ससुराल में नाराज हुए लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर

उनकी नाराजगी पर मीडिया सेंटर को लिफ्ट का गिफ्ट
खेलपथ संवाद
कानपुर।
ग्रीन पार्क की मीडिया गैलरी की बहुप्रतीक्षित लिफ्ट के मामले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर ली हैं, यह सब अपनी ससुराल में सुनील गावस्कर की नाराजगी से हो सका। भारत और न्यूजीलैंड टेस्ट मैच से पहले यहां लिफ्ट न लगाने से पूर्व कप्तान व इंटरनेशनल कमेंटेटर सुनील गावस्कर नाराज थे। उन्होंने इस मामले में यूपीसीए और खेल निदेशक को आड़े हाथ लिया। इसके बाद यूपीसीए हरकत में आया। जिला प्रशासन के साथ मिलकर मीडिया सेंटर में लिफ्ट लगवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
रविवार दोपहर बाद सुनील गावस्कर और कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने लिफ्ट लगने के स्थान पर दोबारा भूमि पूजन किया। उन्होंने नारियल फोड़कर कार्य की शुरुआत की। भूमि पूजन के बाद गावस्‍कर ने पूछा कि लिफ्ट लगाने में इतनी देर क्यों की गई? - 'मैंने 2016 में ग्रीन पार्क में हुए मैच के दौरान लिफ्ट लगवाने के लिए रिक्वेस्ट की थी, लेकिन इतने साल बाद भी आप लोग लिफ्ट नहीं लगा पाए।
उनके सवाल का जवाब देते हुए कमिश्नर ने कहा कि वे लोग गावस्कर से ही लिफ्ट का भूमि पूजन कराना चाह रहे थे। इसी वजह से देरी हुई। सुनील गावस्कर 2016 के टेस्ट मैच में कमेंट्री करने के लिए ग्रीन पार्क आए थे। उसके बाद वह आईपीएल के 4 मैचों समेत 1 वन-डे और टी-20 में कमेंट्री करने भी आए थे। इस दौरान 60 से 65 मीटर की ऊंचाई तक उन्हें सीढ़ियों से जाना पड़ा था। इससे उनको काफी दिक्कत हुई थी। तब उन्होंने यूपीसीए और खेल विभाग से मीडिया सेंटर में लिफ्ट लगाने की बात कही थी। इसके बाद से यूपीसीए ने कई बार इसकी प्रस्तावना खेल विभाग को सौंपी।
ग्रीन पार्क में तैनात निवर्तमान आरएसओ अजय सेठी ने इसकी सुध नहीं ली। ग्रीन पार्क को टेस्ट मैच मिलते ही खेल विभाग को लिफ्ट लगवाने की याद आई। उसने आनन-फानन में इसको लगाने के लिए तैयारियां शुरू कर दीं। नवरात्रि में उप निदेशक खेल मुद्रिका पाठक ने अपनी ओर से भूमि पूजन भी कर दिया। यूपीसीए के सीनियर जनरल मैनेजर कॉर्पोरेट अनिल कम्थान ने बताया कि मीडिया सेंटर में 75 दिनों के भीतर लिफ्ट लग जाएगी। इसका उद्घाटन करने के लिए भी हमने सुनील गावस्कर को इनविटेशन दिया है। 
गावस्कर ने तोड़ा बायो बबल घेरा
बीसीसीआई के निर्देशों के मुताबिक कोई खिलाड़ी, स्पोर्टिंग स्टाफ और कमेंटेटर बायो बबल घेरे के बाहर नहीं जा सकेगा। यह इसलिए बनाया गया था ताकि कोरोना का संक्रमण खिलाड़ियों में न आ सके। हालांकि, न तो खिलाड़ी मान रहे हैं न ही कमेंटेटर। मैच शुरू होने से पहले कप्तान अजिंक्य रहाणे और कोच राहुल द्रविड़ ने यह घेरा तोड़ा था और अब कमेंटेटर ने तोड़ा। सुनील गावस्कर भूमि पूजन स्थल पहुंचे, तो वहां पूर्व टेस्ट खिलाड़ी गोपाल शर्मा को देखकर उन्होंने अपना हाथ उनसे मिलाने के लिए बढ़ा दिया। गावस्कर शायद यह भूल गए थे कि वह बायो बबल घेरे में हैं।
क्या मैं कोई नेता हूं
लम्बे समय से बहुप्रतीक्षित मीडिया गैलरी की लिफ्ट लगने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। शनिवार सुबह लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर जब कमेंट्री करने के लिए ग्रीन पार्क स्टेडियम के मीडिया सेंटर की तरफ बढ़े तो वहां उन्हें यूपीसिए के मोहम्मद अली खान और उप निदेशक खेल मुद्रिका पाठक दिख गए। सुनील ने उन्हें वहीँ और एक बार फिर से दोनों से पूछा कि लिफ्ट का कुछ हो पाएगा या नहीं। तो उन लोगों का जवाब सुनकर सुनील गावस्कर भी हंसने लगे।
शनिवार को सुनील गावस्कर की नजर जैसे ही खेल निदेशक और यूपीसीए के एपेक्स कमेटी के सदस्य अहमद अली खान पर पड़ी उन्होंने उनको मीडिया सेंटर के बाहर ही रोक कर नाराजगी जताते हुए कहा कि आप लोगों से मैंने पिछले मैच के दौरान भी बोला था कि कम से कम एक लिफ्ट तो लगवा दो पर आप ने मेरी एक न सुनी। मैंने सुना है लिफ्ट लगने के लिए अप्रूवल भी आ चुका है और लिफ्ट के लिए भूमि पूजन भी हो चुका है उसके बावजूद अब तक एक भी लिफ्ट नहीं लगी। 
इसका जवाब देते हुए उप निदेशक खेल मुद्रिका पाठक ने कहा हम लोग तो आपका इंतज़ार कर रहे थे कि आप आएंगे तो नारियल फोड़ कर इसका पूजन करेंगे। यह बात सुनते ही सुनील गावस्कर के मुंह से हंसी फूट पड़ी और सुनील ने बोला क्या मैं आपको कोई नेता दिखता हूं जो यह सब काम करूंगा। उन्होंने आगे कहा जब तक आप लोग अपने सेंटर में सुविधाएं नहीं देंगे तो सेंटर को मैच कैसे मिलेंगे।
क्या है लिफ्ट का मामला...
दरअसल काफी सालों से ग्रीन पार्क के मीडिया सेंटर में लिफ्ट लगाने की बात चल रही है। इससे पहले 22 सितम्बर. 2017 को ग्रीन पार्क के ऐतिहासिक 500वां टेस्ट मैच के दौरान लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने मीडिया सेंटर में लिफ्ट न होने की शिकायत यूपीसीए के अधिकारियों से की थी। उन्होंने कहा था कि कमेंट्री बॉक्स चौथे फ्लोर में होने के चलते आवाजाही में काफी परेशानी होती है। जिसका संज्ञान यूपीसीए और जिला प्रशासन ने लिया तो लेकिन दोनों ही संस्थानों ने कुछ किया नहीं। कमिश्नर राजशेखर और यूपीसीए के अधिकारियों ने कई बार ग्रीन पार्क का निरीक्षण भी किया लेकिन लिफ्ट लगाने की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।

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