भारतीय फुटबॉल पर आए संकट से खिलाड़ियों का नुकसान

विश्व कप की मेजबानी ही नहीं अंतरराष्ट्रीय खेल मंच भी नहीं मिलेगा
नई दिल्ली।
विश्व फुटबॉल संचालन संस्था फीफा  ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। फीफा के नियमों और संविधान के गंभीर उल्लंघन की वजह से फीफा ने यह फैसला लिया। भारतीय फुटबॉल महासंघ को अपने 85 साल के इतिहास में पहली बार फीफा से निलंबन झेलना पड़ा है। 
भारतीय फुटबॉल संघ को सस्पेंड करने का मतलब है कि अंडर-17 महिला फुटबॉल वर्ल्ड कप टूर्नामेंट, जोकि देश में 11 से 30 अक्टूबर के बीच में आयोजित होने वाला था, अब तय समय पर नहीं होगा। साथ ही भारत को इसकी मेजबानी से भी हाथ धोना पड़ा है। जब तक यह बैन जारी रहेगा तब तक भारत की महिला और पुरुष फुटबॉल टीम कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेल सकेंगी वहीं, किसी दूसरे देश की लीग में भी भारतीय खिलाड़ी हिस्सा नहीं ले सकेंगे। 
इन मैचों पर खतरा
भारत को 24 सितंबर को वियतनाम और 27 सितंबर को सिंगापुर के खिलाफ दोस्ताना मैच खेलने हैं। अगर प्रतिबंध नहीं हटा तो ये मैच रद्द हो जाएंगे।
भारतीय महिला लीग चैंपियन टीम गोकुलम केरल को एएफसी महिला क्लब चैंपियनशिप में उज्बेकिस्तानी क्लब से 23 अगस्त को खेलना है। उसके बाद अगला मैच ईरानी क्लब से है। गोकुलम केरल मंगलवार को ताशकंद पहुंच भी गई है।
मोहन बागान क्लब का सात सितंबर को एएफसी कप इंटर जोनल सेमीफाइनल मैच भी मुश्किल में पड़ता दिखाई पड़ रहा है
भारत का एएफसी अंडर-20 क्वालिफायर 14 सितंबर से इराक में खेला जाना है। भारत को इराक, ऑस्ट्रेलिया, कुवैत से मैच खेलने हैं।
फीफा से नहीं मिलेगा ऐसे में अनुदान
पता चला है कि फीफा ने पिछले तीन वर्षों में 30 लाख रुपये का अनुदान दिया है। इन पैसों का एआईएफएफ ग्रासरूट स्तर पर फुटबॉल के बढ़ावे के लिए इस्तेमाल करती है। यदि प्रतिबंध जारी रहा तो वार्षिक रूप से 50, हजार अमेरिकी डॉलर (3 करोड़, 96 लाख रुपये) का नुकसान होगा। हालांकि ये अनुदान नकद नहीं मिलता, इसके बदले टर्फ, फुटबॉल, जर्सियां और खेल से जुड़ी अन्य चीजें मुहैया कराई जाती हैं।  

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