78 रन पर ढेर हुई टीम इंडिया

89 साल में नौवां सबसे छोटा स्कोर
हमीद-बर्न्स की सेंचुरी पार्टनरशिप से इंग्लैंड मजबूत 
हेडिंग्ले।
भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मुकाबला लीड्स के हेडिंग्ले में खेला जा रहा है। टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए टीम इंडिया पहली पारी में 78 रन पर ऑलआउट हो गई। यह टेस्ट में 89 साल में भारत का 9वां सबसे छोटा स्कोर है। जवाब में इंग्लैंड ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक बिना विकेट गंवाए 120 रन बना लिए हैं। रोरी बर्न्स 52 और हसीब हमीद 60 रन बनाकर क्रीज पर हैं। 
पहली पारी के आधार पर इंग्लैंड ने भारत पर अब तक 42 रन की लीड ले ली है। हसीब ने टेस्ट करियर की तीसरी और बर्न्स ने 10वीं फिफ्टी लगाई। दोनों के बीच हुई पार्टनरशिप पिछले 10 साल में उनके होम ग्राउंड पर भारत के खिलाफ पहली ओपनिंग सेंचुरी पार्टनरशिप है। इससे पहले 2011 में एजबेस्टन में एंड्र्यू स्ट्रॉस और एलिस्टेयर कुक ने 186 रन की पार्टनरशिप की थी। यह इंग्लैंड के लिए 2021 की सबसे बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप भी है।
इससे पहले टीम इंडिया 78 रन पर सिमट गई। यह भारत का इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में तीसरा सबसे छोटा स्कोर है। भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 1974 में 42 रन और 1952 में मैनचेस्टर में 58 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी। ओवरऑल भारत का सबसे छोटा स्कोर 36 रन का है, जो उन्होंने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था। यह टेस्ट में 26वीं बार है जब टीम इंडिया 100 से कम के स्कोर पर सिमट गई।
विदेशी जमीन पर पहली पारी में भारत का दूसरा सबसे छोटा स्कोर
टीम इंडिया विदेशी जमीन पर अपनी पहली पारी में दूसरे सबसे छोटे स्कोर पर सिमटी है। रिकॉर्ड 58 रनों का है। 1947 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट में भारत की पहली पारी 58 रनों पर सिमटी थी। इंग्लैंड के खिलाफ 1952 में मैनचेस्टर टेस्ट में भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 58 रनों पर ही सिमट गई थी।
28 मिनट के अंदर भारत ने 5 विकेट गंवाए
भारत ने अपने आखिरी 5 विकेट 11 रन और 28 मिनट के अंदर गंवा दिए। रोहित शर्मा 67 रन के कुल स्कोर पर भारतीय समयानुसार शाम 6:59 बजे आउट हुए थे। इसके 28 मिनट में भारतीय टीम ने 4 और विकेट गंवा दिए। शाम 7:27 बजे तक मोहम्मद शमी, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज भी पवेलियन लौट चुके थे। जेम्स एंडरसन और क्रेग ओवरटन ने 3-3 और ओली रॉबिन्सन और सैम करन ने 2-2 विकेट झटके।
भारत ने 11 रन बनाने में 5 विकेट गंवा दिए

जेम्स एंडरसन ने भारत को शुरुआती 3 झटके दिए। उन्होंने लोकेश राहुल (0), चेतेश्वर पुजारा (1 रन) और विराट कोहली (7 रन) को पवेलियन भेजा।

एंडरसन ने तीनों को विकेटकीपर जोस बटलर के हाथों कैच कराया। अजिंक्य रहाणे (18 रन) लंच से पहले आखिरी ओवर में आउट हो गए।
लंच के बाद रॉबिन्सन ने ऋषभ पंत को आउट किया। उन्होंने रहाणे और पंत दोनों को विकेटकीपर बटलर के हाथों कैच कराया।
क्रेग ओवरटन ने 37वें ओवर में लगातार 2 बॉल पर 2 विकेट लिए। उन्होंने पहले रोहित शर्मा को रॉबिन्सन के हाथों कैच कराया।
रोहित 105 बॉल पर 19 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद ओवरटन ने अगले बॉल पर मोहम्मद शमी (0) को रोरी बर्न्स के हाथों कैच कराया।
38वें ओवर में करन बॉलिंग के लिए आए। उन्होंने इस ओवर की दूसरी और तीसरी बॉल पर रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह को पवेलियन भेजा।
यानी 67 रन के कुल स्कोर पर भारत के 4 विकेट गिरे। जडेजा 4 रन, बुमराह शून्य और सिराज 3 रन पर आउट हुए। भारत के 3 बल्लेबाज 0 पर आउट हुए।
इंग्लिश कप्तान जो रूट फील्डिंग के दौरान कोहनी में चोट लगा बैठे। इसके बाद वे मैदान से बाहर चले गए। उनकी अनुपस्थिति में लंच तक जोस बटलर ने कमान संभाली। रूट की चोट गंभीर नहीं थी और वे लंच के बाद मैदान पर वापस लौट आए।
एंडरसन ने कोहली को 7वीं बार आउट किया। उन्होंने टेस्ट में कोहली को सबसे ज्यादा बार आउट करने के ऑस्ट्रेलिया के नाथन लायन के रिकॉर्ड की बराबरी की। लायन ने 33 पारियों में और एंडरसन ने 41 पारियों में यह मुकाम हासिल किया। इस सीरीज में दूसरी बार एंडरसन ने कोहली को पवेलियन भेजा।
विराट ने 5 टेस्ट के बाद टॉस जीता
विराट ने 5 टेस्ट के बाद टॉस जीता। पिछला टॉस उन्होंने फरवरी 2021 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ ही जीता था। भारतीय कप्तान ने टीम में कोई बदलाव नहीं किया, जबकि इंग्लिश टीम के कप्तान जो रूट ने 2 बदलाव किए। डोमिनिक सिबली और मार्क वुड की जगह डेविड मलान और क्रेग ओवरटन को टीम में जगह मिली।
विराट ने नहीं बदली टीम
यह विराट की कप्तानी में 64 टेस्ट में सिर्फ चौथी बार है जब भारतीय टीम में लगातार 2 टेस्ट में कोई बदलाव नहीं किया गया। इससे पहले 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ ट्रेंट ब्रिज और साउथैम्टन टेस्ट, 2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ नॉर्थ साउंड और किंग्सटन और 2019/20 में बांग्लादेश के खिलाफ इंदौर और कोलकाता टेस्ट में विराट ने प्लेइंग-11 में कोई बदलाव नहीं किया था।​​​​​​ विराट कभी 2 टेस्ट से ज्यादा उसी टीम के साथ मैदान पर नहीं उतरे हैं।

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