पचासा ठोक सुर्खियों में आए साई सुदर्शन
पिता एथलीट और मां हैं वालीबॉल चैम्पियन
मुम्बई। आईपीएल में 2022 में गुजरात की टीम अंक तालिका में सबसे ऊपर है। इस टीम ने 10 में से आठ मैच जीते हैं। गुजरात की जीत की सबसे बड़ी वजह यह है कि हर मैच में इस टीम को नया हीरो मिलता है। पंजाब के खिलाफ भले ही गुजरात को हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इस मैच में भी टीम को नया हीरो मिला। सभी बल्लेबाजों के फेल होने के बाद साई सुदर्शन ने नाबाद 65 रन बनाए और अपनी टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। यह आईपीएल में उनका पहला अर्धशतक था। हालांकि, यह पहला मौका नहीं था, जब साई सुदर्शन ने अपनी बल्लेबाजी से छाप छोड़ी हो। इससे पहले वो घरेलू स्तर पर कई बार कमाल कर चुके हैं।
साल 2021 में तमिलनाडु प्रीमियर लीग में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की थी और टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। इस टूर्नामेंट में उन्होंने आठ पारियों में 358 रन बनाए थे। इस दौरान उनका औसत 71.60 का था। उन्होंने तमिलनाडु के लिए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में भी कमाल का प्रदर्शन किया था।
गुजरात टाइटंस ने साई सुदर्शन को 20 लाख के बेस प्राइस में खरीदा था। शुरुआत में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन उनकी राज्य की टीम के कप्तान विजय शंकर के बाहर होने पर सुदर्शन गुजरात के लिए खेले। पहले ही मैच में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया और 35 रन की पारी खेली, लेकिन बड़ा स्कोर बनाने का मौका चूक गए। कुछ मैच बाद उन्हें टीम से बाहर किया गया। बाद में उनकी वापसी हुई तो 65 रन की शानदार पारी खेली।
साई सुदर्शन के पिता भारद्वाज एक एथलीट रहे हैं, जिन्होंने दक्षिण एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनकी मां ऊषा भारद्वाज वॉलीबॉल में राज्य स्तर पर तमिलनाडु की खिलाड़ी रह चुकी हैं। सुदर्शन के माता-पिता ने हमेशा ही क्रिकेट में करियर बनाने में उनका समर्थन किया। सुदर्शन ने अब तक अपने माता-पिता को निराश नहीं किया है। घरेलू क्रिकेट में कमाल करने के बाद उन्होंने आईपीएल के चार मैचों में 43.67 की औसत और 127.18 की स्ट्राइक रेट से 131 रन बना लिए हैं।
छोटे स्तर पर साई सुदर्शन को कोचिंग देने वाले वेंकटारमन्ना का मानना है कि सुदर्शन के अंदर बड़े स्तर कर जाने की क्षमता है। उनके पास कई तरह के स्टोक हैं और वो एक खिलाड़ी के रूप में लगातार मेहनत करके आगे बढ़ना जानते हैं। एक बार क्रीज पर जमने के बाद उनके अंदर बड़ी पारी खेलने की क्षमता है। यही सारी खूबियां उन्हें बड़ी खिलाड़ी बनाती हैं।