शीतकालीन ओलम्पिक पर सियासत का बाजार सरगर्म

अमेरिका और रूस एक-दूसरे का कर चुके हैं बायकॉट
भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध इसी वजह से बंद
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
साम्राज्यवादी सोच के कारण दुनिया के लिए मुसीबतें पैदा करने वाला चीन अब खेल में भी अपनी सोच लेकर उतर आया है। गलवान में पिछले साल भारत और चीन के सैनिकों में झड़प हुई थी। चीन ने उस वाकये में घायल हुए अपने एक सैनिक को 4 फरवरी से शुरू हो रहे बीजिंग विंटर ओलम्पिक में टॉर्च बियरर बना दिया है। भारत ने इसका विरोध जताया है और विंटर ओलम्पिक का डिप्लोमैटिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। 
पूरा घटनाक्रम अफसोसनाक है लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि खेल में राजनीति की दखल पहली बार नहीं हुआ है। क्रिकेट से लेकर ओलम्पिक तक पहले भी इससे प्रभावित होते रहे हैं। चलिए जानते हैं कब और क्यों ऐसा हुआ। भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट संबंध दोनों देशों की राजनीति तय करती है। भारत ने साफ कह दिया कि आतंकवाद और क्रिकेट एक साथ नहीं चल सकते हैं। इस कारण 2007 के बाद से दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज नहीं हुई है। दोनों टीमें सिर्फ आईसीसी इवेंट्स में आमने-सामने होती हैं। इससे पहले 1989 से 2004 के बीच भारतीय टीम ने हालात तनावपूर्ण होने के कारण पाकिस्तान का दौरा नहीं किया था।
भारत-पाकिस्तान की तरह इजराइल-फिलिस्तीन कॉनफ्लिक्ट ने भी खेलों पर असर डाला है। 1972 में जर्मनी के शहर म्यूनिख में आयोजित हुए समर ओलम्पिक के दौरान ब्लैक सेपटेंबर नाम के आतंकी समूह ने खेल गांव में इजराइल की टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में 11 इजराइली एथलीट मारे गए। रेस्क्यू ऑपरेशन की कोशिश के दौरान 8 में से 5 आतंकी वहीं मार दिए गए। इजराइल ने बाकी आतंकियों को बाद में मार गिराया। हालांकि, इस घटना के बावजूद ओलम्पिक खेल जारी रहे।
1980 समर ओलम्पिक का आयोजन सोवियत संघ की राजधानी मास्को में हुआ। वह कोल्ड वार का पीक टाइम था। अमेरिका ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ के दखल के विरोध में इस ओलम्पिक का बहिष्कार कर दिया। उस समय अमेरिकी ब्लॉक में शामिल अन्य देशों ने भी इस ओलम्पिक का बहिष्कार कर दिया। इसमें पाकिस्तान भी शामिल था। इसी ओलम्पिक में भारत ने अपना आठवां और आखिरी हॉकी का गोल्ड मेडल जीता था।
1980 में अमेरिकी ब्लॉक के बहिष्कार का बदला सोवियत संघ ने 1984 में लिया। सोवियत ब्लॉक के देशों ने लॉस एंजिल्स में आयोजित हुए ओलिंपिक गेम्स में हिस्सा नहीं लिया। भारत हमेशा से गुट निरपेक्ष रहा, लिहाजा भारत ने 1980 और 1984 दोनों ओलिंपिक में हिस्सा लिया था।
ऑस्ट्रेलिया नहीं कर रहा अफगानिस्तान की मेजबानी
अफगानिस्तान में पिछले साल सत्ता बदली है। वहां अब तालीबान का शासन है। तालिबान ने महिलाओं के खेलने पर पाबंदी लगा दी। इस कारण ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान की पुरुष टीम की टेस्ट क्रिकेट में मेजबानी से इनकार कर दिया। ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि जब तक अफगानिस्तान में महिला अधिकारों का हनन होगा वह अफगानिस्तान टीम की मेजबानी नहीं करेगा।

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