दिल्ली हाईकोर्ट से जुडोका जसलीन सिंह को राहत

बर्मिंघम में खेलने की दी अनुमति
नई दिल्ली।
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय जूडो खिलाड़ी जसलीन सिंह को राष्ट्रमंडल खेल बर्मिंघम में खेलने की बुधवार को अनुमति दे दी। भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने बताया, हाईकोर्ट ने जसलीन के हक में निर्णय दिया है। अब वह बर्मिंघम के लिए यात्रा करेंगे। कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप के स्वर्ण विजेता जसलीन स्पेन दौरे के दौरान अपने रूममेट के साथ महिलाओं के विवाद में फंस गए थे। 
जसलीन को बाद में महिलाओं ने क्लीन चिट दे दी थी। इसी विवाद के बाद जसलीन को राष्ट्रमंडल खेलों की टीम से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद जसलीन ने हाईकोर्ट की शरण ली। उच्च न्यायालय ने उन्हें राहत देते हुए राष्ट्रमंडल खेलों में जाने की इजाजत दे दी है। उम्मीद कि वह 29 अगस्त को बर्मिंघम पहुंच जाएंगे। उनका मुकाबला एक और तीन अगस्त को है।
जूडो फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रशासकों की समिति (सीओए) की ओर से बीते माह मैड्रिड में हुई घटना में जांच बिठाई गई है। घटना में संलिप्त तीनों जुडोकाओं हर्षदीप, दिव्यांशु और जसलीन के जांच का परिणाम आने तक खेलने पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि, जसलीन का राष्ट्रमंडल खेलों की टीम में चयन हो चुका था, लेकिन अब तक यह जांच पूरी नहीं हुई है, जिसके चलते जसलीन का नाम बर्मिंघम जाने वाले दल से हटा दिया गया है। 
बर्मिंघम के लिए विजय यादव (60), जसलीन (66), दीपक देशवाल (100), सुशीला चानू (48), सुचिका तरियाल (57) और तुलिका मान (78) का चयन ट्रायल के आधार पर किया गया था। इन सभी का नाम प्रारंभिक सूची में शामिल था, लेकिन अंतिम सूची में जसलीन का नाम बाहर कर दिया गया था।
लड़की ने दर्ज कराया था पुलिस केस
हर्षदीप, दिव्यांशु, जसलीन पर आरोप है कि तीनों कोच को बिना बिताए मैड्रिड के एक पब में गए, जहां उन्होंने एक लड़की के साथ होटल का कमरा बुक कराया। उसी लड़की ने हर्षदीप पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पुलिस केस दर्ज करा दिया। हालांकि, बाद में हर्षदीप पर आरोप साबित नहीं हुए तब उन्हें वहां छोड़ा गया। इसके बाद ही सीओए ने इस मामले पर अंदरूनी जांच बिठाई।

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