प्रो कबड्डी लीग में एक ही टीम के लिए खेलेगी बाप-बेटे की जोड़ी

नई दिल्ली। प्रो कबड्डी लीग के आठवें सीजन में भी दिल्ली की टीम कमाल करने के लिए तैयार है। अनुभवी जोगिंदर नरवाल की कप्तानी में उनके बेटे भी दिल्ली के लिए अपना दम दिखाएंगे। प्रो कबड्डी लीग के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब पिता की कप्तानी में उनका बेटा भी उसी टीम के लिए खेलेगा। पिछले साल फाइनल में पहुंचने वाली दिल्ली इस बार खिताब अपने नाम करना चाहेगी। जोगिंदर एक खिलाड़ी से ज्यादा एक कप्तान के रूप में अपनी टीम के लिए उपयोगी होंगे। इससे पहले भी कई लीग में उन्होंने शानदार कप्तानी की है। 
1. प्रो कबड्डी लीग के इतिहास में दबंग दिल्ली का डिफेंस सबसे खराब है। आपके सिर्फ 34 फीसदी टैकल के प्रयास ही सफल होते हैं। इस बार अपने डिफेंस को लेकर क्या तैयारी की है।
हमारी टीम का डिफेंस कमजोर नहीं है। कई बार गलती हो जाती है, हर टीम से होती है। टीम के रेडर और डिफेंडर दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया था तभी टीम फाइनल तक पहुंची थी। इस बार भी हमारी तैयारी बेहतरीन है।  
2. पिछला सीजन आपके लिए बेहद शानदार रहा था, हालांकि आप खिताब नहीं जीत पाए। इस बार क्या प्लान है। पिछले सीजन की तरह ही खेलेंगे या फिर कुछ अलग रणनीति के साथ उतरेंगे। 
पिछले सीजन की तरह ही खेलेगें। इस बार हम दिल्ली के लिए ट्रॉफी जीतना चाहेंगे। 
3. पिछले सीजन में अच्छा खेलने के बाद आपकी टीम लंबे समय बाद कोर्ट पर उतरेगी। इतने लंबे गैप के बाद फिर से एक टीम को तैयार करने में क्या परेशानी आती है। खिलाड़ियों के लिए फिर से मेल-जोल बिठाना कितना मुश्किल होता है। 
सभी टीमें लंबे समय बाद कोर्ट पर उतरेंगी। हम लगातार प्रैक्टिस करते रहते हैं और अलग-अलग टीमों के लिए खेलते हैं। साल भर हमारी तैयारी चलती रहती है। सभी खिलाड़ी एक दूसरे को बहुत अच्छे से जानते हैं। टीम का संयोजन ठीक है।
4. कबड्डी के इतिहास में पहली बार बाप और बेटे की जोड़ी एक साथ कोर्ट पर उतरेगी। आप इसे किस तरह देखते हैं। 
मेरा बेटा मेरे साथ खेल रहा है, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। 
5. कोरोना के समय में खुद को कैसे फिट रखा और वापसी में क्या सबसे चुनौती रही है।  
हम गांव में रहते हैं, वहां हमेशा ही अपनी प्रैक्टिस जारी रखते हैं। कोरोना के समय में भी हमारी प्रैक्टिस चालू थी। 
6. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमेशा से कबड्डी में भारत का दबदबा रहा है, लेकिन 2018 एशियन गेम्स में भारत को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। अगले सीजन के लिए क्या तैयारी है और किस टीम को भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं।
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि हम जीत नहीं सकते। हिंदुस्तान के खिलाड़ी बहुत मजबूत हैं। अगला एशियन गेम्स हमारे नाम होगा। 

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