मैं संन्यास के बारे में सोचने लगा थाः रविचंद्रन अश्विन

जब शास्त्री ने कुलदीप को नम्बर वन स्पिनर कहा था
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
विराट कोहली और बीसीसीआई के बीच क्रिकेट कंट्रोवर्सी अभी खत्म नहीं हुई है, इसी बीच नया विवाद शुरू हो गया है। भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने पूर्व कोच रवि शास्त्री पर एक पुराने बयान को लेकर सवाल उठा दिया है। शास्त्री ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान कुलदीप यादव को नंबर वन स्पिनर बताया था।
अब अश्विन ने इस बयान पर अफसोस जाहिर किया है। अश्विन ने मंगलवार को कहा, "2018 के दौरे पर मेरे साथ अनदेखी हुई थी। तब ऐसा लगा कि मैं बुरी तरह कुचल दिया गया हूं, किसी ने बस के नीचे फेंक दिया हो। तब मैं खुद को टीम से अलग-थलग पा रहा था। ऐसा लग रहा था कि मुझे अकेला छोड़ दिया गया है। वह करियर का इतना बुरा वक्त था कि कई बार रिटायरमेंट के बारे में भी सोचता था।"
2018 के दौरे पर सिडनी टेस्ट में कुलदीप यादव ने पहली पारी में 5 विकेट लिए थे। इसके बाद शास्त्री ने कहा था कि विदेशों में वह भारत के नंबर वन स्पिनर हैं। शास्त्री ने कहा था कि हर किसी का समय आता है। कुलदीप के प्रदर्शन के बाद यहां तक कहा जाने लगा था कि अश्विन सिर्फ भारतीय पिचों पर गेंदबाजी करने के लिए बने हैं।
अश्विन ने बताया शास्त्री के बयान से वह क्यों टूट गए थे?
एक पल में खुद को टूटा हुआ पाया: टेस्ट में 427 विकेट ले चुके अश्विन ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से एक इंटरव्यू में कहा, "मैंने रवि भाई को काफी सम्मान दिया। हम सब ऐसा करते हैं। मेरा मानना है कि हम कुछ बातें कहते हैं और फिर उन्हें वापस ले लेते हैं, लेकिन उस एक पल में मैंने खुद को पूरी तरह से टूटा हुआ पाया। मैं कुलदीप के लिए खुश था। मैं एक पारी में 5 विकेट नहीं ले पाया हूं, लेकिन उसने लिए हैं। मुझे पता है कि यह कितनी बड़ी उपलब्धि है।"
अकेला छोड़ दिया तो जीत कैसे एन्जॉय करता: उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलिया में जीतना वैसे ही काफी खुशी भरा था, लेकिन मुझे महसूस कराया गया कि मैं विदेशी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकता। मुझे अकेला छोड़ दिया गया, तो फिर मैं कैसे टीम या टीम के साथी की सफलता की पार्टी को एन्जॉय कर पाता? मैं अपने कमरे में गया और पत्नी से बात की, मेरे बच्चे भी वहीं थे। तब हम ऐसी बातों को किनारे कर देते हैं। मैं पार्टी में भी गया, क्योंकि आखिरकार हमने एक बड़ी सीरीज जीती थी।"
गेंद डालने पर सांसें फूलती थीं, तभी रिटायरमेंट की सोची: 
अश्विन बोले, "2018 और 2020 के बीच ऐसा वक्त आया था, जब क्रिकेट से संन्यास के बारे में सोचने लगा था। लगता था कि मैं काफी कोशिश कर रहा हूं, लेकिन सफल नहीं हो रहा हूं। मैं जितना ट्राई करता था, चीजें उतनी ही मुश्किल हो रही थीं।
"6 गेंद डालता था और सांसें फूल जाती थीं। बॉडी में काफी दर्द भी होता था। जब घुटने का दर्द तेज होता, तो अगली गेंद पर मेरा जंप भी कम हो जाता था। जब मैं कम कूदता था, तो कंधों और पीठ के जरिए मुझे अधिक जोर लगाना होता था और फिर ऐसा करने से मैं और भी तकलीफ में खुद को डाल देता था। यही वह समय था जब लगता था कि अब मुझे इस खेल से ब्रेक ले लेना चाहिए।"

 

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