'अब कोई मध्यस्थ स्वीकार नहीं, बहकावे में नहीं आएंगे'

बृजभूषण पर एफआईआर की मांग 
खाप-किसान संगठनों से मांगा समर्थन
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर दोबारा धरने पर बैठे पहलवान सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये हैं। ओलंपियन विनेश फोगाट और सात अन्य पहलवानों ने सोमवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया, जिन्होंने उन्हें कल मामले का फिर से उल्लेख करने के लिए कहा।
धरने पर बैठे पहलवानों ने कहा कि तीन महीने पहले प्रदर्शन खत्म करके उन्होंने गलती की थी। विनेश ने कहा,‘अब हम किसी मध्यस्थ को स्वीकार नहीं करेंगे, किसी के बहकावे में नहीं आएंगे। हम सभी चाहते हैं कि पुलिस प्राथमिकी दर्ज करे और जांच करे।' जनवरी में हुए प्रदर्शन के दौरान पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट ने मध्यस्थता की थी। वह सरकार के निगरानी पैनल का भी हिस्सा हैं। विनेश ने अपनी चचेरी बहन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘हो सकता है कि वह अब कुश्ती से ज्यादा राजनीति से प्यार करती हो।' पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि पिछली बार हम प्रदर्शन को गैर राजनीतिक रखना चाहते थे, लेकिन अब हम किसान संगठनों, महिला संगठनों और खाप का समर्थन चाहते हैं। साक्षी मलिक ने कहा कि अगर हमने गलत आरोप लगाए हैं तो हमारे खिलाफ जवाबी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।
कुश्ती महासंघ का चुनाव रुका
खेल मंत्रालय ने 7 मई को होने वाले भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों को सोमवार को रोक दिया और भारतीय ओलंपिक संघ से तदर्थ समिति गठित करने को कहा। यह समिति 45 दिन के भीतर चुनाव कराएगी और खेल संस्था का कामकाज भी देखेगी। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है। एक अधिकारी ने बताया कि बृजभूषण के खिलाफ सात शिकायतें मिली हैं, पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की जायेगी।

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