महिला विश्व कप फुटबॉल की मेजबानी से राष्ट्र को फायदा

जानिए इसके फायदे और बजट के बारे में
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
फुटबॉल की सर्वोच्च वैश्विक संस्था फीफा ने बेहद कड़ा कदम उठाते हुए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को निलम्बित कर दिया है। फीफा ने तीसरे पक्ष (सीओए) के गैर जरूरी हस्तक्षेप का हवाला देते हुए यह कार्रवाई की है। इस प्रतिबंध के साथ भारत के 11 से 30 अक्टूबर तक होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी पर संकट खड़ा हो गया है। अगर यह प्रतिबंध बढ़ा तो भारत से इस विश्व कप की मेजबानी छिन जाएगी। इस विश्व कप की मेजबानी भारत को क्यों मिली थी और इससे भारतीय फुटबॉल को क्या फायदा होने वाला था। इस विश्व कप के मैच कहां आयोजित होने वाले थे और इसका बजट क्या था। 
भारत ने साल 2017 में पुरुषों के अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी की थी। यह पहला मौका था, जब भारत में फीफा के किसी टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था। यह आयोजन सफल रहा था और भारत में फुटबॉल की लोकप्रियता भी इससे बढ़ी थी। इसके बाद भारत को 2020 में महिलाओं के अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी भी दी गई थी। हालांकि, कोरोना की वजह से यह टूर्नामेंट नहीं हो सका और 2022 में फिर भारत को इस टूर्नामेंट की मेजबानी दी गई। 
इसके जरिए भारत में महिला फुटबॉल को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही थी और उम्मीद जताई जा रही थी कि आने वाले समय में युवा खिलाड़ी मुख्य टीम में जगह बनाएंगी और देश में फुटबॉल का स्तर बेहतर होगा। अंडर-17 महिला विश्व कप के आयोजन से भारत में महिला फुटबॉल के प्रति लोगों की रुचि बढ़ने की उम्मीद थी। भारत में फीफा विश्व कप के आयोजन से युवा खिलाड़ियों को फायदा मिलता है। पुरुषों के अंडर-17 विश्व कप के आयोजन से भारतीय खिलाड़ियों को फायदा मिला था और कई युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में आए थे। महिला विश्व कप के आयोजन से भी ऐसी ही उम्मीद लगाई जा रही थी। इसके अलावा विश्व कप के आयोजन से देश में फुटबॉल के लिए मूलभूत चीजें बेहतर होती हैं और बाद में स्थानीय खिलाड़ियों को इसका फायदा मिलता है। 
कहां आयोजित होने थे मैच
महिला अंडर-17 विश्व कप के मैचों का आयोजन भारत के तीन शहरों में होना था। ये शहर हैं भुवनेश्वर, गोवा और नवी मुंबई। ये तीनों शहर देश के तीन अलग-अलग राज्यों में हैं, लेकिन तीनों की बीच ज्यादा दूरी नहीं है। इसके अलावा इन शहरों में फुटबॉल के प्रति लोगों का जुनून भी काफी ज्यादा है और महिला विश्व कप के दौरान स्टेडियम में दर्शकों के आने की उम्मीद थी। 
क्या था बजट?
साल 2017 में पुरुषों का अंडर-17 फीफा विश्व कप भारत में ही हुआ था। महिला विश्व कप में इसी विश्व कप के लिए इस्तेमाल हुए मैदान और बाकी चीजों का उपयोग करने की तैयारी थी। इसके साथ ही महिला विश्व कप के लिए 14 करोड़ से ज्यादा का बजट था और साई ने इसे मान्य कर दिया था। इस बजट के बड़े हिस्से का उपयोग भारत की महिला खिलाड़ियों की तैयारी में होना था। महिला विश्व कप से पहले भारतीय टीम को छह से सात देशों का दौरा करना था। इसके अलावा विश्व कप से पहले भारत में चार देशों का टूर्नामेंट भी होना था। हालांकि, एआईएफएफ के निलंबन के बाद ये सारी चीजें अधर में लटक गई हैं।

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