सुप्रीम कोर्ट बोली- फीफा से बात कर बैन हटवाए केंद्र

अंडर-17 वर्ल्ड कप भारत में ही हो यह सुनिश्चित करे
केंद्र ने कहा, पूरी कोशिश करेंगे
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन फुटबॉल फेडरेशन पर फीफा (फेडरेशन इंटरनेशनल डी फुटबॉल एसोसिएशन) की ओर से लगाए गए बैन को हटवाने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को सु्प्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि सरकार को बैन हटाने के लिए इस पर काम करना चाहिए वहीं सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा गया कि सरकार अपनी ओर से पूरी कोशिश करेगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फिर से इस पर सुनवाई करेगा।
दरअसल दुनिया भर में फुटबॉल संचालित करने वाली संस्था फीफा ने भारतीय फुटबॉल संघ को मंगलवार को बैन कर दिया था। इस वजह से भारत में 11 से 30 अक्टूबर के बीच होने वाला फीफा अंडर-17 विमेंस वर्ल्ड कप भी टल गया। इसके बाद मंगलवार को खुद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ से इस मसले पर आपात सुनवाई करने की गुजारिश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई।
वर्ल्ड कप की मेजबानी के सरकार के लिए अहम मायने हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में इसका जिक्र कर चुके हैं वहीं, गृह मंत्री अमित शाह भी अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर चुके हैं। जून में प्रधानमंत्री की अगुआई में कैबिनेट इस वर्ल्ड कप के सफल आयोजन को लेकर फीफा को लिखित गारंटी पर अपनी मुहर लगा चुकी है।
भारतीय टीम के खेलने पर भी खतरा
भारतीय फुबॉल महासंघ पर फीफा की ओर से लगाए बैन की वजह से भारत के कई मैचों पर भी खतरा हो गया है। भारत को 24 सितम्बर को वियतनाम और 27 सितंबर को सिंगापुर के खिलाफ दोस्ताना मैच खेलने हैं। अगर प्रतिबंध नहीं हटा तो ये मैच रद्द हो जाएंगे। वहीं भारतीय महिला लीग चैम्पियन टीम गोकुलम केरल को एएफसी महिला क्लब चैम्पियनशिप में उज्बेकिस्तानी क्लब से 23 अगस्त को खेलना है। उसके बाद अगला मैच ईरानी क्लब से है। गोकुलम केरल मंगलवार को ताशकंद पहुंच भी गई है। मोहन बागान क्लब का सात सितंबर को एएफसी कप इंटर जोनल सेमीफाइनल मैच भी मुश्किल में पड़ता दिखाई पड़ रहा है। भारत का एएफसी अंडर-20 क्वालीफायर 14 सितंबर से इराक में खेला जाना है। भारत को इराक, ऑस्ट्रेलिया, कुवैत से मैच खेलने हैं।
फीफा भारतीय फुटबॉल संघ बाहरी संस्था के हस्ताक्षेप से नाराज है। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खेल मंत्रालय ने अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को हटाकर कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स का गठन किया था। फीफा ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा- 'वह थर्ड पार्टी के हस्तक्षेप को नहीं मानता। वह युवा एवं खेल मंत्रालय के संपर्क में भी है। उम्मीद है कि जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा।' फीफा ने चेतावनी दी है- 'जल्द ही हस्तक्षेप बंद नहीं हुआ तो भारत से फीफा अंडर-17 विमेंस वर्ल्ड कप भी छीना जा सकता है।'
स्पोर्ट्स कोड के उल्लंघन के कारण हटाए गए थे प्रफुल्ल
प्रफुल्ल पटेल स्पोर्ट्स कोड के उल्लंघन के चलते हटाए गए थे। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खेल मंत्रालय ने हटाया था। 28 अगस्त तक चुनाव के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट बुधवार को मामले की सुनवाई करेगा।
पटेल 2009 से भारतीय फुबॉल महासंघ के अध्यक्ष थे। भारत के स्पोर्ट्स कोड के अनुसार कोई भी व्यक्ति तीन बार से ज्यादा अध्यक्ष नहीं बन सकता है। पटेल ने खुद को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद एक याचिका में मांग भी की थी कि जब तक नए संविधान को स्वीकार नहीं कर लिया जाता और नए अध्यक्ष को नहीं चुना जाता तब तक उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने उनकी मांग को ठुकरा दिया। सीओए में सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व जज एआर दबे इस कमिटी के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली भी इसमें शामिल हैं।

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