क्या कोच नंदी बर्बाद कर रहे दीपा कर्माकर का करिअर?

जिम्नास्ट दीपा कर्माकर पर लगा दो साल का प्रतिबंध

खेलपथ संवाद

नई दिल्ली। हमारे देश में हजारों साल तक गुरु-शिष्य परंपरा फलती-फूलती रही और आगे बढ़ती रही। हमारी संस्कृति में गुरु अपने शक्तिशाली सूक्ष्म ज्ञान को अटूट विश्वास, पूर्ण समर्पण और गहरी घनिष्ठता के माहौल में अपने शिष्यों तक पहुंचाते थे। परम्परा का मतलब होता है ऐसी प्रथा जो बिना किसी छेड़-छाड़ और बाधा के चलती रहे। दूसरे शब्दों में कहें तो यह ज्ञान बांटने की अटूट श्रृंखला है। भारत ही एक अकेला देश है, जहां ऐसी परम्परा थी।

जब किसी को अंतर्ज्ञान प्राप्त होता है, तो वह किसी ऐसे व्यक्ति को खोजता है, जो पूरी तरह से समर्पित हो, जिसके लिए सत्य का ज्ञान अपनी जिंदगी से बढ़कर हो। वह ऐसे समर्पित व्यक्ति को खोजकर उस तक अपना ज्ञान पहुंचाता है। यह दूसरा व्यक्ति फिर ऐसे ही किसी तीसरे व्यक्ति की खोज कर, उस तक वह ज्ञान पहुंचाता है। यह सिलसिला बिना किसी बाधा के हजारों साल तक लगातार चलता रहा। इसी को गुरु-शिष्य परंपरा कहा जाता है। अब हमारे देश में गुरु-शिष्य परम्परा पर उंगली उठने लगी हैं। ताजा मामला ख्यातिलब्ध जिम्नास्ट दीपा कर्माकर और उसके प्रशिक्षक विश्वेश्वर नंदी से जुड़ा है। दीपा कर्माकर पर दो साल का प्रतिबंध लगने के पीछे कारण स्पोर्ट्स अथॉरिटी आफ इंडिया और नाडा तो विश्वेश्वर नंदी को ही मान रहे हैं। यद्यपि इस मामले में दीपा बिल्कुल चुप हैं। आओ जानें कि आखिर पूरा मामला क्या है।

देश की स्टार जिम्नास्ट और खेल रत्न अवार्डी दीपा कर्माकर दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दी गई हैं। एंटी डोपिंग नियमों के तहत ह्वेयर अबाउट नहीं भरने के कारण उन पर यह प्रतिबंध बीते वर्ष से लगा हुआ है, लेकिन उनके इस प्रतिबंध के बारे में अंतरराष्ट्रीय जिम्नास्टिक फेडरेशन (एफआईजी), भारतीय जिम्नास्टिक संघ, नाडा और साई सभी ने जुबान बंदकर रखी थी, लेकिन अब दीपा के प्रतिबंधित होने का सच सामने आया है।

इस साल मार्च माह में एफआईजी ने अपनी वेबसाइट पर 2016 के रियो ओलम्पिक में चौथा स्थान हासिल कर दुनिया को हैरत में डालने वाली दीपा को सस्पेंडेड (निलंबित) दिखाया था। ऐसा डोप पॉजिटिव होने या फिर ह्वेयर अबाउट फेल करने के कारण ही हो सकता है, लेकिन एफआईजी ने इसके कारणों का खुलासा नहीं किया।

सूत्र बताते हैं कि सबसे मुश्किल वॉल्ट प्रोदुनोवा लगाने वाली दीपा रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल (आरटीपी) में शामिल थीं। नियमानुसार आरटीपी में शामिल खिलाड़ी को हर चार माह पर अपना ह्वेयर अबाउट वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी की साइट एडम्स पर भरना होता है। अगर कोई खिलाड़ी चार माह के अंतराल में ह्वेयर अबाउट नहीं भरता है। उसका मिस टेस्ट करार दिया जाता है। तीन मिस टेस्ट होने पर खिलाड़ी को एंटी डोपिंग नियमों का आरोपी करार दिया जाता है। सकारात्मक तर्क नहीं देने पर खिलाड़ी पर 12 से 24 माह का प्रतिबंध लगा दिया जाता है। दीपा के साथ भी यही हुआ है। उनके तीन मिस टेस्ट के बाद उन्हें ह्वेयर अबाउट फेल्योर का दोषी करार देते हुए दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।

चोट से उबरने के बाद दीपा ने बीते वर्ष इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुए भारतीय टीम के ट्रायल में वापसी की थी। उन्हें दो ट्रायल खेलने थे। एक ट्रायल में वह टॉप पर रहीं, लेकिन हैरानीजनक तरीके से वह दूसरे ट्रायल में नहीं खेलीं। जिसके चलते उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली। उनके ट्रायल छोड़ने को भी ह्वेयर अबाउट फेल होने से जोड़कर देखा जा रहा है।

भारतीय जिम्नास्ट की पोस्टर गर्ल दीपा कर्माकर पर एंटी डोपिंग रूल्स वायलेशन के लिए 2 साल का बैन लगा दिया गया है। इस साल मार्च में ही पहली सूचना तब मिली जब इंटरनेशनल जिम्नास्ट फेडरेशन ने उनके स्टेटस को सस्पेंड कर दिया। उस वक्त इस सस्पेंशन को लेकर कई तरह की चर्चाएं सामने आईं। यह कहा गया कि अनुशासनहीनता या आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है। या फिर एंटी डोपिंग वायलेश की बात भी हो सकती है। हालांकि जिम्नास्टिक फेडरेशन ऑफ इंडिया और नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी ने भी इस मसले पर चुप्पी साध रखी है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट में यह कंफर्म किया गया है कि दीपा कर्माकर 2 साल के लिए प्रतिबंधित कर दी गई हैं।

टीओआई की रिपोर्ट बताती है कि दीपा कर्माकर 2021 से ही सस्पेंशन झेल रही हैं और यह तब हुआ जब वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी ने उन्हें नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया। हालांकि जिम्नास्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इस पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है। रिपोर्ट्स की मानें तो स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और नाडा उनके कोच नंदी पर आरोप लगा रहे हैं जो दीपा को बचपन से ट्रेंड कर रहे हैं। आरोप है कि नंदी की वजह से ही पद्मश्री, खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित इस जिम्नास्ट को वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी के सामने फेल होना पड़ा।

दीपा कर्माकर के सस्पेंशन को लेकर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपना हाथ पीछे खींच लिया है और उसका कहना है कि नंदी और त्रिपुरा सरकार स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी बनती है। नाडा ने भी नंदी पर दीपा कर्माकर का करिअर खत्म करने का आरोप लगाया है और कार्रवाई की भी बात कही है। जिम्नास्ट दीपा कर्माकर कई तरह की इंजरी से भी जूझ रही हैं। 2017 में उनकी सर्जरी भी हुई थी। उन्होंने 2019 में अपना लास्ट वर्ल्ड कप खेला था। इंजरी की वजह से ही दीपा 2019 के टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थीं।

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