जीत के साथ नॉकआउट में पहुंचना चाहेगा इंग्लैंड

मेजबान कतर को पहली जीत की तलाश
दोहा।
फीफा विश्व कप 2022 का आज 10वां दिन है। आज भी इस टूर्नामेंट में चार मैच खेले जाएंगे। हालांकि, मैच के समय में बदलाव किया गया है और भारतीय समयानुसार सभी मैच रात में होंगे। खास बात यह है कि फीफा विश्व कप में अब दो मुकाबले एक साथ खेले जाएंगे। शुरुआती दो मैच रात साढ़े आठ बजे शुरू होंगे, जबकि बाकी दोनों मैच देर रात साढ़े 12 बजे शुरू होंगे। 
आज रात साढ़े आठ बजे से दो मैच खेले जाएंगे। नीदरलैंड की टीम कतर से भिड़ेगी। वहीं, इक्वाडोर का सामना सेनेगल से होगा। इसके बाद देर रात साढे़ 12 बजे वेल्स की मुकाबला इंग्लैंड से है। जबकि, ईरान के सामने अमेरिका की चुनौती है।
कतर को पहली जीत की तलाश
मेजबान कतर की टीम इस टूर्नामेंट में अब तक कोई मैच नहीं जीत पाई है और आज नीदरलैंड के साथ अपना आखिरी मैच खेलेगी। यह टीम अंतिम 16 की रेस से बाहर हो चुकी है, लेकिन आखिरी मैच में जीत के साथ टूर्नामेंट खत्म करना चाहेगी। हालांकि, कतर के लिए यह आसान नहीं होगा। कतर को अब तक सेनेगल और इक्वाडोर ने हराया है, जबकि अब उसका सामना नीदरलैंड से है, जो इस टूर्नामेंट में अब तक कोई मैच नहीं हारी है। ये दोनों टीमें पहली बार आपस में भिड़ रही हैं। पिछले पांच मैच में कतर को सिर्फ एक जीत मिली है, जबकि नीदरलैंड पिछले पांच मैच से अजेय है। इनमें से चार मैच में उसे जीत मिली है, जबकि एक मैच ड्रॉ हुआ था।
सेनेगल और इक्वाडोर के बीच कांटे की टक्कर
ग्रुप ए में आज इक्वाडोर का सामना सेनेगल से होगा। दोनों टीमें अपने ग्रुप में दूसरे स्थान पर रहकर अगले दौर में जगह बनाने की कोशिश करेंगी। इस ग्रुप से नीदरलैंड का अंतिम 16 में पहुंचना तय है, लेकिन दूसरे स्थान के लिए इक्वाडोर और सेनेगल के बीच कड़ी टक्कर है। यह मैच जीतने वाली टीम ही अगले दौर में जगह बनाएगी। दोनों टीमें पहली बार आपस में खेल रही हैं। इक्वाडोर ने पिछले पांच मैच में चार ड्रॉ खेले हैं, जबकि एक में उसे जीत मिली है। वहीं, सेनेगल ने पिछले पांच में तीन मैच जीते हैं। एक ड्रॉ रहा है और एक में हार मिली है। यह मैच ड्रॉ होने पर इक्वाडोर की टीम अगले दौर में पहुंच जाएगी।
जीत के साथ नॉकआउट में पहुंचना चाहेगा इंग्लैंड
1966 का विश्वकप जीतने वाली इंग्लैंड की टीम मंगलवार को अपना अंतिम ग्रुप मैच वेल्स के खिलाफ खेलने जा रही है। हैरी केन की टीम अगर यहां जीतती है तो उसे नॉकआउट में प्रवेश मिल जाएगा। वहीं वेल्स को टूर्नामेंट में बने रहने के लिए हर हाल में जीत चाहिए होगी, वरना उसकी विदाई हो जाएगी। 
रशफोर्ड ने कहा 2016 के बाद बदल गई है टीम
इंग्लैंड और वेल्स के मैच से पहले 2016 का वीडियो वायरल हो गया है। यह वह वीडियो है जिसमें वेल्स के खिलाड़ी इंग्लैंड की आइसलैंड के हाथों 2016 की यूरोपीय चैंपियनशिप में हार के बाद जश्न मनाते दिखाई दे रहे हैं। कहा यहां तक जा रहा है कि अगर इंग्लैंड को वेल्स को हराना है तो उन्हें अपने अंदर जोश भरने के लिए यह वीडियो जरूर देखा चाहिए। हालांकि टीम के स्ट्राइकर मार्कस रशफोर्ड कहते हैं कि 2016 से और अब में बड़ा अंतर आ चुका है। पूरी टीम बदल चुकी है और इंग्लैंड टीम ने लंबा सफर तय किया है। गारेथ बेल पर निर्भर वेल्स
इंग्लैंड ने पहले मैच में ईरान को 6-2 से करारी शिकस्त दी थी, लेकिन अगले मैच में अमेरिका के खिलाफ उसे गोलरहित ड्रॉ खेलना पड़ा था। उसके चार अंक हैं। वहीं 1958 के बाद विश्वकप खेल रही वेल्स को ईरान के हाथों 0-2 से हार सहनी पड़ी, जबकि उसने अमेरिका को 1-1 से बराबरी पर रोका। ऐसे में उसे हर हाल में जीत चाहिए। इसके लिए टीम स्टार स्ट्राइकर गारेथ बेल पर निर्भर है। फोडेन को मिल सकता है मौका साउथगेट की चिंता का विषय 2018 के गोल्डन बूट विजेता हैरी केन का गोल नहीं करना है। हालांकि उन्होंने अमेरिका के खिलाफ हमले बोले। वहीं ईरान के खिलाफ दो गोल करने वाले बुकायो साका अमेरिका के खिलाफ कुछ खास नहीं कर पाए। ऐसे में साउथगेट मैनचेस्टर सिटी के युवा विंगर फिल फोडेन को मौका दे सकते हैं। वेल्स अंतिम बार इंग्लैंड से 1984 में जीता था। दोनों के बीच विश्वकप में यह पहली भिड़ंत है।
अमेरिका को जीत से कम कुछ मंजूर नहीं
ईरान के खिलाफ अमेरिका के इस मैच पर राजनीतिक पहलू से भी सबकी निगाह लगी हैं। अमेरिका के लिए यह मैच करो या मरो का हो गया है। जीत से टीम की फीफा विश्वकप में उम्मीदें कायम रहेंगी। वेल्स से 1-1 और इंग्लैंड से गोलरहित ड्रॉ खेलने के बाद अमेरिकी टीम (दो अंक) ड्रॉ या हार से अंतिम-16 टीमों की रेस से बाहर हो जाएगी। इंग्लैंड चार अंकों के साथ ग्रुप में शीर्ष पर है। उसके बाद ईरान के तीन, अमेरिका के दो और वेल्स का एक अंक है। अमेरिका टीम युवा खिलाड़ियों से भरी है। विश्वकप क्वालिफाइंग में भी टीम कनाडा और मेक्सिको के बाद तीसरे स्थान पर रही थी। मिडफील्डर वेस्टन मैकेनी ने कहा कि हमारे सामने एकमात्र लक्ष्य यही है कि जीत से तीन अंक हासिल करो और आगे बढ़ो। दोनों टीमों के बीच पिछली भिड़ंत 1998 में फ्रांस में हुई थी तब ईरान ने 2-1 से जीत हासिल की थी। हाल ही में यूएस सॉकर फेडरेशन की ओर से ईरानी ध्वज में इस्लामिक गणराज्य का प्रतीक न लगाने के कारण ईरानी सरकार नाखुश भी है।
अमेरिका के लिए स्थिति 2010 की तरह जब अंतिम ग्रुप मैच से पहले टीम बाहर होने की कगार पर थी लेकिन डोनावन के अंतिम क्षणों में किए गोल की मदद से टीम ने अल्जीरिया को 1-0 से हरा दिया था। टीम के मिडफील्डर होल्डन ने कहा कि उम्मीद है कि इस बार हम गोल को अंतिम क्षणों के लिए नहीं छोड़ेंगे।
ईरान के कोच कार्लोस कुईरोज जो 1998 में अमेरिकी सॉकर फेडरेशन के सलाहकार थे। ईरान के आक्रमण का दारोमदार मेहदी तेरेमी पर रहेगा, जिन्होंने चैंपियंस लीग में इस सीजन में पांच गोल किए हैं। ईरान को इस विश्वकप में पहले मैच में इंग्लैंड के हाथों 2-6 से हार मिली थी लेकिन उसके बाद वेल्स को 2-0 से हराकर टीम इस स्थिति में है कि छह विश्वकप में पहली बार अगले दौर में पहुंचने को लेकर मजबूत स्थिति में है।

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