रणजी ट्रॉफी में पहली बार महिलाओं ने की अम्पायरिंग

जननी नारायणन ने इंजीनियरिंग छोड़ अपनाई अम्पायरिंग
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
रणजी ट्रॉफी में मंगलवार (10 जनवरी) को नया इतिहास बना। पहली बार महिलाओं को अम्पायरिंग करने का मौका मिला। पूर्व स्कोरर वृंदा राठी, पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर जननी नारायणन और पूर्व खिलाड़ी गायत्री वेणुगोपलन ने रणजी ट्रॉफी में अम्पायर के रूप में पदार्पण किया। 
वेणुगापालन जमशेदपुर में चल रहे झारखंड और छत्तीसगढ़ के मैच में अम्पायर हैं। नारायणन सूरत में रेलवे और त्रिपुरा के मुकाबले में, तो राठी पॉरवोरिम में गोवा और पॉण्डिचेरी के बीच खेले जा रहे मैच में अम्पायरिंग कर रही हैं।
36 वर्षीय जननी नारायणन की शुरू से ही क्रिकेट में रुचि थी। वह इससे जुड़े रहना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (टीएनसीए) से संपर्क साधा। कुछ वर्ष बाद टीएनसीए ने नियम बदला और महिलाओं को भी अंपायरिंग की अनुमति दी। इंजीनियर जननी ने बीसीसीआई की लेवल दो अंपायरिंग परीक्षा 2018 में पास की। इसके बाद उन्होंने अपनी अच्छी खासी आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) की नौकरी छोड़ दी और क्रिकेट अंपायरिंग में करियर शुरू किया। वह 2021 में तमिलनाडु प्रीमियर लीग में भी अंपायरिंग कर चुकी हैं।
मुंबई के स्थानीय मैचों में स्कोरर का काम करती थीं राठी
32 वर्षीय वृंदा राठी शुरू से ही क्रिकेट मैदान से जुड़ी हुई हैं। वह मुंबई में स्थानीय मैचों में स्कोरर का काम करती थीं। इसके बाद उन्होंने बीसीसीआई के स्कोरर की परीक्षा उत्तीर्ण की। वह 2013 में भारत में हुए महिला विश्वकप में बीसीसीआई की स्कोरर थीं। इसके बाद उन्होंने अंपायरिंग की ओर रुख किया।
क्रिकेटर बनना चाहती थीं वेणुगोपालन
दिल्ली में रहने वाली 43 वर्षीय गायत्री वेणुगोपलन क्रिकेटर बनना चाहती थीं, लेकिन कंधे की चोट की वजह से उनका सपना अधूरा रहा गया। इसके बाद उन्होंने 2019 में बीसीसीआई की परीक्षा पास करने के बाद अंपायरिंग शुरू की। गायत्री इससे पहले रणजी ट्रॉफी में रिजर्व (चौथे) अंपायर के रूप में सेवा कर चुकी हैं।
नारायणन और राठी आईसीसी के पैनल में भी शामिल
नारायणन और राठी अनुभवी अंपायर हैं। उन्हें 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के डेवलपमेंट अंपायरों के पैनल में भी शामिल किया गया था। वरिष्ठ अंपायरिंग कोच डेनिस बर्न्स ने दोनों ही महिला अंपायरों की आईसीसी डेवलपमेंट पैनल में पदोन्नति की सराहना की है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि जननी और वृंदा भारत में महिला अंपायरों की नई लहर का प्रतिनिधित्व करती हैं। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में पहले से ही महिलाएं पुरुषों के मैचों में अंपायरिंग कर रही हैं।

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