फीफा विश्व कप में मूकोको सबसे युवा तो अल्फ्रेडो सबसे उम्रदराज खिलाड़ी

जानिए फीफा विश्व कप में खिलाड़ियों से जुड़े रोचक तथ्य
दोहा।
फीफा वर्ल्ड कप में अब बस कुछ ही घंटों का समय बचा है। 20 नवंबर से इस टूर्नामेंट की शुरुआत हो जाएगी। पहले मैच में मेजबान कतर और इक्वाडोर आमने-सामने होंगे। अरब देशों में यह खेला जाने वाला पहला फीफा वर्ल्ड कप है। इस साल 32 टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिन्हें चार-चार के आठ ग्रुप में बांटा गया है। हर ग्रुप से दो-दो टीमें नॉकआउट राउंड यानी राउंड ऑफ-16 में पहुंचेंगी। वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले हम आपको इस विश्व कप में सबसे युवा, सबसे बुजुर्ग, हाइट में सबसे लम्बा और सबसे छोटा खिलाड़ी समेत खिलाड़ियों से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बता रहे हैं...
1. सबसे युवा खिलाड़ी: यूसूफा मूकोको (जर्मनी)
जर्मनी की टीम विश्व कप जीतने के मुख्य दावेदारों में से एक है। टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का बेहतरीन मिश्रण है। हालांकि, टीम में दो खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन पर सभी की नजरें टिकी होंगी। इनमें 18 साल के जमाल मुसियाला और 17 साल के यूसूफा मूकोको शामिल हैं। यूसूफा इस साल फीफा वर्ल्ड कप के सबसे युवा खिलाड़ी हैं। उन्हें मौजूदा समय में जर्मनी का उभरता सितारा माना जा रहा है। बुंदेसलीगा में इस सीजन उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है। बोरूसिया डॉर्टमंड से खेलते हुए यूसूफा ने छह गोल दागे हैं और तीन असिस्ट किए हैं। अपने प्रदर्शन से यूसूफा ने जर्मनी के मैनेजर हांसी फ्लिक का ध्यान उन्होंने अपनी ओर खींचा। स्टार फुटबॉलर टिमो वर्नर के चोटिल होने के बाद यूसूफा को जर्मन स्क्वॉड में शामिल किया गया।
2. सबसे उम्रदराज खिलाड़ी: अल्फ्रेडो तलवेरा (मैक्सिको)
इस विश्व कप में कई टीमों ने अनुभव को भी अपनी टीम में शामिल किया है। इनमें 39 साल के डैनी एल्वेस (ब्राजील), 38 साल के टिएगो सिल्वा (ब्राजील), 37 साल के लुका मॉड्रिच (क्रोएशिया) और 37 साल के स्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो (पुर्तगाल) शामिल हैं। हालांकि, मैक्सिको के गोलकीपर अल्फ्रेडो तलवेरा इस विश्व कप में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं। अल्फ्रेडो की उम्र 40 साल है और वह क्लब स्तर पर एफसी जुआरेज के लिए खेलते हैं। वह इस विश्व कप के दिग्गज फुटबॉलर्स में से एक हैं। उनके हमवतन और साथी गोलकीपर गुलेरमो ओचोआ भी 37 साल के हैं। 
3. सबसे छोटी हाइट का खिलाड़ी: इलायस केयर (मोरक्को, 5 फिट, दो इंच)
मोरक्को की टीम भी इस साल बड़ा उलटफेर कर सकती है। टीम का दायित्व उनके 10 नंबर की जर्सी पहनने वाले इलायस केयर के हाथों में होगा। यह स्टार कम हाइट के बावजूद सामने वाली टीम को हैरान करने में माहिर है। मैदान पर इनकी स्पीड और स्किल देखने लायक होती है। यही वजह है कि टीम में उन्हें नंबर-10 की जर्सी दी गई है। मोरक्को को ग्रुप-एफ में बेल्जियम, कनाडा और क्रोएशिया के साथ रखा गया है। क्लब लेवल पर इलायस का प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्होंने इंग्लिश चैंपियनशिप में क्लब क्यूपीआर (QPR) से खेलते हुए इस सीजन तीन गोल दागे और छह असिस्ट किए।
4. सबसे लंबी हाइट वाला खिलाड़ी: एंड्रियास नोपर्ट (नीदरलैंड, छह फिट, छह इंच)
नीदरलैंड के गोलकीपर एंड्रियास इस विश्व कप में सबसे लंबे खिलाड़ी हैं। वह लुईस वान गाल की टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे। क्लब हीरेनवीन के लिए उनका प्रदर्शन शानदार रहा था। 14 मैचों में उन्होंने छह बेहतरीन सेव किए थे। नीदरलैंड की टीम अपने इस प्रतिभाशाली गोलकीपर पर निर्भर रहेगी कि अपने क्लब परफॉर्मेंस को वह विश्व कप में भी दोहरा सकें। 
5. सबसे ज्यादा मैच: लियोनल मेसी (अर्जेंटीना)
अर्जेंटीना के कप्तान और इस विश्व कप के स्टार खिलाड़ियों में से एक लियोनल मेसी पर इस साल सबकी नजरें होंगी। यह उनका आखिरी विश्व कप है। ऐसे में वह अपने देश के लिए ट्ऱॉफी जीतने की पूरी कोशिश करेंगे। मेसी पहली बार 2006 फीफा वर्ल्ड कप में खेले थे और यह उनका पांचवां विश्व कप है। उनके नाम फीफा वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा 19 मैच खेलने का भी रिकॉर्ड है। साथ ही अपने देश के लिए भी वह सबसे ज्यादा मैच खेल चुके हैं। मेसी ने अर्जेंटीना के लिए 165 मैच खेले हैं और 91 गोल दागे हैं। दोहा से वह ट्रॉफी लेकर अपने घर लौटना चाहेंगे।
6. सबसे ज्यादा गोल और असिस्ट: थॉमस मूलर (जर्मनी)
इस विश्व कप में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों में टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल और असिस्ट का रिकॉर्ड जर्मनी के स्टार फॉरवर्ड थॉमस मूलर के नाम है। उन्होंने अब तक इस टूर्नामेंट में 10 गोल और छह असिस्ट किए हैं। थॉमस को जर्मन स्क्वॉड में रेडियो मूलर के नाम से भी जाना जाता है। इस खिलाड़ी को मैदान पर काफी चतुर माना जाता है। इस विश्व कप में मूलर विपक्षी टीमों के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं। 2014 में जब जर्मनी की टीम फीफा वर्ल्ड कप जीती थी, तो उसमें मूलर का अहम किरदार रहा था। उन्हें उस साल सिल्वर बॉल अवॉर्ड भी मिला था। जब भी टीम को गोल की जरूरत होती है, मूलर ही तब एकमात्र विकल्प होते हैं। जर्मनी की टीम उन पर काफी निर्भर करती है।

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