राष्ट्रमंडल खेलों में पदकों की उम्मीद जगाते पहलवान

भारतीय पहलवानों को कनाडा और नाइजीरिया से मिलेगी चुनौती
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को पहलवानों से काफी उम्मीदें हैं। ओलम्पिक पदक विजेता पूर्व पहलवान योगेश्वर दत्त का मानना है कि रवि दहिया, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के नेतृत्व में भारतीय पहलवान 8 से 9 स्वर्ण पदक जीत सकते हैं। कुश्ती में भारतीय पहलवानों को सबसे बड़ी चुनौती कनाडा और नाइजीरिया से मिलेगी। इनसे निपटने के लिए हमारे एक दर्जन पहलवान कमर कसकर तैयार हैं।
रूस, जापान, ईरान और कजाखस्तान को कुश्ती का पॉवर हाउस कहा जाता है। ये देश राष्ट्रमंडल खेलों हिस्सा नहीं लेते हैं। इसलिए बर्मिंघम में भारत को मुख्य चुनौती कनाडा और नाइजीरिया से मिलेगी। कनाडा 66 स्वर्ण, 43 रजत और 26 कांस्य सहित 135 पदक जीतकर पहले स्थान पर है वहीं, 43 स्वर्ण, 37 रजत और 22 कांस्य सहित कुल 102 पदक के साथ भारत दूसरे नम्बर पर है। 21 स्वर्ण सहित 42 पदक जीतकर पाकिस्तान तीसरे नम्बर पर है। 9 स्वर्ण सहित 42 पदक जीतने वाला नाइजीरिया छठवें नम्बर पर है। हालांकि कुछ वर्षों में नाइजीरिया के पहलवानों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। 
लम्बे समय से संघर्ष कर रही पूर्व नम्बर एक पहलवान विनेश फोगाट और रियो ओलम्पिक की कांस्य विजेता साक्षी मलिक के पास बर्मिंघम में पदक जीतने का सुनहरा अवसर है। विनेश टोक्यो ओलम्पिक की निराशा को दूर कर स्वर्ण जीतने का लक्ष्य लेकर बर्मिंघम गई हैं। पेरिस ओलम्पिक 2024 में होने हैं। इसलिए राष्ट्रमंडल खेलों का पदक विनेश का आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करेगा। मनोवैज्ञानिक से सलाह ले चुकी साक्षी ने पिछले कुछ समय से अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। उन्होंने सोनम मलिक और मनीषा को हराकर 62 किलो भारवर्ग में बर्मिंघम का कोटा हासिल किया। 
चोट से उबरकर कमियां दूर कर रहे बजरंग
टोक्यो ओलम्पिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया अपनी चोट से उबर गए हैं। वह अमेरिका में रहकर अपनी कमियों को दूर कर स्वर्ण के लिए दांव लगाने के लिए तैयार हैं। बजरंग ने 2018 में भी स्वर्ण पदक जीता था। वह इस बार भी स्वर्ण पदक जीतने के प्रबल दावेदार हैं। टोक्यो ओलम्पिक के रजत विजेता रवि दहिया (57 भारवर्ग) की कुश्ती में कलात्मकता है। वह एक हाथ और एक पैर से जीतने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा दीपक पूनिया (86 भारवर्ग), नवीन (74 भारवर्ग), दीपक (97 भारवर्ग) और मोहित ग्रेवाल (125 भारवर्ग) के पास पदक जीतने का अच्छा अवसर है।
2018 में कनाडा को पीछे छोड़ जीते थे पांच स्वर्ण 
भारत ने 2018 के गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में पहला स्थान हासिल किया था। इन खेलों में 5 स्वर्ण सहित कुल 12 पदक जीते थे। कनाडा दूसरे स्थान पर रहा था। वहीं 2014 में भारत कनाडा से पीछे दूसरे स्थान पर रहा था। भारत ने 2010 में 19 पदक जीतकर पहला स्थान हासिल किया था। कुश्ती में भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों का पहला स्वर्ण पदक कार्डिफ में हरियाणा के चरखी दादरी के लीला राम सांगवान ने जीता था।
कुश्ती दलः पुरुष : रवि कुमार दहिया (57 भारवर्ग), बजरंग पूनिया (65 भारवर्ग), नवीन (74 भारवर्ग), दीपक पूनिया (86 भारवर्ग), दीपक (97 भारवर्ग), मोहित ग्रेवाल (125 भारवर्ग)।
महिला : पूजा गहलोत (50 भारवर्ग), विनेश फोगाट (53 भारवर्ग), अंशु मलिक (57 भारवर्ग), साक्षी मलिक (62 भारवर्ग), दिव्या काकरान (68 भारवर्ग), पूजा सिहाग (76 भारवर्ग)।

रिलेटेड पोस्ट्स