तमिलनाडु और तेलंगाना ने जीती ऐरोस्केटोबॉल की राष्ट्रीय ट्राफी

राष्ट्रीय ऐरोस्केटोबॉल प्रतियोगिता में बालक-बालिकाओं ने दिखाया जौहर

खेलपथ संवाद

मुम्बई। ऐरोस्केटोबॉल बॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया और ऐरोस्केटोबॉल एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र व ठाणे के संयुक्त तत्वावधान में छह से नौ मई तक आत्मा इंटरनेशनल स्कूल, आरगांव, मुंबई में राष्ट्रीय ऐरोस्केटोबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में बच्चों का उत्साह देखते ही बना। तीन दिन तक चली प्रतियोगिता में तमिलनाडु और तेलंगाना ने विजेता ट्राफी पर कब्जा जमाया।  

कैडेट बालक ग्रुप में तमिलनाडु प्रथम, महाराष्ट्र द्वितीय तथा तेलंगाना तीसरे स्थान पर रहा। बालिका वर्ग में तमिलनाडु पहले, राजस्थान दूसरे तथा मेजबान महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा। जूनियर बालक वर्ग में तेलंगाना को पहला, राजस्थान को दूसरा तथा महाराष्ट्र को तीसरा स्थान मिला। इसी तरह जूनियर बालिका वर्ग में तेलंगाना पहले, तमिलनाडु  दूसरे तथा महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा।

कैडेट बालक ग्रुप में तमिलनाडु व महाराष्ट्र के बीच हुए अंतिम मैच में तमिलनाडु 8 अंकों से विजेता बना। तमिलनाडु की ओर से के.जी. दारवीन, संजय रंजन, अशवंत के. और महाराष्ट्र की ओर से अर्श केणी, दक्ष कदम, कार्तिक थोरात, सिद्धांत बत्रा अच्छा खेले। जूनियर बालक ग्रुप में तेलंगाना व राजस्थान के बीच हुए अंतिम मैच में तेलंगाना छह अंकों से जीत हासिल करने में सफल रहा। तेलंगाना की तरफ से अलकेश, गंगाप्रसाद, सतिन संतोष, आरुस, प्रवीण कुमार, श्रीजन भगवंत रेड्डी और राजस्थान की ओर से क्षितिज जायसवाल, ध्रुव सैनी, तनिष सैनी, चंद्रशेखर, उदित भारद्वाज का खेल सराहनीय रहा।

इस राष्ट्रीय ऐरोस्केटोबॉल प्रतियोगिता के सफल आयोजन में तेलंगाना के कोच शिवा, मंगेश, भास्कर, प्रश्या मंडम, राजस्थान के कोच- संजय कुमार, पवन शर्मा, तमिलनाडु के कोच- प्रवीण जॉनसन, आबुनाहीर और महाराष्ट्र के कोच- श्याम सुंदर, अ‍ॅलेक्स, डैनियल तथा इस खेल के निर्माता सुनील कॉड्रस, पागावाड़ सर की प्रमुख भूमिका रही।

ऐरोस्केटोबॉल खेल की जहां तक बात है यह खेल गेंद को हवा में उछालकर स्कैटिंग करते हुए खेला जाता है। यह खेल दक्षिण तथा  मध्य भारत में बहुत लोकप्रिय है। इस खेल के प्रति बच्चों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। बहुत कम समय में ही इस खेल की लोकप्रियता को देखते हुए उम्मीद है कि इसे शीघ्र ही केन्द्रीय खेल मंत्रालय तथा स्कूल गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया से मान्यता मिल जाएगी।

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