल पर पहुंच गईं। भूपेंदर हुड्डा ने धरना स्थल पर तकरीबन 35 मिनट बिताए। करात को तीन माह पहले दिए गए धरने से पहलवानों ने हटा दिया था, लेकिन उन्होंने आज एक बार फिर धरने पर आकर पहलवानों को अपना समर्थन दे दिया। धरने पर आम आदमी पार्टी के नेता और भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी भी पहुंचे।
बबिता से जबरन जांच रिपोर्ट पर कराए हस्ताक्षर
बजरंग ने कहा, निगरानी समिति की जांच रिपोर्ट को भी प्रभावित करने की कोशिश की गई है। उनकी मांग के बाद मैरी कॉम की अगुवाई वाली समिति में शामिल बबिता फोगाट से जांच रिपोर्ट पर जबरन हस्ताक्षर कराए गए हैं। उन्हें रिपोर्ट दिखाई तक नहीं गई। बजरंग ने आरोप लगाया कि बबिता से कहा गया कि वह उनके परिवार की सदस्य हैं। वह रिपोर्ट देखकर क्या करेंगी। हालांकि जांच समिति की सदस्य पूर्व साई अधिकारी राधिका श्रीमान ने इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि बबिता को चार से पांच बार रिपोर्ट पढ़ाई गई। वह इससे संतुष्ट थीं।
शाम को अपने घर पहुंचे बृजभूषण
धरना स्थल से 100 मीटर की दूरी पर ही बृजभूषण शरण सिंह का आवास है। वह देर शाम अपने अपने आवास पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने मीडिया से दूरी बनाकर रखी। हालांकि उन्होंने इससे पहले मीडिया से कहा, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। उनका इसमें कुछ कहना ठीक नहीं है।