मेरी भावनाओं को समझते हैं क्लॉजः नीरज चोपड़ा

अगले ओलम्पिक तक वर्तमान कोच पर ही जता रहे भरोसा
खेलपथ संवाद
नई दिल्ली।
टोक्यो ओलम्पिक में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वे ओलम्पिक में ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। नीरज की जीत के पीछे पूर्व कोच उवी होन और वर्तमान कोच क्लॉज बार्तोनीत्ज का अहम किरदार रहा। नीरज क्लॉज के साथ आगे भी काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि क्लॉज की तकनीक उनके अनुकूल है। 
नीरज ने कहा कि वह क्लॉज के साथ 2024 पेरिस ओलम्पिक तक काम करते रहना चाहते हैं। इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि क्लॉज गंभीर मौके पर भी अपनी बातों से उन्हें हंसाते रहते हैं और मूड लाइट करने की कोशिश करते हैं। नीरज ने कहा कि एक समय ऐसा आता है, जब मैं ट्रेनिंग सेशन में सीरियस नहीं रहना चाहता हूं। कुछ कोच ऐसे होते हैं कि डंडा पकड़के पीछे खड़े होते हैं, लेकिन क्लॉज सर अलग हैं। 
23 साल के नीरज ने कहा- हम गंभीर होते हैं, लेकिन क्लॉज सर बीच-बीच में मजाक करते रहते हैं, जिससे माहौल अच्छा बना रहता है और ट्रेनिंग में मजा आता है। मेरी उनके साथ अच्छी दोस्ती है। अगले ओलम्पिक तक मैं उनके साथ ही काम करना चाहता हूं। नीरज क्लॉज बार्तोनीत्ज के साथ 2019 से काम कर रहे हैं। इससे पहले नीरज उवी होन के साथ थे। होन को हाल ही में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने रिलीज कर दिया था।
नीरज ने बताया कि फाइनल मुकाबले से पहले उन्होंने ज्यादा ट्रेनिंग नहीं की थी। भारत के स्वर्ण पदक विजेता ने कहा- ज्यादातर एथलीट्स दो से तीन घंटे पहले मैदान पर पहुंचकर ट्रेनिंग कर रहे थे और काफी थ्रो कर रहे थे। पर मैंने सिर्फ दो से तीन थ्रो किए, क्योंकि अहम मुकाबले से पहले मैं सारी ताकत बचाना चाहता था। यह तक्नीक काम आई।

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