टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका में जीत सकती है सीरीज

कई मामलों में भारतीय खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
अभी तक दक्षिण अफ्रीका में कोई टेस्ट सीरीज न जीत पाने का मिथक इस बार टीम इंडिया तोड़ सकती है क्योंकि हमारी टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जोकि दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों से श्रेष्ठ हैं। टेस्ट रिकॉर्ड को देखें तो अब तक टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसके घर में सीरीज नहीं जीत सकी है। इस बार विराट कोहली की सेना के पास सीरीज जीतने का सबसे सुनहरा मौका है।
भारतीय टीम 29 साल का सूखा खत्म करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर है। टीम इंडिया इस बार तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के साथ तीन वनडे मैचों की सीरीज भी खेलेगी। टेस्ट रिकॉर्ड को देखें तो अब तक टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसके घर में सीरीज नहीं जीत सकी है। इस बार विराट कोहली की सेना के पास सीरीज जीतने का सबसे सुनहरा मौका है।
जैसा कि पहले भी हमने बताया था कि अनुभव के मामले में टीम इंडिया के सामने इस बार दक्षिण अफ्रीकी टीम कमजोर है। मौजूदा भारतीय टीम का टेस्ट में कुल अनुभव 737 टेस्ट मैच का है। सीरीज के लिए चुने गए दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ियों ने कुल 331 टेस्ट खेले हैं। दक्षिण अफ्रीका के लिए मौजूदा टीम में शामिल खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा टेस्ट डीन एल्गर और क्विंटन डीकॉक ने खेले हैं। एल्गर ने 69 तो डीकॉक ने 53 टेस्ट मैच खेले हैं।
दूसरी ओर, अगर भारतीय टीम की बात करें तो एल्गर से ज्यादा टेस्ट मैच टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने खेले हैं। इनमें ईशांत शर्मा, विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और रविचंद्रन अश्विन हैं। ईशांत ने 105, विराट ने 97, पुजारा 92, अश्विन 81 और रहाणे ने 79 टेस्ट मैच खेले हैं। डीकॉक से ज्यादा टेस्ट तो मोहम्मद शमी के नाम हैं। उन्होंने 54 मुकाबलों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया है।
हाल के दिनों में यह देखा गया है कि जिस टीम के पास तीन मजबूत तेज गेंदबाज होते हैं उसे दक्षिण अफ्रीका में जीत मिलती है। इस मामले में अफ्रीकी टीम ही सबसे आगे रहती थी। उसके पास एक समय एलन डोनाल्ड, शॉन पोलॉक और मखाया एनटिनी की तिकड़ी थी। फिर डेल स्टेन, मोर्ने मोर्केल और वर्नोन फिलैंडर ने यह जिम्मेदारी संभाली। मौजूदा समय में दक्षिण अफ्रीकी टीम के पास तेज गेंदबाजी तिकड़ी नहीं है। कगिसो रबाडा का साथ देने के लिए अलग-अलग गेंदबाजों को आजमाया गया है, लेकिन वे लगातार नहीं खेल सके।
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीम अफ्रीकी जमीन पर इसलिए जीत सकी क्योंकि उसके पास बेहतरीन तेज गेंदबाजी तिकड़ी रही है। दक्षिण अफ्रीका ऐसी जगह नहीं है जहां आपको फायदा उठाने के लिए पहली पारी में 400 से अधिक रन बनाने की जरूरत हो। आपको अगर पहली पारी में 300 से ज्यादा रन भी बना लेते हैं तो विपक्षी को दबाव में ला सकते हैं। भारत के पास इस बार जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज की तिकड़ी है। इनके अलावा ईशांत शर्मा और उमेश यादव भी मौका मिलने पर अपने अनुभव से कमाल कर सकते हैं। 
हाल ही श्रीलंका जैसी अपेक्षाकृत कमजोर टीम दक्षिण अफ्रीका में सीरीज जीतने में सफल रही है। वे ऐसा करने वाली पहली एशियाई टीम बनी थी। श्रीलंका के पास विश्वा फर्नांडो, कसुन रजिथा और सुरंगा लकमल जैसे अनुभवहीन तेज गेंदबाज थे, लेकिन तीनों ने मिलकर अफ्रीकी टीम को नेस्तनाबूद कर दिया। तीनों में दो टेस्ट मैचों की सीरीज में दक्षिण अफ्रीका को 235, 259, 222 और 128 रन पर ऑलआउट किया।
दक्षिण अफ्रीकी टीम इस साल जून से एक भी मैच नहीं जीत सकी है। टीम ने पिछली सीरीज वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली थी। तब दक्षिण अफ्रीका को 2-0 से जीत मिली थी। पिछले छह महीनों में उनका ध्यान सिर्फ टी20 वर्ल्ड कप पर था। उसमें भी टीम जल्दी ही बाहर हो गई थी। उस टीम में शामिल एडेन मार्कराम, टेंबा बावुमा, क्विंटन डीकॉक, कगिसो रबाडा और केशव महाराज ने हाल में लाल गेंद से क्रिकेट नहीं खेली है। इन खिलाड़ियों के पास घरेलू टूर्नामेंट में खेलने का मौका था, लेकिन सबने आराम करने का विकल्प चुना। यहां तक कि किसी ने भारत-ए के खिलाफ अनाधिकृत टेस्ट सीरीज में भी हिस्सा नहीं लिया।
दूसरी ओर, टीम इंडिया की बात करें तो उसने दक्षिण अफ्रीका से पहले हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में जीत हासिल की है। कानपुर और मुंबई टेस्ट में भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और दक्षिण अफ्रीका की अपनी तैयारियों को पुख्ता किया। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत से टीम इंडिया का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है।

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