विराट से नाखुश थे सौरव गांगुली

कप्तानी विवाद पर बयानबाजी के लिए मिलने वाला था नोटिस
जय शाह ने खत्म कराया मुद्दा
मुम्बई।
भारतीय क्रिकेट में जारी कप्तानी विवाद में एक नया खुलासा हुआ है। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली साउथ अफ्रीका दौरे के लिए टीम की रवानगी से पहले विराट कोहली को नोटिस भेजने वाले थे, लेकिन, सचिव जय शाह के समझाने के बाद यह फैसला टाल दिया गया। गांगुली ने कहा था कि विराट को टी-20 की कप्तानी छोड़ने से रोका गया, लेकिन विराट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह दिया था कि उन्हें किसी ने नहीं रोका था। 
विराट ने यह भी दावा किया था कि वनडे टीम की कप्तानी से हटाए जाने के महज 90 मिनट पहले उन्हें इस बारे में बताया गया। विराट की इस बयानबाजी से गांगुली नाराज थे। बीसीसीआई सूत्रों ने बताया कि गांगुली ने सितंबर में रोहित शर्मा, चेतन शर्मा सहित सभी सिलेक्टर्स और कुछ अन्य बोर्ड ऑफिशयल्स की मौजूदगी में विराट को टी-20 की कप्तानी न छोड़ने को कहा था। यह बातचीत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही थी, लेकिन विराट नहीं माने। यहां तक सब ठीक था, लेकिन जब विराट ने मीडिया में जाकर गांगुली के दावे को गलत करार दे दिया तो मामला बिगड़ गया। गांगुली भड़क गए और विराट को शो कॉज यानी कारण बताओ नोटिस भेजने वाले थे।
सूत्र ने बताया कि BCCI के आधे से ज्यादा पदाधिकारी विराट को नोटिस भेजे जाने के पक्ष में थे, लेकिन एक तबका ऐसा करने के खिलाफ था। नोटिस का विरोध करने वालों में सचिव जय शाह भी शामिल थे। कहा जा रहा है कि जय शाह ने गांगुली से बात की और इसके बाद नोटिस नहीं भेजने का फैसला किया गया।
कप्तानी पूरी तरह छोड़ चुके हैं विराट
नोटिस का मामला साउथ अफ्रीका दौरे से ठीक पहले का है। बोर्ड ने तय किया था कि रोहित शर्मा वनडे और टी-20 फॉर्मेट में टीम के कप्तान होंगे और विराट टेस्ट की कमान संभालते रहेंगे, लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में हार के बाद उन्होंने टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ने का फैसला कर लिया। BCCI उनके इस्तीफे को मंजूर कर चुका है।
विराट ने जय शाह को फोन किया, लेकिन गांगुली को नहीं
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि जब विराट कोहली ने टेस्ट की कप्तानी से भी इस्तीफा देने का मन बनाया, तो उन्होंने जय शाह को ही फोन कर इसकी सूचना दी। उन्होंने सौरव गांगुली से बात नहीं की। माना जा रहा है कि विराट और गांगुली के बीच बातचीत बंद है। हालांकि, नियम के तहत कप्तान को ऐसे किसी डेवलपमेंट की सूचना सचिव को ही देनी होती है। आदर्श स्थितियों में उसे चीफ सिलेक्टर से भी बात करनी चाहिए, लेकिन विराट ने चीफ सिलेक्टर चेतन शर्मा से भी बात नहीं की।
विराट की अगुआई वाली भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का दावेदार माना जा रहा था। साउथ अफ्रीकी टीम युवा थी और उम्मीद थी कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में जीत हासिल करने वाली टीम इंडिया यहां भी अपना राज कायम करेगी। लेकिन, कप्तानी विवाद के बीच भारतीय टीम सिर्फ सेंचुरियन में खेले गए पहले टेस्ट में ही जीत हासिल कर पाई। अगले दो टेस्ट में मेजबानी टीम लगभग एकतरफा तरीके से हमें हराया। टेस्ट सीरीज के बाद पहले वनडे में भी भारत को हार सामना करना पड़ गया है।

रिलेटेड पोस्ट्स