अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं लेने से खेल मंत्रालय पहलवानों से नाराज

इससे टारगेट ओलम्पिक्स पोडियम स्कीम'महत्ता प्रभावित हो रही 
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
खेल मंत्रालय देश के शीर्ष पहलवानों के भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) और इसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के साथ चल रहे उनके गतिरोध के कारण अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेने से नाराज है। खेल मंत्रालय मानता है कि इससे ‘टारगेट ओलम्पिक्स पोडियम स्कीम'महत्ता प्रभावित हो रही है जोकि उचित नहीं है।  
विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, रवि दहिया, दीपक पूनिया, अंशु मलिक और संगीता मोर सहित शीर्ष पहलवानों ने जगरेब और अलेक्सजांद्रिया में यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया क्योंकि एक जांच पैनल डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रहा है। बृज भूषण लंबित जांच के कारण अपने पद से अलग हो गये हैं। पहलवानों के इस कदम से सरकार नाराज है जो पहलवानों को तैयारियों और ट्रेनिंग के लिये ‘टारगेट ओलम्पिक्स पोडियम स्कीम' (टॉप्स) के अंतर्गत वित्तीय सहायता मुहैया कराती है। 
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें यह पता नहीं चल रहा कि जब उनकी मांगें मान ली गयी हैं तो वे (टूर्नामेंट में) हिस्सा क्यों नहीं ले रहे। हमें समिति को जांच पूरी करने के लिये समय देने की जरूरत है। यह पहलवानों का फैसला है और हम किसी को भी बाध्य नहीं कर सकते लेकिन उन्हें टूर्नामेंट से हटना नहीं चाहिए।' डब्ल्यूएफआई का रोजमर्रा का कामकाज महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की अगुआई वाली छह सदस्यीय निगरानी समिति देख रही है।

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