अम्पायर का फैसला पलटने में माहिर है टीम इंडिया

28.4 फीसदी मौकों पर मिली कामयाबी
खेलपथ संवाद
मुम्बई। डिसीजन रिव्यू सिस्टम क्रिकेट में आउट की सटीकता को पता करने के लिए एक नई खोज है। इसकी मदद से कोई भी टीम अंपायर के फैसले को चुनौती दे सकती है। हालांकि, एक पारी के दौरान एक टीम को दो बार ही इसका इस्तेमाल करने की इजाजत होती है। यदि कोई अंपायर किसी खिलाड़ी को नॉटआउट देता है तो फील्डिंग टीम एक पारी में दो बार उनके फैसले को चुनौती दे सकती है।
अंपायर का फैसला सही होने पर फील्डिंग टीम के खाते से डीआरएस की संख्या घट जाएगी, लेकिन अगर फील्डिंग टीम सही हुई तो रिव्यू लेने की संख्या दो ही रह जाएगी। इसी प्रकार अगर अंपायर किसी बल्लेबाज को आउट देता है तो बैटर उस फैसले को दो बार चुनौती दे सकता है। अंपायर का फैसला सही होने पर बैटिंग टीम के खाते से एक डीआरएस घट जाएगा, लेकिन बैटर के सही होने पर रिव्यू रिटेन होगा। अंपायर्स कॉल होने पर रिव्यू की संख्या नहीं घटेगी। 
इस तकनीक के आने के बाद से कई ऐसे मौके आए जब अंपायर को अपना फैसला पलटना पड़ा। 2020 से लेकर अब तक टेस्ट में इस मामले में टॉप तीन देशों में न्यूजीलैंड, बांग्लादेश और भारत है। इन तीन देशों के पक्ष में डीआरएस के सबसे ज्यादा फैसले आए हैं। यानी इन देशों ने डीआरएस का सही इस्तेमाल कर अंपायर के सबसे ज्यादा फैसले पलटे हैं। डीआरएस में सबसे ज्यादा सफलता प्रतिशत न्यूजीलैंड का है। उसने 2020 से लेकर अब तक यानी 38 महीने में टेस्ट में कुल 118 बार डीआरएस का इस्तेमाल किया। इनमें से 36 बार वह अंपायर का फैसला पलटने में कामयाब रहे। उनका सफलता प्रतिशत 30.5 है।
बांग्लादेश इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर है। उसने पिछले 38 महीने में 116 बार डीआरएस का इस्तेमाल किया और 35 बार फैसला पलटने में कामयाब रहे। 81 मौकों पर अंपायर का फैसला सही साबित हुआ। यानी उनका सफलता प्रतिशत 30.2 रहा। भारत इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर है। उसने 2020 से लेकर अब तक टेस्ट में 169 बार डीआरएस का इस्तेमाल किया और 48 बार अंपायर का फैसला पलटने में कामयाब रहे। 121 मौकों पर अंपायर का फैसला सही रहा। डीआरएस में भारत का सफलता प्रतिशत 28.4 रहा। डीआरएस को शुरुआती समय में धोनी रिव्यू सिस्टम भी कहा जाता था, क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के दौरान उनके द्वारा लिए गए ज्यादातर डीआरएस भारत के पक्ष में रहे थे।
ऑस्ट्रेलिया डीआरएस लेने के मामले में सबसे फिसड्डी देशों में से एक रहा है। आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। कंगारू टीम 2020 से लेकर अब तक टेस्ट में डीआरएस में सबसे कम सफलता प्रतिशत वाले निचले तीन देशों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया ने इस दौरान 119 बार डीआरएस का इस्तेमाल किया और 27 बार कामयाब रहे। उनका सफलता प्रतिशत 22.7 है।
श्रीलंका 20.7 प्रतिशत के साथ ऑस्ट्रेलिया के नीचे और जिम्बाब्वे 20 प्रतिशत के साथ सबसे नीचे है। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी कंगारू टीम कई मौकों पर गलत डीआरएस लेकर भारतीय बल्लेबाजों को आउट करने में नाकामयाब रहे। वहीं, भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने सटीकता का उदाहरण दिया। टेस्ट सीरीज की बात करें तो भारतीय टीम फिलहाल चार मैचों की सीरीज में 2-0 से आगे है। भारत ने पहला टेस्ट पारी और 132 रन से जीता था। दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया ने छह विकेट से जीत हासिल की थी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का अगला मुकाबला एक मार्च से इंदौर में खेला जाएगा। वहीं, सीरीज का आखिरी टेस्ट नौ मार्च से अहमदाबाद में खेला जाएगा। इसके बाद दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज होगी।
DRS में सबसे सफल देश (2020 से लेकर अब तक टेस्ट में)
देश DRS
लिए सफल असफल
सफलता प्रतिशत
न्यूजीलैंड 118 36 82 30.5
बांग्लादेश 116 35 81 30.2
भारत 169 48 121 28.4
दक्षिण अफ्रीका 112 31 81 27.7
वेस्टइंडीज 161 44 117 27.3
इंग्लैंड 207 56 151 27.1
पाकिस्तान 117 30 87 25.6
ऑस्ट्रेलिया 119 27 92 22.7
श्रीलंका 111 23 88 20.7
जिम्बाब्वे 5 1 4 20
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