भारत ने आस्ट्रेलिया को एक पारी और 132 रन से रौंदा

अश्विन और रविन्द्र जड़ेजा ने कंगारुओं को 91 पर समेटा
खेलपथ संवाद
नागपुर।
स्टार आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को लेकर आस्ट्रेलियाई टीम का डर आखिरकार सही साबित हुआ और उनके 5 विकेट की मदद से एक ही सत्र में पूरी आस्ट्रेलियाई टीम को सिर्फ 91 रन पर समेटकर भारत ने पहला क्रिकेट टेस्ट महज तीन दिन के भीतर एक पारी और 132 रन से जीतकर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 1-0 की बढ़त बना ली।
सुबह के सत्र में अक्षर पटेल के 84 और मोहम्मद शमी के 37 रन की मदद से भारत ने पहली पारी में 400 रन बनाकर 223 रन की बढ़त ले ली थी। जवाब में आस्ट्रेलियाई टीम ने महज एक सत्र में ही 10 विकेट गंवा दिये और 32.3 ओवर में 91 रन पर पवेलियन लौट गई। अश्विन को लेकर आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का डर आखिरकार सही साबित हुआ। उसके ‘डुप्लीकेट' के साथ अभ्यास करने का उनका दांव भी सटीक नहीं बैठा और इस चतुर आफ स्पिनर ने उन्हें फिरकी के जाल में बखूबी फंसाकर 12 ओवर में 37 रन देकर 5 विकेट लिये। 
पहली पारी में 5 विकेट लेने वाले रविंद्र जडेजा को दो और शमी को दो विकेट मिले। हरफनमौला प्रदर्शन करने वाले जडेजा को प्लेयर आफ द मैच चुना गया हालांकि मैदानी अंपायर की जानकारी के बिना हाथ में मरहम लगाने के लिये उन पर मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना और एक डिमेरिट अंक लगाया गया । इससे पहले भारत ने कल के स्कोर सात विकेट पर 321 रन से आगे खेलना शुरू किया। जडेजा कल के ही स्कोर 70 रन पर टॉड मरफी को अपना विकेट गंवा बैठे। पिच में तीसरे दिन भी बहुत बदलाव नहीं देखा गया और धीमी पिच पर बल्लेबाजों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। 
अक्षर और शमी ने नौवें विकेट के लिये 52 रन की साझेदारी की । शमी को नाथन लियोन की गेंद पर स्कॉट बोलैंड ने छह के स्कोर पर जीवनदान दिया। इसके बाद शमी ने आस्ट्रेलिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज मरफी को तीन छक्के लगाये । उन्होंने पहले मिडविकेट पर स्लॉग स्वीप खेला, इसके बाद लांग आफ में स्ट्रेट ड्राइव लगाया और फिर ला़ंग आन पर छक्का जड़ा । उनकी आक्रामक पारी के दम पर 50 रन की साझेदारी महज 65 मिनट में बन गई । पटेल ने शमी को ही ज्यादा स्ट्राइक लेने दी । शमी चौथा छक्का लगाने के प्रयास में अपना विकेट गंवा बैठे । इसके बाद पटेल ने मरफी को अपनी पारी का पहला छक्का लगाया। 
आस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने पटेल को बोल्ड करके भारतीय पारी का अंत किया । पहली पारी में 177 रन सिमटने वाली आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी की शुरूआत बेहद खराब रही और दूसरे ही ओवर में अश्विन ने उस्मान ख्वाजा (5) को विराट कोहली के हाथों लपकवाकर उसे पहला झटका दिया । लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे डेविड वॉर्नर एक बार फिर नाकाम रहे और अश्विन की गेंद पर पगबाधा आउट हुए। इससे पहले जडेजा ने मार्नस लाबुशेन (17) को पवेलियन भेजा । मैट रेनशॉ (2) को अश्विन ने अपना तीसरा शिकार बनाया और अगले ओवर में पीटर हैंडस्कांब (छह) को पवेलियन भेजा। आस्ट्रेलिया की आधी टीम 52 के स्कोर पर लौट चुकी थी और मैच का नतीजा आज ही निकलने की संभावना प्रबल हो गई थी। एलेक्स कारी (10) के रूप में अश्विन ने पांचवां विकेट लिया । इसके बाद से आस्ट्रेलियाई निचले क्रम से किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं थी। अब दोनों टीमें 17 फरवरी से दिल्ली में दूसरा टेस्ट खेलेंगी।
आस्ट्रेलियाई टीम के एक ही सत्र में सिमटने की उम्मीद नहीं की थी: रोहित शर्मा
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा आस्ट्रेलियाई टीम की मानसिक मजबूती पर टिप्पणी नहीं करेंगे लेकिन उन्होंने शनिवार को यहां शुरूआती टेस्ट के तीसरे दिन उनके महज एक ही सत्र में सिमटने की उम्मीद निश्चित रूप से नहीं की थी। आस्ट्रेलिया को पहले टेस्ट में पारी और 132 रन से हार का सामना करना पड़ा क्योंकि टीम तीसरे दिन लंच के बाद बल्लेबाजी करने उतरी और चाय के सत्र से पहले ही दूसरी पारी में महज 91 रन पर सिमट गयी। 
भारतीय कप्तान ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में इस मैच के तीन दिन में खत्म होने की उम्मीद के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा, ‘‘नहीं, मैंने उम्मीद नहीं की थी।' उन्होंने कहा, ‘‘हम गेंदबाजी में मुश्किल दिन के लिये तैयार थे। हमने कभी नहीं सोचा था कि वे एक सत्र में सिमट जायेंगे।' रोहित ने कहा, ‘जैसा कि आपने देखा, पिच धीमी और धीमी होती चली गयी और पिच पर कोई उछाल नहीं था इसलिये मुझे बहुत हैरानी हुई।' आस्ट्रेलियाई मीडिया में पिच को लेकर काफी चर्चा हो रही थी जिसे स्पिनरों के लिये मददगार करार किया जा रहा था। जब रोहित से पूछा गया कि क्या उन्हें अपनी टीम आस्ट्रेलिया की तुलना में मानसिक रूप से मजबूत दिखी तो शांत स्वभाव के भारतीय कप्तान ने अपने चिरपरिचित अंदाज में इसे खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं आस्ट्रेलियाई टीम के मानसिक स्तर के बारे में नहीं जानता। मैं अपनी टीम के बारे में बता सकता हूं और हम इस तरह की पिचों पर खेलना चाहते हैं और यह अभी से नहीं हैं, हम पिछले तीन-चार वर्षों से इस तरह की पिचों पर खेल रहे हैं।' रोहित ने कहा, ‘‘हम इस तरह की पिचों पर खेलते हुए बड़े हुए हैं इसलिये ड्रेसिंग रूम में पिचों के बारे में अब कोई बात नहीं होती।' 
भारतीय कप्तान के लिये क्रिकेट मैच हो या जीवन का कोई अन्य पहलू, सभी में सफलता के लिये तैयारी अहम है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं काफी श्रेय यहां आने से पहले ट्रेनिंग सत्र को दूंगा। हमने चार या पांच नेट सत्र किये और हमें जिस तरह की पिच मिलनी थी, उसी के जैसी पिच तैयार की। पिच पर स्वीप, रिवर्स स्वीप, ऊपर हिट करना सभी के लिये जब आप अच्छी तरह तैयार हो तो आपके अंदर आत्मविश्वास होता है और ऐसा क्रिकेट ही नहीं बल्कि सभी जगह होता है। ''

रिलेटेड पोस्ट्स