भारतीय हॉकी खिलाड़ियों को मिले पुरस्कारों पर बेल्जियम ने उठाए सवाल

ओलम्पिक चैम्पियन बेल्जियम के सवाल जायज
लुसाने।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ (एफआईएच) के वार्षिक पुरस्कारों में बुधवार को अपना दबदबा बनाया तथा मतदान पर आधारित प्रणाली में सभी वर्गों में शीर्ष पुरस्कार हासिल किए जिसे पुरुष ओलम्पिक चैम्पियन बेल्जियम ने पुरस्कारों की विफलता करार दिया। बेल्जियम के विरोध के बाद एफआईएच ने कहा कि वह यह पता लगाने का प्रयास करेगा कि कुछ संघों ने अपना मत क्यों नहीं डाला।
भारत के पांच खिलाड़ियों तथा पुरुष और महिला टीमों के मुख्य कोच ने विभिन्न वर्गों में सर्वाधिक मत पाकर शीर्ष पुरस्कार हासिल किए। भारतीय पुरुष हाकी टीम ने टोक्यो ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीता था जबकि महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी। गुरजीत कौर (महिला) और हरमनप्रीत सिंह (पुरुष) ने अपने वर्गों में वर्ष का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार हासिल किया। सविता पूनिया (सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर, महिला), पीआर श्रीजेश (सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर, पुरुष), शर्मिला देवी (सर्वश्रेष्ठ उदीयमान स्टार, महिला) और विवेक प्रसाद (सर्वश्रेष्ठ उदीयमान स्टार, पुरुष) के साथ-साथ भारत की महिला टीम के कोच सोर्ड मारिन और पुरुष टीम के मुख्य कोच ग्राहम रीड भी सर्वाधिक मत पाकर शीर्ष पर रहे। ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत और गुरजीत ने अपनी टीमों की तरफ से ओलम्पिक खेलों में सर्वाधिक गोल किए थे।
हॉकी बेल्जियम ने विजेताओं की घोषणा होने के बाद इस पर कड़ी प्रतिक्रिया की और पुरस्कारों की प्रक्रिया पर सवाल उठाए क्योंकि टोक्यो खेलों के चैम्पियन को एक भी पुरस्कार नहीं मिला। राष्ट्रीय संघों के मतों को कुल परिणाम का 50 प्रतिशत माना गया। राष्ट्रीय संघों का प्रतिनिधित्व उनके संबंधित राष्ट्रीय कप्तानों और कोच ने किया। इसके अलावा प्रशंसकों और खिलाड़ियों (25 प्रतिशत) तथा मीडिया (25 प्रतिशत) के मतों के आधार पर अंतिम फैसला किया गया। यूरोप के 42 सदस्यों में से केवल 19 संघों ने ही मतदान में हिस्सा लिया जबकि एशिया के 33 सदस्यों में से 29 ने मत डाले।
हॉकी बेल्जियम ने ट्वीट किया, "हम इन पुरस्कारों के परिणामों से बेहद निराश हैं। एक स्वर्ण पदक विजेता टीम जिसके सभी वर्गों में कई नामांकन थे, उसे एक भी पुरस्कार नहीं मिला जिससे मत प्रणाली की विफलता का पता चलता है। हम भविष्य में एक निष्पक्ष प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए एफआईएच के साथ काम करेंगे।" टीम के आधिकारिक हैंडल पर भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त की गई हैं। टीम की तरफ से ट्वीट किया गया, "हम पूरी तरह से सहमत हैं। यह सामान्य नहीं है। हमारे खेल की विश्वसनीयता और छवि एक बार फिर मुश्किल दौर से गुजर रही है। बेहद अफसोस की बात है।"
एफआईएच के अनुसार, कुल 79 राष्ट्रीय संघों ने मतदान में हिस्सा लिया। इनमें अफ्रीका के 25 सदस्यों में से 11, एशिया के 33 में से 29, यूरोप के 42 में से 19, ओसेनिया के आठ में से तीन तथा पैन अमेरिका के 30 में से 17 सदस्य शामिल हैं। रिकार्ड 300000 प्रशंसकों ने मतदान किया। पुरस्कारों में प्रशंसकों की भागीदारी बेजोड़ रही। बेल्जियम की आपत्ति के बाद भी एफआईएच ने बयान जारी करके अपनी स्थिति स्पष्ट की और वादा किया कि अगर जरूरी हुआ तो वह इसकी समीक्षा करेगा। 

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