एशिया कप के फाइनल में कभी नहीं भिड़े भारत-पाकिस्तान

38 साल में 14 बार हुआ टूर्नामेंट का आयोजन
सात खिताब के साथ टीम इंडिया है सबसे आगे
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
एशिया कप का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। 13 दिन ही बाकी हैं। यह टूर्नामेंट हमेशा भारत-पाकिस्तान महामुकाबले की तरह देखा जाता है क्योंकि दोनों एशिया की बड़ी टीमें हैं। हालांकि, हैरानी की बात है कि एशिया कप के 14 सीजन हो चुके हैं, लेकिन अब तक भारत-पाकिस्तान के बीच कभी फाइनल नहीं खेला गया।
इस बार ये दोनों टीमें अपने-अपने अभियान की शुरुआत 28 अगस्त को एक-दूसरे के खिलाफ करेंगी। दोनों को पूल-ए में रखा गया है। मौजूदा समय में भारत और पाकिस्तान एशिया की दो सबसे दमदार टीमें हैं और मुमकिन है कि एशिया कप में भारत-पाकिस्तान फाइनल का 38 साल का सूखा समाप्त हो जाए। क्रिकेट के पंडित भी इन्हीं 2 क्रिकेट महाशक्तियों के बीच फाइनल की भविष्यवाणी कर रहे हैं।
पहला सीजन-1984 : भारत बनाम श्रीलंका (भारत)
शारजाह स्टेडियम में 1984 में भारत एशिया कप के पहले संस्करण का विजेता बना। इस टूर्नामेंट में 3 (भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका) टीमों ने हिस्सा लिया था। यह टूर्नामेंट में वनडे फॉर्मेट में खेला गया था। इस त्रिकोणीय सीरीज में भारत ने 2 मुकाबले जीते थे। उसने श्रीलंका को दस विकेट और पाकिस्तान को 54 रनों से हराया था।
दूसरा सीजन-1986 : श्रीलंका बनाम पाकिस्तान (श्रीलंका)
इस बार मेजबानी कोलंबो ने की। मेजबान श्रीलंका ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराते हुए खिताब जीता था। वह दूसरी बार फाइनल खेल रहा था। 6 अप्रैल को पाकिस्तान ने पहले खेलते हुए 45 ओवर में 191 रन बनाए। जवाब में श्रीलंका ने 5 विकेट पर 195 रन बनाते हुए जीत हासिल की।
तीसरा सीजन-1988 : भारत बनाम श्रीलंका (भारत)
बांग्लादेश के खेले गए इस फाइनल मुकाबले को भारत ने 6 विकेट से अपने नाम किया। वह दूसरी बार एशियन चैंपियन बना था। उसने एक बार फिर श्रीलंका को मात दी थी। बस जगह अलग थी। श्रीलंका ने 43.5 ओवर में 176 रन बनाए। जवाब में टीम इंडिया ने 37.1 ओवर में चार विकेट 180 रन बनाते हुए दूसरा खिताब अपने नाम किया।
चौथा सीजन-1990-91 : भारत बनाम श्रीलंका (भारत)
अब मेजबानी भारत की थी। फाइनल में एक बार फिर भारत-श्रीलंका आमने-सामने थे। कोलकाता के इडेन गार्डंस स्टेडियम में श्रीलंका के पास हिसाब बराबर करने का मौका था। उसने पहले खेलते हुए 204/9 का स्कोर खड़ा किया। भारत ने मोहम्मद अजहरुद्दीन (54*) की कप्तानी पारी की बदौलत 42.1 ओवर में तीन विकेट पर लक्ष्य पा लिया। वह तीसरी बार चैंपियन बना था।
पांचवां सीजन-1995: भारत बनाम श्रीलंका (भारत)
भारत और श्रीलंका फिर फाइनल खेल रहे थे। यूएई में श्रीलंका ने 230/7 का स्कोर खड़ा किया था। जिसे भारतीय टीम ने 41.5 ओवर में दो विकेट पर 233 रन बनाकर हासिल कर लिया था। इस मैच में नवजोत सिंह सिद्धू ने नाबाद 84 रन और कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने नाबाद 90 रन बनाए थे। सचिन तेंदुलकर ने 41 रन का योगदान दिया था। भारत ने चौथा खिताब जीता था।
छठवां सीजन-1997: श्रीलंका बनाम भारत (श्रीलंका) श्रीलंका दूसरी बार एशिया कप की मेजबानी कर रहा था। कोलंबो स्टेडियम में डिफेंडिंग चैंपियन भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल हुआ। जिसमें भारतीय टीम 239/7 के स्कोर को डिफेंड करने में नाकामयाब रही थी। मेजबानों ने 36.5 ओवर में दो विकेट पर 240 रन बनाते हुए जीत हासिल कर ली थी। मारवन अटापट्‌टू ने 84 रन बनाए थे। जबकि अर्जुन रणतुंगा 272 रन बना कर प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे थे। यहां भारत ने पहली बार फाइनल मैच गंवाया था।
सातवां सीजन-2000: पाकिस्तान बनाम श्रीलंका (पाकिस्तान)
बांग्लादेश में आयोजित इस टूर्नामेंट में 4 देशों ने हिस्सा लिया था और पाकिस्तान-श्रीलंका ने फाइनल में जगह बनाई थी। ढाका में पाक ने पहले तो 277/4 रन का स्कोर खड़ा किया उसके बाद श्रीलंकाई टीम को 42.2 ओवर में 238 रन पर आउट कर दिया। वसीम अकरम, मोहम्मद अकरम और अरशद खान ने दो-दो विकेट लिए। मोइन खान (56*) मैन ऑफ द फाइनल बने थे। जबकि मोहम्मद यूसुफ (295) प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे।
आठवां सीजन-2004: श्रीलंका बनाम भारत (श्रीलंका)
इस बार टीमों की संख्या बड़ी थी। अब टूर्नामेंट में 6 टीमें हिस्सा ले रही थीं। कोलंबो स्टेडियम में एक बार फिर श्रीलंका और भारत फाइनल खेल रहे थे। श्रीलंका ने 50 ओवर में 228 रन बनाए। जवाब में भारतीय टीम तय ओवर में 9 विकेट पर 203 रन ही बना सकी। मारवन अटापट्‌टू (65) ने एक बार फिर मेजबानों को फाइनल जिताया। इस बार मैन ऑफ द सीरीज सनथ जयसूर्या का बल्ला भी खूब चला। उन्होंने न सिर्फ 293 रन बनाए। बल्कि 4 विकेट भी चटकाए।
नौवां सीजन-2008: श्रीलंका बनाम भारत (श्रीलंका)
पाकिस्तान पहली बार एशिया कप की मेजबानी कर रहा था। भारत-श्रीलंका सातवीं बार खिताबी मुकाबला खेल रहे थे। कराची में श्रीलंका ने 273 रन बनाए और टीम इंडिया को 39.3 ओवर में 173 रन पर सिमेट दिया। यहां अजंता मेंडिस (6/13) ने भारत का पांचवीं बार एशियन चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया। वे (46 रन और 17 विकेट) प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी रहे थे।
दसवां सीजन-2010: भारत बनाम श्रीलंका (भारत)
श्रीलंका में आयोजित इस सीजन का फाइनल मैच भी भारत और श्रीलंका के बीच हुआ। ये दोनों टीमें लगातार तीसरी बार फाइनल खेल रही थीं। इनमें से दो भारत ने गंवाए थे। यहां भारत ने पहले तो 268/6 रन बनाए। फिर श्रीलंकाई बल्लेबाजों को 44.4 ओवर में 187 रन पर चलता कर दिया। इस फाइनल में दिनेश कार्तिक ने 66 रनों की पारी खेली थी। जबकि आशीष नेहरा ने चार विकेट चटकाए थे। भारत 15 साल बाद एशियन चैम्पियन बना था।
11वां सीजन-2012: पाकिस्तान बनाम बांग्लादेश (पाकिस्तान)
पहली बार एशिया कप का फाइनल भारत और श्रीलंका के बगैर खेला जा रहा था। इससे पहले के हर सीजन में भारत-श्रीलंका में से एक टीम फाइनल पहुंची थी। मीरपुर में पाक टीम ने 236/9 का स्कोर खड़ा किया। जवाब में बांग्लादेश 234 तक ही पहुंच सकी। वे 2 रन से फाइनल हार गई। शाहिद अफरीदी मैन ऑफ द मैच और शाकिब अल हसन मैन ऑफ द सीरीज रहे थे। फाइनल में सरफराज अहमद ने नाबाद 46 रनों की पारी खेली थी।
12वां सीजन-2014: श्रीलंका बनाम पाकिस्तान (श्रीलंका)
बांग्लादेश ने लगातार दूसरी बार एशिया कप की मेजबानी की। लेकिन, मेजबान इस बार भी फाइनल में जगह नहीं बना सके। फाइनल श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच खेला गया। जिसे श्रीलंका ने 5 विकेट से जीता। मीरपुर में पाक ने 261 का लक्ष्य रखा। जिसे श्रीलंका ने 46.2 ओवर में पांच विकेट पर हासिल कर लिया। लसिथ मलिंगा (5/56) मैन ऑफ द मैच रहे।
13वां सीजन-2016: भारत बनाम बांग्लादेश (भारत)
पहली बार एशिया कप टी-20 फॉर्मेट में खेला गया। इस बार टीमों की संख्या भी बढ़ी। अब 9 टीमों के बीच मुकाबले हुए। इनमें 4 क्वालिफायर से आई थीं। मीरपुर लगातार तीसरी दफा एशिया कप के फाइनल की मेजबानी कर रहा था। बांग्लादेश ने 15 ओवर में 120 रन बनाए। भारत नेद 13.5 ओवर में दो विकेट पर 122 रन बनाते हुए जीत हासिल कर ली। शिखर धवन (60) मैन ऑफ द फाइनल रहे थे।
14वां सीजन-2018: भारत बनाम बांग्लादेश
एक बार फिर एशिया कप पुराने यानी कि वनडे फॉर्मेट में खेला गया। इस बार 6 टीमों के बीच मुकाबले खेले हुए। भारत और बांग्लादेश के बीच एक बार फिर फाइनल खेला गया। लेकिन जगह अलग थी। इस बार फाइनल दुबई में खेला गया। बांग्लादेश ने 222 रन बनाए। भारतीय टीम ने जरूरी रन 7 विकेट पर बना डाले। कप्तान रोहित शर्मा ने सबसे ज्यादा 48 रन बनाए थे। शिखर धवन (342) मैन ऑफ द सीरीज रहे।

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