डोप टेस्ट से बचने ऐश्वर्या मेहरा का अता-पता नहीं

एएफआई को भी नहीं मिला कोई सुराग
नाडा और एआईयू को भी स्वर्ण पदक विजेता की तलाश
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
भारतीय एथलीट अपने कौशल में सुधार करने की बजाय शक्तिवर्धक दवाएं ले रहे हैं। हाल-फिलहाल कई मामले सामने आने के बाद अब कई एथलीट डोप टेस्ट देने की बजाय अंतर्ध्यान से हो गए हैं। इंडियन एथलेटिक्स फेडरेशन भी ऐसे खिलाड़ियों को लेकर चकरघिन्नी बना हुआ है। फेडेरेशन कप राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से ऐश्वर्या मेहरा भी गायब हैं।
एंटी डोपिंग एजेंसियां (नाडा और एआईयू) उनका डोप टेस्ट करने के लिए पिछले महीने से उन्हें ढूंढ़ रही हैं, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है। ऐश्वर्या ने अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई पदक नहीं जीता है, लेकिन दो और तीन अप्रैल को कोझिकोड में हुई प्रतियोगिता में उन्होंने 51.18 सेकेंड में 400 मीटर की दौड़ पूरी कर स्वर्ण पदक जीता था। इसके साथ ही वो सबसे तेज 400 मीटर दौड़ पूरी करने वाली तीसरी एथलीट बनी थीं। 
51.18 सेकेंड में 400 मीटर की दौड़ पूरी करने के बाद ऐश्वर्या जुलाई में अमेरिकी जमीन पर होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिए भी क्वालीफाई कर गईं। उनसे जल्दी सिर्फ दो भारतीय महिला एथलीटों ने 400 मीटर दौड़ पूरी की है। हिमा दास (50.79) और मनजीत कौर (51.05) ही ऐश्वर्या से जल्दी 400 मीटर दौड़ पाई हैं। फेडेरेशन कप में शानदार प्रदर्शन के बाद एएफआई ने उन्हें अपने कैम्प में भी शामिल किया था। उन्हें तुर्की में जाकर ट्रेनिंग करनी थी, लेकिन वो इस कैम्प में भी शामिल नहीं हुई हैं। एएफआई के पास दर्ज उनका फोन नम्बर भी गलत है। वो पहली बार मुंबई यूनिवर्सिटी की इंटर कॉलेज प्रतियोगिता में सामने आई थीं, जब उन्होंने 52.40 सेकेंड में 400 मीटर दौड़ पूरी की थी। इसके बाद वो राष्ट्रीय कैम्प का हिस्सा बनीं। अचानक उनके प्रदर्शन में निखार आने से कई लोगों ने उनके प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे। इसके बाद उनके प्रदर्शन में निखार आया और 2020 में उन्हें राष्ट्रीय कैम्प से बाहर कर दिया गया। 
2021 में फिर चमकीं ऐश्वर्या
2021 में ऐश्वर्या ने इंटर स्टेट चैम्पियनशिप में 400 मीटर दौड़ में महाराष्ट्र के लिए रजत पदक जीता। इसके बाद 200 मीटर दौड़ में फेडरेशन कप में सिल्वर जीता। उनके हरियाणा में होने की खबर सामने आई थी। पता चला था कि वो रोहतक में ट्रेनिंग कर रही हैं। इसके बाद पता चला कि वो अप्रैल के बाद से अपने हरियाणा वाले कोच के सम्पर्क में भी नहीं हैं। 
यह पहला मामला नहीं है, जब कोई भारतीय एथलीट डोप टेस्ट से भाग रही है। इससे पहले निर्मला शेवरन भी अपने निजी कोच के साथ ट्रेनिंग करती थीं। वो कभी भी राष्ट्रीय शिविर का हिस्सा नहीं बनीं और लम्बे समय तक उनकी भी कोई खबर नहीं थी। अंत में वो एक डोप टेस्ट में फेल हुईं और उन पर सालों का बैन लगा था। इसके साथ ही उनसे स्वर्ण पदक भी छीन लिया गया था, जो उन्होंने 2017 एशियन चैम्पियनशिप में जीता था। 

 

रिलेटेड पोस्ट्स