महिला मुक्केबाजी की राजधानी बना भारतः उमर क्रेमलेव

हमारी अनुमति बिना आईओसी नहीं करा सकती ओलम्पिक क्वालिफायर
भारतीय दौरे पर अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष ने भरी हुंकार
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (आईबीए) के अध्यक्ष उमर क्रेमलेव ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि बिना उसकी अनुमति के अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) पेरिस ओलम्पिक के क्वालिफायर नहीं करा सकती है। 15 मार्च से आईजी स्टेडियम में शुरू हो रही विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के लिए आए क्रेमलेव ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों संस्थाओं को समन्वय और आपसी सहयोग से काम लेकर इसे हल करना होगा। 
क्रेमलेव ने कहा कि ओलम्पिक से पहले आईबीए ओलम्पिक क्वालिफायर और विश्व चैम्पियनशिप के आयोजन के लिए जिम्मेदार है। अगर आईओसी ओलम्पिक क्वालिफायर का आयोजन कराना चाहता है तो इसके लिए उसे आईबीए की अनुमति लेनी होगी। उल्लेखनीय है कि आईओसी ने आईबीए के प्रतिबंधित होने के चलते मुक्केबाजी के ओलम्पिक क्वालिफायर खुद कराने की घोषणा की है।
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) के अध्यक्ष उमर क्रेमलेव ने मंगलवार को कहा कि भारत महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया है। क्रेमलेव के मुताबिक भारत आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप 2023 के साथ महिलाओं की इस सबसे बड़ी मुक्केबाजी प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह तैयार है। इस चैम्पियनशिप का आयोजन बुधवार से नई दिल्ली के इंदिरा गांधी खेल परिसर में स्थित केडी जाधव इंडोर हाल में होना है।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) की मेजबानी में यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट भारत में तीसरी बार हो रहा है। इससे अधिक बार चैम्पियनशिप के इतिहास में किसी भी देश ने इसकी मेजबानी नहीं की है। पिछले दो संस्करण 2006 और 2018 में नई दिल्ली में हुए थे। क्रेमलेव ने रियो ओलम्पिक चैम्पियन फ्रांस की एस्टेले मोसेली और मौजूदा अफ्रीकन चैम्पियन सिएरा लियोन की सारा हागी घाट जू के साथ-साथ बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह की मौजूदगी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “भारत महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया और अब हम एक साथ ऐतिहासिक क्षण के गवाह बन रहे हैं। आमतौर पर 250 से 260 मुक्केबाज इस तरह की चैम्पियनशिप में भाग लेते हैं, लेकिन इस साल यह एक बहुत बड़ी चैम्पियनशिप है।“ इस चैम्पियनशिप के आगामी 13वें संस्करण में खिताब के लिए 65 देशों के 300 से अधिक मुक्केबाजों के बीच मुकाबला होगा। ये खिलाड़ी 12 भार वर्गों में हिस्सा लेंगे। इस साल इस चैम्पियनशिप के लिए 20 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि होगी।
बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, "मुझे लगता है कि भारत का तीसरी बार चैम्पियनशिप की मेजबानी करना इस बात का प्रमाण है कि भारत मुक्केबाजी में एक वास्तविक शक्ति है और जैसा कि आईबीए अध्यक्ष ने कहा कि यह वास्तव में दुनिया में महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया है। हमारे लिए और भी खुशी की बात यह है कि इस खेल ने हमें अपने देश में महिलाओं को सशक्त बनाने में सक्षम बनाया है और हम मुक्केबाजी को उन रास्तों में से एक के रूप में देखते हैं, जिसके द्वारा पीछे रहने वाली महिलाएं, जो अक्सर सर्वश्रेष्ठ नहीं होती हैं, ऊपर उठती हैं और विश्व चैम्पियन बन जाती हैं।"

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